झाड़ू छोडक़र कमल उठाने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी भास्कर राव हारे
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा की चमाराजपेट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बीजेड जहीर अहमद ने बड़ी जीत दर्ज की है, उन्होंने भाजपा उम्मीदवार पूर्व आईपीएस भास्कर राव को हराया है। भास्कर राव ने चुनाव से ठीक पहले ही भाजपा का दामन थामा था। उससे पहले वह कर्नाटक में आम आदमी पार्टी का प्रमुख चेहरा थे।यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। 2018 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। बीजेड जहीर अहमद ही इस सीट से विधायक थे, जिन पर इस बार भी कांग्रेस ने भरोसा जताया है।
बैंगलोर सेंट्रल जिले की यह सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीट मानी जाती है, यहां से भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी भास्कर राव पर भरोसा जताया था। भास्कर राव कर्नाटक में आम आदमी पार्टी का चेहरा थे, लेकिन एन वक्त पर उन्होंने आम आदमी पार्टी छोडक़र भाजपा की सदस्यता ले ली थी।जेडीएस से यहां गोविंदराजु मैदान में उतरे थे।
2018 के विधानसभा में चुनाव में कांग्रेस के जहीर अहमद ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के एम लक्ष्मीनारायण को 33137 मतों से पराजित किया था। 2008 और 2013 के चुनाव में भी यहां से जहीर अहमद ही जीते थे, लेकिन उस चुनाव में वह जेडीएस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। उससे पहले 1999 और 2004 में यह सीट कांग्रेस के पास रही थी। खास बात ये है कि 1994 के बाद से भाजपा इस सीट पर अब तक नहीं जीत सकी है।
चमाराजपेट सीट से चुनाव लडऩे वाले भास्कर राव पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, मार्च माह में ही उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उससे पहले वह कर्नाटक में आम आदमी पार्टी का बड़ा चेहरा थे। 11 माह आप में रहने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा था, उस समय भाजपा नेता आर अशोक ने भास्कर राव की भाजपा में एंट्री कराई थी। इस सीट पर भाजपा 1994 के बाद से कमजोर रही है, ऐसे में पार्टी ने इस बार भास्कर राव पर दांव खेला था। राव 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। 2021 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वह मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले हैं।
भास्कर राव आईपीएस सर्विस के दौरान विवादों में भी रहे हैं, सबसे ज्यादा चर्चा 2019 में उनके एक ऑडियो लीक को लेकर हुई थी, बाद में जेडीएस और बीजेपी नेताओं की फोन टैपिंग को लेकर भी वह विवादों में रहे थे। कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथनारायण ने भास्कर राव पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया था। उनका आरोप था कोविड के दौरान राव ने फार्मा कंपनियों ने वसूली की थी।