गड़बड़ लाइफस्टाइल से होता है फैटी लिवर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लिवर से संबंधित कई तरह की बीमारियां वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम रही हैं। लिवर में फैट बनने यानी फैटी लिवर की समस्या का खतरा कम उम्र के लोगों में भी देखा जा रहा है। देश में हर तीसरे व्यक्ति को फैटी लिवर डिजीज होने का अनुमान है। सभी लोगों को लिवर की बढ़ती इस बीमारी को लेकर सावधानी बरतना और बचाव के लिए उपाय करते रहना जरूरी है। लिवर में फैट जमने का खतरा उन लोगों में भी देखा जाता रहा है जो शराब नहीं पीते हैं। इसके लिए लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी एक कारण हो सकती है। वजन अधिक होना, शुगर कंट्रोल में न रहना भी इस रोग का एक बड़ा कारण मानी जाती हैं। फैटी लिवर की दिक्कत से बचे रहने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव किए जाने आवश्यक हैं।
शराब है नुकसानदेह
लिवर के लिए जिन चीजों को सबसे हानिकारक माना जाता है, शराब पीने की आदत उसमें प्रमुख है। अत्यधिक शराब के सेवन से न सिर्फ फैटी लिवर की समस्या होती है बल्कि इससे लिवर फेलियर तक का भी जोखिम रहता है। फैटी लीवर रोग से पीडि़त लोगों को शराब का सेवन बिल्कुल न करने की सलाह दी जाती है। हालांकि शराब न पीने वालों में भी फैटी लिवर की समस्या होने का खतरा रहता है।
व्यायाम जरू री
वैसे तो नियमित व्यायाम सभी के लिए महत्वपूर्ण है। दिन में किसी भी समय व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है लेकिन इसे न करने से फैटी लिवर रोग के खतरा बढ़ता ही है साथ ही इससे शारीरिक और मानसिक कई प्रकार की समस्याओं का खतरा भी हो सकता है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से न सिर्फ फैटी लिवर के प्रबंधन में मदद मिलती है साथ ही जिन लोगों को ये समस्या नहीं है उनमें इस तरह की समस्याओं के जोखिमों को भी कम करता है। इसलिए एनएएफएलडी की समस्या वाले लोगों को सप्ताह में कम से कम 150-300 मिनट के मध्यम एरोबिक व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। जिससे इस समस्या से राहत मिल सके। और शरीर स्वस्थ्य रह सके।
चीनी का सेवन करें कम
फैटी लिवर रोग विशेष रूप से नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) के लिए अधिक मात्रा में चीनी के सेवन को जिम्मेदार माना जाता है। ये आदत ब्लड शुगर के स्तर को काफी बढ़ा देती है जिससे लिवर में वसा की मात्रा बढऩे लगती है। कैंडी, आइसक्रीम और मीठे पेय भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
फैटी होने का कारण
ऐसे कई कारण हैं जो लिवर में फैट की मात्रा बढ़ाने वाले हो सकते हैं। हाई कैलोरी वाली चीजें खाने से जोखिम बढ़ सकती है। जब हमारा लिवर, फैट वाली चीजों को सामान्य रूप से संसाधित और विघटित नहीं कर पाता है तो इसके कारण फैट जमने का खतरा हो सकता है। मोटापा, मधुमेह या हाई ट्राइग्लिसराइड्स जैसी कुछ अन्य स्थितियों से पीडि़त लोगों में भी फैटी लिवर विकसित होने की आशंका अधिक होती है।