प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना हो जाएंगे कंगाल! 

4PM न्यूज़ नेटवर्क: हिंदू धर्म के अनुसार प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर विधि-विधान से प्रदोष व्रत रखा जाता है।ये व्रत भगवान शिव को समर्पित है। प्रदोष व्रत पर विधि पूर्वक भगवान शिव के नाम का उपवास किया जाता है। चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत के साथ-साथ विधि-पूर्वक भगवान शिव का पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत के दिन कुछ काम वर्जित किए गए हैं।

आपको बता दें कि चैत्र मास का पहला प्रदोष व्रत गुरुवार, 27 मार्च 2025 को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन शाम के वक्त भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव की उपासना करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सच्ची श्रद्धा और भक्ति से प्रदोष व्रत और शिव जी का पूजन करने से जीवन के सभी दुख-दर्द समाप्त हो जाते हैं। जीवन में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती। जीवन की सारी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। साथ ही भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि प्रदोष के व्रत में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इस दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं वो काम कौनसे हैं, जिनको इस दिन करने से बचना चाहिए. साथ ही जानते हैं कि कैसे प्रदोष व्रत पर पूजा का पूरा फल प्राप्त किया जा सकता है।

भूलकर भी न करें ये काम

  • प्रदोष व्रत के दिन व्रती को नमक के सेवन से बचना चाहिए. तामसिक भोजन, मंसाहार और शराब का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
  • किसी के लिए भी मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए, किसी से कोई विवाद नहीं करना चाहिए।
  • झूठ नहीं बोलना चाहिए, बड़ों का अपमान या अनादर नहीं करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त

  • प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व होता है।
  • हिंदू पंचांग के अनुसार, 27 मार्च को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा।
  • ये मुहूर्त 8 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कुल मिलाकर 2 घंटे 21 मिनट तक रहेगा।

 

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