पास वो आने लगे जरा—जरा…
भगवामयी होंगे शशि थरूर!

एक और कांग्रेसी दिग्गज के दिल में जागा मोदी प्रेम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शशि थरूर के दिल में एक बार फिर मोदी प्रेम जागा है। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की है। तो क्या इसका मतलब उन्हें जल्द बीजेपी में शामिल होना निकाला जाए। हालांकि शशि थरूर इस बात से इंकार कर रहे हैं। टाइम मैनेजमेंट इस बात की गवाही दे रहा है कि सबकुछ सेट हो चुका है। बस उपयुक्त मौके पर वह गमछा बदल लेंगे। शशि विदेशी मामलों के एक्सपर्ट हैं और इस समय यूक्रेन—रूस युद्ध समाप्त होने वाला है।
पीएम मोदी ने खुद को इस युद्ध को रोकने में एक मध्यस्थ के तौर पर निभाई गयी भूमिका के तौर पर पेश किया है। ऐसे में जब युद्ध रूकने वाला हो और विपक्ष का एक बड़ा नेता इस की तारीफ करे तो कई मायने स्वत: निकलते हैं। थरूर ने इससे पूर्व में लिक्ट्रेचर फेस्टिवल में भी पीएम मोदी की सशक्त नेता के तौर पर तारीफ की थी लेकिन उस समय उन्होंने बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों की आलोचना भी की थी। इस बार मामला पूरा साफ है और संकेत हैं कि वह जल्द ही एक नई भूमिका में आने वाले हैं।
क्या दिया है बयान?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मोदी सरकार की तारीफ की है। थरूर ने कहा- भारत आज ऐसी स्थिति में है जो रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित कर सकता है। भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं।
दर्जनों कांग्रेसी हो चुके हैं बीजेपी में शामिल
इससे पहले भी कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जिससे यह सवाल उठता है कि क्या थरूर भी इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं? जरूरी नहीं कि थरूर औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल हों वह तटस्थ भाव से जैसा कि पूर्व में कई कांग्रेसी दिग्गजों ने किया के राजनीतिक मॉडल को अपना सकते हैं। गौरतलब है कि यह वही थरूर है जो मैडम सोनिया के काफी करीबी थे लेकिन इन्हीं थरूर ने कांग्रेस आलाकमान के मना करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। यही नहीं इन्हें प्रोफेशन कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया गया था लेकिन यह वहां भी अपनी छाप नहीं छोड़ सके। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थामा। उनके इस कदम से मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आई।असम के प्रभावशाली नेता हेमंत बिस्वा सरम ने 2015 में कांग्रेस छोडक़र भाजपा शरण ली। वर्तमान में वे असम के मुख्यमंत्री हैं और कांग्रेस के खिलाफ जबर्दसत जहर उगलते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने बीजेपी को यह कहते हुए ज्वाइन किया कि वह वे कांग्रेस की नीतियों से असंतुष्ट हैं। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने जनवरी 2022 में भाजपा का दामन थामा। असम की पूर्व सांसद और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने अगस्त 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद, 2023 में भाजपा में प्रवेश किया।नटवर सिंह पूर्व विदेश मंत्रीने 2008 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया और बाद में भाजपा के समर्थन में बयान दिए। हालांकि, उन्होंने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता नहीं ली। गुलाम नबी आजाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने भी बीजेपी की सदस्यता नहीं ली लेकिन कांग्रेस को कोसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने खुद की पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा। पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा जनवरी 2024 में शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हुए। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ अप्रैल 2024 में भाजपा में शामिल हुए। ?
