गडकरी का शाह को सीधा चैलेंज! BJP अध्यक्ष पर देरी के सवाल पर बोले- ये तो नड्डा से पूछो
BJP के नए अध्यक्ष के ऐलान में देरी पर जब नितिन गडकरी से सवाल हुआ तो उन्होंने साफ कहा कि ये तो नड्डा से पूछो...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों भारतीय जनता पार्टी भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है.. इस समय पार्टी में एक बड़ा सवाल सबके मन में घूम रहा है.. कि अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा.. जेपी नड्डा फिलहाल इस पद पर हैं.. लेकिन उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है.. फिर भी पार्टी ने उन्हें एक्सटेंशन दिया है.. वहीं अब 2025 में नए अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया चल रही है.. लेकिन अभी तक कोई नाम फाइनल नहीं हुआ है.. इस सस्पेंस की वजह से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं.. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जब यह सवाल पूछा गया.. तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि यह सवाल गलत व्यक्ति से पूछा गया है.. सही जवाब तो जेपी नड्डा ही दे सकते हैं.. इसी तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा कि अगर हम चुनते तो इतनी देरी नहीं होती..
आपको बता दें कि बीजेपी की स्थापना 1980 में हुई थी.. तब से अब तक 11 लोग इस पद पर रह चुके हैं.. लालकृष्ण आडवाणी सबसे ज्यादा समय तक अध्यक्ष रहे हैं.. अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे नेता भी दो-दो बार इस पद पर रहे.. जेपी नड्डा 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बने.. इससे पहले वे कार्यकारी अध्यक्ष थे.. नड्डा का पहला कार्यकाल 2023 में खत्म हुआ.. लेकिन लोकसभा चुनावों की वजह से उन्हें एक्सटेंशन मिला.. अब 2025 में पार्टी नए चेहरे की तलाश में है..
बीजेपी की संविधान के मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव तब होता है.. जब कम से कम आधे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाएं.. यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक है लेकिन ज्यादातर मामलों में सर्वसम्मति से फैसला होता है.. आरएसएस का प्रभाव हमेशा रहा है.. क्योंकि बीजेपी आरएसएस की विचारधारा से जुड़ी है.. लेकिन पिछले साल नड्डा ने एक बयान में कहा था कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है.. जो काफी विवादास्पद था.. इससे सस्पेंस और बढ़ गया..
बता दें कि 2025 की शुरुआत से ही बीजेपी ने संगठनात्मक चुनाव शुरू किए.. जनवरी में सूत्रों ने कहा था कि फरवरी तक नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा.. लेकिन अप्रैल तक यह प्रक्रिया टल गई.. जून में न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया कि जुलाई की शुरुआत तक सर्वसम्मति से फैसला हो सकता है.. पार्टी ने कई राज्यों में नए अध्यक्ष चुने.. जैसे दस राज्यों में आरएसएस से जुड़े कम प्रोफाइल वाले नेता.. यह चुनाव की शर्त पूरी करने के लिए किया गया..
जुलाई में इंडिया टुडे ने बताया कि बीजेपी नए राज्य अध्यक्ष चुनकर राष्ट्रीय चुनाव की तैयारी कर रही है.. लेकिन सितंबर 2025 तक कोई घोषणा नहीं हुई.. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2025 तक प्रक्रिया पूरी हो सकती है.. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम चर्चा में है.. खबरों के मुताबिक आरएसएस अब पूरी तरह बीजेपी को कंट्रोल कर रहा है.. नए अध्यक्षों की नियुक्ति में आरएसएस की सलाह ली जा रही है.. हरियाणा चुनाव के बाद से बीजेपी टॉप लीडरशिप आरएसएस से सलाह ले रही है..
