ज्ञानवापी केस: व्यास तहखाने में पूजा के अधिकार का फैसला
वाराणसी। वाराणसी की जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है। कोर्ट ने जिला प्रशासन को बैरिकेडिंग में 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया है। ये तहखाना मस्जिद के नीचे है। इसे हिंदू पक्ष के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है लेकिन मुस्लिम पक्ष इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने ज्ञानवापी के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि हम कोर्ट के इस फैसले से बेहद निराश हैं। इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है।
कहा जा रहा है कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से पूजा अर्चना करवाई जाएगी। हिंदू पक्ष ने इसे बड़ी जीत बताया है और 30 साल बाद न्याय मिलने का दावा किया है। नवंबर 1993 तक यहां पूजा-पाठ किया जाता था। मालूम हो कि 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से अपने नियंत्रण में ले लिया था। ASI सर्वे के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी। अब जिला जज ने अपने आदेश में कहा है कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों से पूजा कराई जाए।
बैरिकेडिंग हटाने की व्यवस्था की जाए। ये सब 7 दिन के अंदर किया जाए। आदेश के मुताबिक, जो व्यास जी का तहखाना है, अब उसके कस्टोडियन वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट हो गए हैं। इसीलिए विश्वनाथ मंदिर के जो पुजारी हैं वह उस तहखाने की साफ-सफाई करवाएंगे। वहां जो बैरिकेडिंग लगी हुई है, उस बैरिकेडिंग को हटाएंगे और फिर तहखाने के अंदर नियमित रूप से पूजा होगी।