न निकले राजनीतिक मतलब: कैप्टन
कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव ने कहा शशि थरूर के बयान का राजनीतिक मतलब नहीं निकालने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि इस बात का कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकालना चाहिए। यह उनका अपना नजरिया है। प्रदेश की राजनीति के ऊपर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है। शशि थरूर ने पीएम मोदी की विदेश नीति में से किसी एक नीति की प्रशंसा की है इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकालना चाहिए।
उन पर क्या टिप्पणी करूं : राजीव शुक्ला
दिग्गज कांग्रेसी नेता राजीव शुक्ला ने शशि थरूर के बयान पर कहा है कि इस सवाल का जवाब वहीं दे सकते हैं। मैं इस पर क्या टिप्पणी करूं।
‘खुश हूं कि मन की बात सुनी’
भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा है कि शशि थरूर ने अपनी दिल की सुनी और दिल की बात कही। वह विदेशी मामलों के अच्छे जानकार हैं। उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर जो बात उन्हें अच्छी लगी है वह उन्होंने कही है एक सांसद के तौर पर उनका स्वागत है। क्योंकि, सांसद होने के नाते सच बात तो बोलना ही चाहिए। वह उनके बयान से खुश है।
राहुल से मिलकर खुशी से झूमे निर्माण श्रमिक
कई संगठनों से मुलाकात की, मजदूरों के अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को निर्माण श्रमिकों से जुड़े विभिन्न संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाने का संकल्प लिया। राहुल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें देश में मजदूरों की दयनीय स्थिति से अवगत कराया।
प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता ने अपने व्हॉट्सएप चैनल पर कहा, भारतीय श्रमिक एक बड़ी ताकत हैं, जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन आज वे दैनिक मजदूरी के अभाव और आर्थिक, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा की कमी से जूझ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाए गए कानून बड़े पैमाने पर विफल हो रहे हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मैं उनके अधिकारों की रक्षा और उनकी समृद्धि के लिए हर संभव तरीके से आवाज उठाऊंगा।
इजराइल ने मानवता की हत्या की: प्रियंका गांधी
गाजा में निर्दोष नागरिकों के निर्मम नरसंहार पर बरसीं कांग्रेस सांसद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इजराइल की ओर से गाजा में किये गये ताजा हमलों को लेकर भारत की राजनीति भी गर्मा गयी है। विपक्षी नेताओं ने इजराइल पर सवाल दागा तो भारतीय विदेश मंत्रालय भी जागा और एक बयान जारी कर दिया। कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने पोस्ट करके इजराइली सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
वायनाड की सांसद ने कहा कि इजराइल द्वारा 130 बच्चों सहित 400 से अधिक निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या किए जाने से पता चलता है कि उसके लिए मानवता का कोई मतलब नहीं है। उसके कदम अंतर्निहित कमजोरी और सच्चाई का सामना करने में असमर्थता को दर्शाते हैं। हम आपको बता दें कि इजराइल ने मंगलवार सुबह गाजा पट्टी क्षेत्र पर हवाई हमले किए, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 404 फलस्तीनी मारे गए हैं। प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इजऱाइली सरकार द्वारा 130 बच्चों सहित 400 से अधिक निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या किए जाने से पता चलता है कि उसके लिए मानवता का कोई मतलब नहीं है। उसके कदम अंतर्निहित कमजोरी और सच्चाई का सामना करने में असमर्थता को दर्शाते हैं।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘चाहे पश्चिमी शक्तियां फलस्तीनी लोगों के नरसंहार में उनकी मिलीभगत को स्वीकार करें या नहीं, दुनिया के सभी नागरिक जिनके पास विवेक है वह (कई इजराइलियों सहित), इसे देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इजराइली सरकार जितना अधिक आपराधिक ढंग से कार्य करती है, उतना ही अधिक वे स्वयं के बारे में यह प्रकट करते हैं कि वे वास्तव में कायर हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि दूसरी ओर, फ़लस्तीनी लोगों की बहादुरी कायम है। उन्होंने अकल्पनीय पीड़ा सहन की है फिर भी उनकी आत्मा अटूट बनी हुई है। सत्यमेव जयते। हम आपको बता दें कि प्रियंका गांधी की इस पोस्ट के बाद भारत ने कहा कि वह गाजा की स्थिति को लेकर चिंतित है और उसने संघर्ष प्रभावित फलस्तीनी क्षेत्र के लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने का आह्वान किया।
हम गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की आपूर्ति जारी रखेंगे : विदेश मंत्रालय
भारत की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इजराइल ने मंगलवार को गाजा में हवाई हमले फिर से शुरू कर दिए हैं, जिससे जनवरी में हमास के साथ हुए युद्धविराम पर अनिश्चितता पैदा हो गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम गाजा की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सभी बंधकों को रिहा किया जाए।’’ बयान में कहा गया, ‘‘हम गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की आपूर्ति जारी रखने का भी आह्वान करते हैं।
