संसद में जनता के मुद्दों पर चर्चा से भाग रही सरकार

- प्रियंका बोली- भ्रष्टाचारी बीजेपी की वॉशिंग मशीन में धुलकर साफ होते गए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि जब संसद में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन और वोट चोरी का मुद्दा उठाया, तो मोदी सरकार ने बहस करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, सरकार ने कहा कि हम पहले वंदे मातरम पर चर्चा करेंगे, फिर वोट चोरी पर बात करेंगे। सदन में हम वंदे मातरम पर चर्चा करते रहे, लेकिन मोदी सरकार में जनता के मुद्दों पर बात करने की हिम्मत नहीं दिखी। प्रियंका ने बीजेपी पर दबाव की राजनीति का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पिछले आम चुनाव में मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला गया, कांग्रेस का बैंक अकाउंट बंद कर दिया गया और बेबुनियाद आरोप लगाए गए। उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा, जिन लोगों का दिल कमजोर था, वो बीजेपी में शामिल हो गए। जैसे-जैसे लोग बीजेपी में शामिल होते गए, बीजेपी की वॉशिंग मशीन में धुलकर साफ होते गए। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर महंगाई, बेरोजगारी और महिला सुरक्षा जैसे ज़रूरी मुद्दों पर सदन में चर्चा न करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है, जिसके तहत डॉलर का मूल्य 90 रुपए तक पहुंच गया है, देश की विदेश नीति फेल हो गई है, युवा पेपरलीक की समस्या से परेशान हैं, और सरकार देश की संपत्ति अडानी-अंबानी को सौंप रही है। इसके साथ ही, उन्होंने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के दफ्तर में ही एक शख्स ने बेटिंग ऐप घोटाले किए हैं, लेकिन इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी संसद में बात नहीं होती।
चुनाव आयोग में निष्पक्षता नहीं
प्रियंका गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा,मैं चुनौती देती हूं- बीजेपी एक बार बैलेट पेपर पर निष्पक्ष चुनाव लड़ ले। ये कभी नहीं जीत पाएंगे और ये बात बीजेपी भी जानती है। उन्होंने साफ कहा कि आज बीजेपी को चुनाव आयोग की जरूरत है, क्योंकि उसके बिना नरेंद्र मोदी चुनाव नहीं जीत सकते। उन्होंने चुनाव आयोग के तीन अधिकारियों, ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी, के नाम लेते हुए कहा कि यह देश इन तीन चुनाव आयुक्तों के नाम नहीं भूलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने लोकतंत्र पर वार किया है, और इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब पूरा विपक्ष चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं कर रहा है।



