उपचुनाव में सपा-भाजपा के बीच है मुकाबला

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आजमगढ़ और रामपुर में लोक सभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। सपा और भाजपा ने जहां अपने प्रत्याशी मैदान पर उतार दिए हैं वहीं कांग्रेस ने उपचुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया है। बसपा भी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। सवाल ये है कि क्या होने जा रहा आखिर इस उपचुनाव में? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार सुशील दुबे, सैयद कासिम, राशिद जहीर, अमित मिश्रा, अशोक कुमार और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
अशोक कुमार ने कहा, धर्मेंद्र यादव को अगर मौका मिला तो वे दिल्ली में बेबाक तरीके से सपा का पक्ष रख सकते हैं। भाजपा इन दोनों सीटों पर एक्सपेरिमेंट कर रही है, भाजपा के लिए यह उपचुनाव कठिन चुनौती है। राशिद जहीर ने कहा, ये उपचुनाव अखिलेश और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठïा का विषय है। मायावती ने गुड्ïडू जमाली को मैदान में उतारा है मगर आजमगढ़ में अखिलेश के लिए मुश्किल नहीं है। यादव और मुस्लिम दोनों समर्थन करेंगे। आजम खां की सहानभूति रामपुर में रंग जरूर लाएगी। अमित मिश्रा ने कहा, भाजपा इस उपचुनाव को हल्के में नहीं लेगी। धर्मेंद्र यादव का चुनाव लडऩा अखिलेश की बड़ी चाल है। फिलहाल माहौल सपा के पक्ष में है। असली लड़ाई आजमगढ़ में है। हां, रामपुर की सीट सपा के खाते में जरूर आएगी।
सुशील दुबे ने कहा, इस उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने आपको विद ड्रा कर लिया। भाजपा जानती है कि दोनों उपचुनाव में वह पीछे है। रामपुर का चुनाव आजमगढ़ के रुतबे का है। आजमगढ़ में डिंपल का हक था। बलिहारी बाबू के बेटे की भी चर्चा सुनी पर धर्मेंद्र आ गए मैदान में। जमाली कुछ नहीं कर पाएंगे इस चुनाव में। यह चुनाव सपा और भाजपा के बीच का है। सैयद कासिम ने कहा डिंपल को अखिलेश लड़ाना नहीं चाह रहे थे। धर्मेंद्र तैयार नहीं हो रहे थे। हालांकि बाद में अचानक धर्मेंद्र को लाना पड़ा। गुड्ïड जमाली को नजरअंदाज करना गलत होगा। आजमगढ़ का चुनाव फंसा है।

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