सोने-चांदी से कम नहीं है ये आम कीमत जानकर ही उड़ जाएंगे होश!
लू चलने वाली गर्म तो चली गई, और मॉनसून भारत में कई दिन पहले ही दस्तक दे चुका है। कई शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति है पर अभी भी भारत के कई हिस्सों में उमस का मौसम है। पर इन सबके बीच लोगों को एक फल जो राहत देने का काम इस मौसम में कर रहा है, वो है आम। भारत में रहने वाले आम की कई प्रजातियों के बारे में जानते होंगे। पर क्या आप एक ऐसी प्रजाति के बारे में जानते हैं जो इतनी महंगी है कि उसे सिर्फ अमीर लोग ही खरीद सकते हैं। ये इतनी महंगी है कि इसके पेड़ों के पास सुरक्षा गार्ड लगाने पड़ते हैं जिससे कोई इसके चुरा ना ले। आज हम आपको इसी आम के बारे में बताने जा रहे हैं। इस आम का नाम है ‘मियाजाकी’ आम जो करीब 3 लाख रुपये किलो तक मिलता है। आज हम आपको इस आम के बारे में इसलिए बता रहे हैं क्योंकि ओडिशा के कालाहांडी जिले में स्थित गांव, कांडुलगुडा में एक शिक्षक ने मियाजाकी आम की प्रजाति को उगाकर सभी को हैरान कर दिया है। ट्विटर पर आम के बगीचे के वीडियो को शेयर किया है जिसमें आम से लदे पेड़ों को आप देख सकते हैं। अब आप समझ ही गए होंगे कि हम क्यों इस आम को सोने-चांदी के बराबर कह रहे थे। भारत में भी ये आम त्रिपुरा में उगता है और यहां 1500 रुपये किलो इसकी कीमत होती है वहीं इंटरनेशनल मार्केट में आम की कीमत 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक हो सकती है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये आम इतना महंगा क्यों है और इसका आविष्कार कहां हुआ था? इस आम का आविष्कार जापान के क्यूशू प्रांत में मौजूद मियाजाकी शहर में हुआ था। 1980 के दौर में इसकी पैदावार शुरू हुई थी। मियाजाकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और स्थानीय किसानों का एक समूह इस पौधे का विचार लेकर आया था। शोधकर्ताओं ने आम बनाने के लिए पुराने जमाने की प्रजनन तकनीकों और नई तकनीक दोनों का इस्तेमाल किया, जो क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी में अच्छी तरह से विकसित हो सके। इससे मियाजाकी आम का आविष्कार हुआ, जो न केवल स्वादिष्ट था बल्कि इसकी शेल्फ लाइफ भी लंबी थी और इसे कीटों द्वारा खाए जाने की संभावना भी कम थी। ये आम आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, जिनमें विटामिन सी, विटामिन ए और आहार फाइबर शामिल हैं। विटामिन सी एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करता है, जबकि विटामिन ए अच्छी दृष्टि और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन में सहायता करता है और स्वस्थ आंत में योगदान देता है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं और समग्र कल्याण को बढ़ावा देते हैं।