यूपी शिक्षकों के लिए खुशखबरी, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद्द की बेसिक शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी
4PM न्यूज़ नेटवर्क: इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात बनाए रखने के लिए ‘लास्ट कम फर्स्ट आउट’ तबादला नीति को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इसे मनमाना और कनिष्ठ शिक्षकों के साथ भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा कि तबादले के लिए केवल सेवाकाल को आधार बनाना उचित नहीं है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में टीचर-छात्र अनुपात बनाए रखने के लिए जून 2024 में लाई गई लास्ट कम फर्स्ट आउट की तबादला/समायोजन नीति रद्द कर दी है। साथ ही कोर्ट ने इस संबंध में यूपी सरकार के शासनादेश और बेसिक शिक्षा विभाग के सर्कुलर के संबंधित प्रावधानों को मनमाना और जूनियर टीचरों के साथ भेदभावपूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया है।
High Court ने रद्द की Transfer Policy
इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई थी कि इन प्रावधानों के अनुपालन में जो टीचर बाद में किसी प्राथमिक स्कूल में नियुक्त होता है, उसका ही तबादला टीचर-छात्र अनुपात बनाए रखने के लिए किया जाएगा। इस प्रकार इस नीति के तहत जूनियर टीचरों का ही ट्रांसफर होता है जबकि जो सीनियर हैं या पुराने हैं, वे अपने स्कूले में ही बने रहते हैं। यह नीति टीचरों के सर्विस रूल्स के भी खिलाफ है।
सूत्रों के मुताबिक इस लेकर न्यायालय ने कहा कि अगर यही नीति जारी रही तो हर बार जूनियर शिक्षक को स्थानांतरण के माध्यम से समायोजित कर दिया जाएगा और वरिष्ठ शिक्षक हमेशा वहीं रहेंगे जहां हैं। न्यायालय ने कहा कि उपरोक्त परिस्थितियों में ये भी पाया गया है कि उक्त तबादला नीति भेदभावपूर्ण है और संविधान के अनुच्छेद-14 के अनुरूप नहीं है।