उत्तराखंड सचिवालय में हुआ धन का खुला खेल : हरीश रावत
- पूर्व सीएम बोले, चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन
लखनऊ। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आखिरी समय में राज्य सचिवालय में धन का खुला खेल हुआ है। ट्रांसफर-पोस्टिंग में करोड़ों के वारे न्यारे किए गए। चुनाव आयोग के आदेशों का शर्मनाक तरीके से उल्लंघन किया गया। कहा कि सचिवालय में धन का जो खेल हुआ है, भ्रष्टाचार के कारण उससे आसपास का वातारण भी दूषित हो गया है। कांग्रेस मुख्यालय में प्रेववार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद आबकारी विभाग में एक आदेश निकाला गया, जिसके जरिए करोड़ों रुपए का खेल हुआ। यह आदेश उच्च क्वालिटी की मदिरा को लेकर था, जिसके लिए आबकारी कमिश्नर तक को बदल दिया गया। आबकारी के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और सहकारिता में चहेतों को बैक डोर से पोस्टिंग दी गई।
शिक्षा विभाग में शर्मनाक तरीके से छुट्टी वाले दिन कार्यालय खुलवाकर छह सौ से अधिक आदेश निकले गए, इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। रावत ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को ऐसे विभागों की लिस्ट भेजकर शिकायत दर्ज करा दी है। हरीश रावत ने कहा सरकार ने आनन-फानन में सांविधानिक पदों पर जो राजनीतिक नियुक्तियां की हैं, कांग्रेस के सत्ता में लौटने पर सबको रद्द करने के साथ इनकी जांच कराई जाएगी। इस जांच में जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ कांग्रेस हर तरीके से अपना विरोध दर्ज कराएगी।
आखिरी समय में बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियां
रावत का आरोप है कि सरकार ने आखिरी समय में बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियां की हैं। इनकी प्रेस रिलीज और पोस्टर आचार संहिता लागू हो जाने के बाद बाहर आ रहे हैं। स्पष्ट है कि राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के बाद यह नियुक्तियां की गई हैं, जो चुनाव आयोग के नियमों का खुला उल्लंघन है। ऐसा करके सरकार किसकी आंखों में धूल झोंक रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि ऐसी सभी फाइलों को सीज किया जाए और नियुक्तियों को रद्द किया जाए। जिन अधिकारियों ने ऐसे आदेश जारी किए हैं, उनके ऊपर चुनाव आयोग नियमों के अनुसार कार्रवाई करे।