भाजपा अटल को मानती तो जम्मू कश्मीर का न होता ये हाल : उमर
- बोले- पूर्व पीएम ने असफलता के बावजूद बार-बार बढ़ाया दोस्ती का हाथ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को अपनाया होता तो तत्कालीन जम्मू-कश्मीर आज इस स्थिति में नहीं होता। विधानसभा में श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान उमर ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि वाजपेयी ने हमेशा जम्मू-कश्मीर में स्थिति सुधारने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उन्हें (वाजपेयी) जानता हूं और उनके साथ मंत्री के रूप में काम किया है।
जब हम वाजपेयी को याद करते हैं तो हम उन्हें जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में याद करते हैं। उन्होंने हमेशा जम्मू-कश्मीर में स्थिति सुधारने और तनाव कम करने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने कहा, जब वाजपेयी 1999 में पहली दिल्ली-लाहौर बस से पाकिस्तान गए थे तो उन्होंने मीनार-ए-पाकिस्तान का दौरा किया था जो आसान नहीं था। उन्होंने असफलताओं के बावजूद बार-बार दोस्ती का हाथ बढ़ाया। उन्होंने नियंत्रण रेखा के पार के रास्तों को खोलने के लिए काम किया, जिन्हें बाद में फिर बंद कर दिया गया। उन्होंने नागरिक समाज को करीब लाने की कोशिश की।
पक्ष-विपक्ष में तकरार, भाजपा ने खारिज किया प्रस्ताव
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज एक बड़े राजनीतिक हंगामे का दृश्य देखा गया जब उपमुख्यमंत्री सुंदर चौधरी ने राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करने के प्रस्ताव का समर्थन करने हेतु एक प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, यह प्रस्ताव विधानसभा में भारी हंगामे का कारण बना, जिसमें भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पेश किया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा फिर से बहाल किया जाए और इसके लिए केंद्र सरकार से वार्ता की जाए। वहीं, भाजपा ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे कानूनी दृष्टिकोण से अमान्य बताया, और कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद यह प्रस्ताव कोई वैधानिक ताकत नहीं रखता। भाजपा के नेता और विधानसभा में विपक्षी नेता सुरिंदर चौधरी ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि यह किसी कानूनी संविदानिक आधार पर नहीं है, क्योंकि राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम देशविरोधी एजेंडा को बढ़ावा देने जैसा है।