थाने की जमीन हथियाने पर फंसे पूर्व विधायक
डीएम की ऑपरेशन माफिया कमर तोड़ अभियान के तहत हुई बड़ी कार्रवाई
समिति बनाकर हथियाई थी जमीन, अब दर्ज हुआ केस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बलरामपुर। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। बलरामपुर जिले के उतरौला विधानसभा सीट से विधायक रहे आरिफ अनवर हाशमी की अब तक 120 करोड़ की संपत्ति जब्त हो चुकी है, लेकिन फिर भी मुश्किलें हैं कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अब एक बार फिर पूर्व विधायक के जालसाजी की पोल खुल गई है। जिलाधिकारी अरविन्द सिंह ने ऑपरेशन माफिया कमर तोड़ अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की है।
दरअसल, इस बार मामला थाने की जमीन कब्जियाने का सामना आया है। सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी और उनके भाई मारूफ अनवर हाशमी, परिवार और समिति के सदस्यों के खिलाफ थाने की जमीन कब्जा करने के मामले में धोखाधड़ी जालसाजी सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
बलरामपुर के डीएम अरविंद सिंह का ऑपरेशन माफिया कमरतोड़ अभियान लगातार जारी है। डीएम के 72 घंटे के अभियान में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी, उनके भाई मारूफ अनवर हाशमी तथा गैंग के अन्य सदस्यों के खिलाफ एसडीएम उतरौला को भेजकर सादुल्लाह नगर थाने में गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
वापस सरकार के नाम हुई कब्जाई जमीन
दरअसल पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने एक समिति बनाकर करीब 15 साल पहले सादुल्लाह नगर थाने की जमीन अपने सगे भाई तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम जाली दस्तावेज के जरिए समिति के नाम दर्ज करवा लिया। इस समिति के अध्यक्ष उनके भाई तथा सदस्य परिवार और सहयोगी लोग हैं। उसके बाद इस जमीन पर कब्जा कर लिया। डीएम ने मजिस्ट्रेट की निगरानी में सूचीबद्ध माफिया पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी के काले कारनामों को उजागर करने के लिए साक्ष्य एकत्रित करवाया। डीएम के न्यायालय पर साक्ष्य इक_ा होने के बाद थाना की कब्जा की गई जमीन को विगत 19 मार्च को पुन: सरकार के पक्ष में फैसला कर दिया। तथा बीते 30 मार्च को जमीन पुन: सरकार के पक्ष में थाने के नाम शासकीय अभिलेखों में दर्ज करा दी गई। सोमवार को इन सभी आरोपियों के खिलाफ डीएम के आदेश पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया।
15 साल से था पूर्व विधायक का कब्जा
डीएम अरविंद सिंह ने बताया की पिछले 15 साल से थाना कोतवाली सादुल्लाह नगर थाना परिसर बाउन्ड्री वाल के अन्दर 730 वर्ग मीटर की बेशकीमती जमीन इन आरोपियों ने कूट रचना करके अपने (प्रतिनिधि) संस्था के नाम दर्ज कर लिया था। इसके बाद बिना अवरोध के उसका उपयोग कर रहे थे। प्रकरण डीएम के संज्ञान में आने के बाद इन माफियाओं के क्रिया-कलापों की उलटी गिनती चालू हो गई।