’भारतीय नौसेना लंगड़ा बत्तख‘
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एमडीएमके) के एक राज्यसभा सांसद ने शून्यकाल के दौरान भारतीय नौसेना की कड़ी आलोचना की। पार्टी नेता वाइको ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को लगातार परेशान किए जाने पर चिंता जताते हुए नौसेना को लंगड़ा बत्तख करार दिया।
वाइको ने भारत सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि भारतीय नौसेना श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर रही है। पिछले 40 सालों में श्रीलंकाई नौसेना ने 843 मछुआरों पर हमला कर उन्हें मार डाला है। 25 जनवरी को रामेश्वरम से 34 मछुआरों और तीन मछली पकडऩे वाली नावों को श्रीलंकाई नौसेना ने सीमा पार कर मछली पकडऩे के आरोप में गिरफ्तार किया।
उन्हें जाफना में कैद कर लिया गया और किलिनोच्ची कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उन पर लाखों का जुर्माना लगाया। जो जुर्माना नहीं भर पाए उन्हें फिर से जेल में डाल दिया गया। वाइको ने आगे कहा कि 2 फरवरी, 2025 को एक हज़ार से ज़्यादा मछुआरे समुद्र में गए और उनमें से 10 को श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ़्तार कर लिया और मन्नार की खाड़ी में मछली पकड़ते समय उनकी नाव ज़ब्त कर ली गई। मैं इन अमानवीय कृत्यों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की माँग करता हूँ। श्रीलंकाई नौसेना हमारे मछली पकडऩे के उद्योग को नष्ट करना चाहती है। किस कारण से हमारी नौसेना समुद्र में लंगड़ी बत्तख की तरह बैठी है? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों पर हमला किए बिना कोई दिन नहीं गुजरता और भारतीय नौसेना पर इन घटनाओं में श्रीलंका का सहयोग करने का आरोप लगाया। वाइको ने कहा कि हम भी भारत सरकार के करदाता हैं। क्या तमिल मछुआरे अनाथ हैं? हमारे वित्त मंत्री, विदेश मंत्री हमारे प्रधानमंत्री के श्रीलंका जाने का उद्देश्य क्या है? कोई दिन बिना हमले के नहीं गुजरता। रामेश्वरम के हजारों लोग भारत सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं
अलग हुए युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा
तलाक पर आया कोर्ट का फैसला, शादी के 4 साल बाद टूटा रिश्ता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक हो गया है। चहल और धनश्री ने दिसंबर 2020 में शादी की थी। अब शादी के करीब 4 साल दोनों आधिकारिक तौर पर अलग हो गए हैं। धनश्री और चहल के तलाक का केस बांद्रा की फैमिली कोर्ट में चल रहा था। इन दोनों के तलाक पर गुरुवार दोपहर फैसला आया है।
चहल और धनश्री ने आपसी सहमति के साथ तलाक लिया है। इन दोनों की पहली बातचीत सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। चहल और धनश्री सोशल मीडिया के जरिए दोस्त बने और फिर शादी कर ली. लेकिन यह रिश्ता ज्यादा चल नहीं सका। अगर रिपोर्ट्स की मानें तो चहल को एलिमनी के तौर पर धनश्री को 4.75 करोड़ रुपए देने हैं। वे इसमें से 2.37 करोड़ रुपए पहले ही दे चुके हैं। युजवेंद्र चहल ने एक पॉडकास्ट में बताया था कि वे धनश्री से डांस सीखना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने धनश्री से बातचीत शुरू की थी। लेकिन इसके बाद दोनों दोस्त बन गए और फिर शादी का फैसला ले लिया। लेकिन अब अलग हो गए हैं। धनश्री और चहल क्यों अलग हुए हैं, इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। धनश्री ने कुछ महीने पहले अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से चहल के सरनेम को हटा दिया था। इसके बाद दोनों के तलाक की चर्चा शुरू हो गई थी।
बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर नक्सलियों से मुठभेड़, 18 नक्सली ढेर, एक जवान बलिदान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बीजापुर। जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र में आज तडक़े पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। बीजापुर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि बीजापुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के एक जवान का बलिदान हो गया है। वहीं नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 18 नक्सली मारे गए हैं।
वहीं हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं। मुठभेड़ और तलाशी अभियान जारी है। बीजापुर और दंतेवाड़ा की सीमा के पास थाना गंगालुर क्षेत्रान्तर्गत माओवादी विरोधी अभियान पर संयुक्त टीम निकली थी। अभियान के दौरान आज सुबह 7 बजे से माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग शुरू हो गई। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद के साथ 18 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं।
वहीं दूसरी तरफ मुठभेड़ में बीजापुर डीआरजी के एक जवान का बलिदान हो गया है। मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजापुर और दंतेवाड़ा की सरहद के जंगली क्षेत्र गंगालुर थाना इलाके के तोडक़ा एंड्री के जंगल में सुरक्षाबलों की संयुक्त पार्टी के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई है। इस मुठभड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान होने की खबर है।