आपको बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पर सस्पेंस की पहली वजह है आरएसएस और बीजेपी के बीच सहमति न बनना… मोहन भागवत ने दिल्ली में कहा कि अगर आरएसएस बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनता तो देरी नहीं होती.. यह बयान इशारा करता है कि फैसला बीजेपी के हाथ में है.. लेकिन आरएसएस का प्रभाव तो है ही.. पार्टी में कई मजबूत दावेदार हैं.. बीजेपी पहली बार महिला अध्यक्ष चुन सकती है.. निर्मला सीतारमण का नाम सबसे ऊपर है.. वे वित्त मंत्री हैं और आरएसएस से जुड़ी हैं.. लाइवमिंट की रिपोर्ट में कहा गया कि निर्मला, डी पुरंदेश्वरी और वनाथी श्रीनिवासन दौड़ में हैं..
बता दें कि बिहार चुनाव नजदीक हैं.. इसलिए पार्टी सावधानी बरत रही है.. नितिन गडकरी का बयान इसी संदर्भ में आया.. एक कार्यक्रम में उनसे पूछा गया कि नया अध्यक्ष क्यों नहीं चुना जा रहा.. और उन्होंने कहा कि सवाल सही है, लेकिन गलत आदमी से पूछा.. जेपी नड्डा से पूछिए.. नवरात्रि और विजयादशमी का मौका.. 22 सितंबर 2025 से नवरात्रि शुरू हो रही है.. 2 अक्टूबर को विजयादशमी है.. जब नागपुर में आरएसएस मुख्यालय के 100 साल पूरे होने पर कार्यक्रम है.. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे.. मोहन भागवत बोलेंगे.. कई लोग मानते हैं कि इसी मौके पर फैसला हो सकता है..
जानकारी के मुताबिक बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में निर्मला सीतारमण का नाम भी शामिल है.. वे दक्षिण भारत से हैं, जहां बीजेपी बढ़ना चाहती है.. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि पार्टी पहली महिला अध्यक्ष चुन सकती है.. वहीं दूसरा नाम देवेंद्र फडणवीस का है.. आपको बता दें कि फडणवीस इस समय महाराष्ट्र के सीएम है.. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने कहा कि वे नड्डा के उत्तराधिकारी हो सकते हैं.. तीसरा नाम डी पुरंदेश्वरी का है… जो आंध्र प्रदेश से है.. स्वराज्य मैगजीन ने उन्हें आरएसएस समर्थित बताया.. चौथा नाम वनाथी श्रीनिवासन का है जो तमिलनाडु से हैं.. वे भी महिला कैटेगरी में हैं.. वहीं पांचवा नाम मनोहर लाल खट्टर का है जो हरियाणा के पूर्व सीएम है..
वहीं कुछ रिपोर्ट्स में ओबीसी या दक्षिण भारत से उम्मीदवार की बात है.. ताकि कांग्रेस की जाति जनगणना की काट हो.. फ्रंटलाइन मैगजीन ने कहा कि ओबीसी नेता चुना जा सकता है.. एक्स पर एक पोस्ट में संजय जोशी का नाम लिया गया.. जो मोदी विरोधी हैं.. आरएसएस बीजेपी की वैचारिक मां है.. लेकिन नड्डा के बयान से रिफ्ट की खबरें आईं.. अब 2025 में आरएसएस मदद कर रहा है.. द वायर ने रिपोर्ट किया कि आरएसएस ने बीजेपी को सस्पेंस से निकाला.. राज्य अध्यक्षों में आरएसएस कार्यकर्ता चुने गए..
मोहन भागवत ने कहा कि देरी की वजह हम नहीं हैं.. एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया कि आरएसएस अब कंट्रोल कर रहा है.. योगी आदित्यनाथ ने आरएसएस की तारीफ की.. जो रिफ्ट की अफवाहों को खारिज करती है.. बिहार चुनावों के बीच गडकरी ने हंसकर टाल दिया.. यह दिखाता है कि टॉप लीडर्स भी सतर्क हैं.. मोहन भागवत ने भी देरी के सवाल पर बीजेपी की ओर इशारा किया.. सितंबर 2025 में नड्डा ने डीयूएसयू चुनावों पर बधाई दी.. एक्स पर कई पोस्ट्स में उन्हें राष्ट्र पहले की विचारधारा का समर्थक बताया.. वहीं इस बीच इस बात की चर्ता जोरों पर है कि फिर से अंदरखाने नड्डा के एक्सटेंशन की बात हो रही है..



