लोक सभा उपचुनाव : रामपुर से आजमगढ़ तक सियासी दांव-पेंच तेज, गोटियां बिछाने में जुटी भाजपा-सपा
- बसपा ने रामपुर से नहीं उतारा प्रत्याशी, कांग्रेस ने उपचुनाव से किया किनारा
- रामपुर में कांग्रेस का गढ़ नूर महल भाजपा के साथ घनश्याम लोधी को समर्थन देने का ऐलान
- रोचक होगा मुकाबला, सपा के सामने गढ़ बचाने की चुनौती, भाजपा ने झोंकी ताकत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लोक सभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामांकन के बाद रामपुर से आजमगढ़ तक सियासी दांव-पेंच तेज हो गए हैं। भाजपा और सपा ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है और जीत की राह आसान करने के लिए गोटियां बिछाने में जुट गयी हैं। भाजपा जहां बूथों को मजबूत करने के साथ जातीय समीकरण पर फोकस कर रही है वहीं सपा अपने जातीय समीकरणों को मजबूत कर जंग जीतने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने जहां उपचुनाव से किनारा कर लिया है वहीं बसपा ने रामपुर सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा है। इसी बीच रामपुर में कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला नूर महल भाजपा का साथ देने का ऐलान कर रामपुर में होने वाले मुकाबले को रोचक बना दिया है।
आजमगढ़ में सैफई परिवार और रामपुर में आजम खां की प्रतिष्ठा दांव पर है। सपा ने आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। वहीं, रामपुर में आजम खां के दो करीबियों के बीच मुकाबला होगा। भाजपा ने आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ पर फिर दांव लगाया है। 2019 के लोक सभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था, जिसमें अखिलेश को 6.21 लाख और भाजपा के दिनेश लाल यादव को 3.61 लाख वोट मिले थे। जाहिर है उस समय यादव, मुस्लिम के साथ दलित वोट भी सपा के पाले में गए थे लेकिन इस बार बसपा ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाकर मुस्लिम-दलित दांव खेला है। ऐसे में सपा के सामने मुस्लिम और यादव वोट बैंक को अपने पाले में बनाए रखने और दलितों को जोडऩे की चुनौती है। वहीं भाजपा ने यहां अपने पदाधिकारियों और मंत्रियों को सपा की घेराबंदी के लिए उतार दिया है। रामपुर लोक सभा उपचुनाव में सपा ने आजम खां के करीबी आसिम रजा को मैदान में उतारा है तो भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है। घनश्याम लोधी भी आजम के करीबी रहे हैं। बसपा ने यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है जबकि कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले रामपुर के नूर महल ने भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी के समर्थन की घोषणा की है। इससे यहां मुकाबला रोचक हो गया है। चुनाव 23 जून को होगा।
क्या हैं समीकरण
आजमगढ़ लोक सभा क्षेत्र में करीब 18.38 लाख मतदाता हैं। इनमें करीब साढ़े तीन लाख यादवों समेत ओबीसी के मतदाताओं की संख्या साढ़े छह लाख से अधिक है। साढ़े चार लाख दलित, साढ़े तीन लाख मुस्लिम और तीन लाख सवर्ण मतदाता हैं। आजमगढ़ लोक सभा क्षेत्र में गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ सदर और मेहनगर विधान सभा क्षेत्र हैं। इन सभी सीटों पर सपा के विधायक हैं। रामपुर लोक सभा सीट के अंतर्गत पांच विधान सभा सीटें हैं। 2022 के विधान सभा चुनाव में इन पांच में से तीन सीटें सपा को तो दो सीटें भाजपा को मिली थीं। रामपुर विधान सभा सीट से आजम खान, स्वार से उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और चमरौआ विधान सभा सीट से नसीर अहमद खान सपा के टिकट पर जीते थे। वहीं, बिलासपुर सीट से बलदेव औलख और मिलख सीट से राजबाला सिंह भाजपा के टिकट पर जीतीं थीं। रामपुर आजम खां का गढ़ माना जाता है और यहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं।
कई अन्य भी ठोंक रहे ताल
रामपुर लोक सभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार अग्रवाल ने नामांकन किया है। वे आजाद उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ रहे हैं। संभल के ग्राम पथरा निवासी हरि प्रकाश आर्य ने संयुक्त समाजवादी दल के प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया। मिलक के ग्राम परैना निवासी कपिल देव, मुरादाबाद के हरथला निवासी नरेश कुमार सैनी, शहर के पंखेवालान मुहल्ले के इम्तियाज उर रहमान खां और ग्राम दुलीवाला टांडा बादली निवासी शिव प्रसाद ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। वहीं कांग्रेस और बसपा की ओर से किसी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है।
जयंत चौधरी ने नाम के आगे जोड़ा बिश्नोई
- शांतिप्रिय बिश्नोई समाज को दिया सम्मान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक बार फिर अपने नाम के आगे बढ़ोतरी की है। सपा के समर्थन से राज्य सभा सदस्य निर्वाचित जयंत ने इससे पहले भी नाम बदला था और चौधरी जयंत सिंह लिख रहे थे। अब वह जयंत सिंह बिश्नोई हो गए हैं। वह जून माह तक नाम के आगे बिश्नोई लिखेंगे।
जयंत चौधरी ने ट्वीटर पर अपने नाम के आगे बिश्नोई जोडऩे का कारण भी बताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि क्या आप जानते हैं, मेरे नाम में चौधरी मेरे पिता स्वर्गीय अजित सिंह की इच्छा अनुरूप कुमार भी है। माता की स्मृति में और शांतिप्रिय बिश्नोई समाज के सम्मान में जून माह के लिए ट्विटर पर नाम जोड़ा है। ऐसे वक्त जब धर्म और जाति पर आधारित बंटवारों पर चर्चा है, शायद कुछ लोगों के आंखों से पर्दे उठ जाएं।
जयंत चौधरी पूर्व केन्द्रीय मंत्री बागपत से सांसद रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह के बेटे हैं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि पहुंचे योगी, ब्रज के विकास पर चर्चा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा में अपने दो दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन आज सुबह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचे। उन्होंने यहां सबसे पहले केशवदेव मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन किए। इसके बाद गर्भगृह और योगमाया मंदिर में दर्शन किए। यहां से जन्मस्थान के भागवत भवन में पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने विधि-विधान से भगवान श्रीराधाकृष्ण की पूजा-अर्चना की।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बाल प्रेम देखने को मिला। यहां दर्शन करने आए बच्चों को देखते ही उनके पांव ठिठक गए। उन्होंने बच्चों को दुलारा और उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। यहां से मुख्यमंत्री गोकुल स्थित रसखान समाधि स्थल पहुंचे और यहां कराए गए कार्यों का निरीक्षण किया। रसखान समाधि स्थल के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक हुई। इसमें ब्रज क्षेत्र की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर चर्चा हुई। ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष ब्रज के विकास को लेकर कई प्रस्ताव रखे। सीएम बरसाना भी गए।