सरकारी कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम, दिल्ली सरकार ने लिया फैसला

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के कारण हवा बेहद खतरनाक हो गई है. पिछले दो दिन के मुकाबले आज यानि बुधवार को एक्यूआई में कमी देखी गई है. लेकिन ्रलेवल अभी भी गंभीर श्रेणी में ही है. इस बीच अब दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है. इसके मुताबिक, दिल्ली सरकार के 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे. इसे लेकर सचिवालय में बुधवार दोपहर को 1 बजे अधिकारियों की मीटिंग होगी.
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्कूलों को बंद करने के साथ ही ग्रैप-4 की पाबंदियां सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 12वीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन चलाने का फैसला हुआ है. इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने भी एहतियातन ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया है.
दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया गया है. चूंकि अभी 50 प्रतिशत कर्मचारी ही दफ्तर जाएंगे, इसलिए एमसीडी के दफ्तर अब सुबह 8:30 से शाम 5:00 बजे तक खोले जाएंगे. वहीं, दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10:00 से शाम 6:30 तक खुलेंगे. दफ्तरों के खुलने-बंद होने के समय में अंतर से प्रदूषण का प्रभाव घटाने की कोशिश की जा रही है.
मौसम वैज्ञानिक डॉ. आनंद शर्मा का कहना है, वर्क फ्रॉम होम और स्कूल-कॉलेज बंद होने से तुरंत प्रदूषण पर लगाम तो नहीं कस जाएगी पर इससे प्रदूषण घटाने में मदद जरूर मिलेगी. यही नहीं, डॉक्टरों ने प्रदूषण के वर्तमान स्तर को स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक बताया है और लोगों को घरों से न निकलने की सलाह दी है. खासकर, बच्चों और बुजुर्गों को इससे बचने के लिए कहा जा रहा है. वहीं, डॉक्टर घर से निकलने पर एन-95 मास्क लगाने की हिदायत दे रहे हैं. ऐसे में वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन से बड़ा फायदा यह होगा कि लोग सीधे प्रदूषण के संपर्क में आने से कुछ हद तक बच सकेंगे.
इसके अलावा जब लोग घर से काम करेंगे, तो निश्चित ही सडक़ों पर कारों और बाइकों की संख्या घटेगी. इससे वाहनों से निकलने वाले धुएं पर रोक लगेगी और हवा में घुलकर खतरनाक बनाने वाली वाहनों से निकलने वाली गैंसों जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और घुलनशील ऑर्गेनिक कंपाउंड की मात्रा कम होगी. इससे शहरी क्षेत्रों में निश्चित ही किसी हद तक हवा को साफ रखा जा सकता है और स्मॉग पर भी इसका असर पड़ेगा.
आज सुबह दिल्ली में लेवल 421 दर्ज किया गया. सोमवार को 494 और मंगलवार को 500 था. स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में घने कोहरे के साथ-साथ मंद उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व हवा में ही फंस गए हैं. उन्होंने कहा, तापमान में गिरावट के कारण ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे प्रदूषण सतह के करीब आ रहा है. अगर हवा की गति नहीं बढ़ी तो अगले दो से तीन दिनों में कोई महत्वपूर्ण सुधार होने की संभावना नहीं है. हालांकि, इस सप्ताह के अंत में बारिश होने की उम्मीद है और इससे प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है.

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