भारी बारिश और भूस्खलन ने जम्मू-कश्मीर में मचाई तबाही, 41 की मौत; सरकार ने की मुआवजे की घोषणा

जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश का कहर जारी है, जिससे पिछले दो दिनों में 41 लोगों की मौत हो चुकी है। वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, जबकि 23 से अधिक श्रद्धालु घायल हैं। यह हादसा मंगलवार दोपहर को अर्धकुंवारी के पास हुआ, जब भारी भीड़ के बीच अचानक चट्टानें और मलबा गिरने लगा।
भारी बारिश ने तोड़ा 115 साल का रिकॉर्ड
जम्मू-कश्मीर में हो रही रिकॉर्ड-तोड़ बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां, जिनमें झेलम, चिनाब और तवी भी शामिल हैं, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई सड़कें बह गई हैं, पुल ध्वस्त हो गए हैं, और कई गाँव पानी में डूब गए हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि 115 साल का बारिश का रिकॉर्ड टूट गया है।
हादसे के तुरंत बाद श्राइन बोर्ड और सुरक्षा बलों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। भारतीय सेना और सीआरपीएफ के जवान भी इस अभियान में शामिल हैं। भूस्खलन के कारण वैष्णो देवी यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। राज्य सरकार ने अगले आदेश तक सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है।
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मृतकों के परिजनों के लिए 6 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
झेलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण दक्षिण कश्मीर में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू शहर, सांबा, अखनूर, कठुआ और उधमपुर समेत कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं। बचाव दल ने अब तक 3500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पूरे जिले में बचाव शिविर और राहत कैंप बनाए गए हैं। मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और लोगों को बेवजह घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।



