जितना खर्च करते हैं उतना जल संरक्षण भी करें : राज्यपाल

लखनऊ। राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने युवाओं व विश्वविद्यालयों से आह्वान किया है कि वे जल और ऊर्जा संरक्षण के लिए आगे आयें। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहीं राज्यपाल ने कहा कि हर विवि जल का संरक्षण भी करें। उन्होंने कहा कि हर विवि-कॉलेज में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था हो। उन्होंने जल्द ही होने वाले अर्थ आवर डे का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी युवा अपने घर में निर्धारित समय पर एक घंटे बिजली बंद रखकर ऊर्जा संरक्षण में अपना योगदान दें। उन्होंने इसके साथ ही युवाओं को रक्तदान, प्लेटलेट्स देने के लिए भी आगे आने को कहा। उन्होंने कहा कि एक मैडल पाने से ज्यादा संतुष्टि किसी एक व्यक्ति की जान बचाकर मिलेगी। वहीं मालिनी अवस्थी ने युवाओं को हमेशा सीखते रहने व हमेशा स्वाध्याय के लिए प्रेरित किया। समारोह में 83 मेधावियों को मेडल व 734 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई साथ ही 20 माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने अतिथियों का स्वागत किया और साल भर की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

बजरंगबली पर टिप्पणी मामले में सीएम योगी को नोटिस

लखनऊ। मऊ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी के आदेश के विरुद्ध दाखिल निगरानी को स्वीकार कर लिया है। न्यायाधीश ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया है। सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि तय की है। दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा ने एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरोपी बनाते हुए विचारण के लिए तलब करने का अनुरोध किया था। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति एवं गोरक्षपीठ के महंत हैं। उनका वक्तव्य देश, प्रदेश तथा प्रत्येक धर्म, जाति वर्ग एवं समुदाय के लिए महत्व रखता है।

आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में 28 नवंबर 2018 को अलवर जिले के मालाखेड़ा में सार्वजनिक सभा में कहा था कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं बनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। उनके इस भाषण से परिवादी की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगी है। बजरंगबली में आस्था रखने वाले समुदायों की भावना भी आहत हुई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने सुनवाई के बाद 11 मार्च को परिवाद खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि घटनास्थल राजस्थान में है। जनपद मऊ में इस न्यायालय को यह परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस आदेश के विरुद्ध नवलकिशोर शर्मा ने मंगलवार को जिला जज की कोर्ट में निगरानी दाखिल किया।

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