समाज के आखिरी व्यक्ति के प्रति अधिकारी बेहद लापरवाह : हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक किसान के फसल ऋ ण आवेदन पर 4 साल से गौर न करने पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने मामले में टिप्पणी की कि समाज के आखिरी व्यक्ति के प्रति अफसर काफी लापरवाह हो गए हैं। अदालत ने मामले में प्रमुख सचिव कृषि को जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को भेजने का आदेश दिया। साथ ही संबंधित पत्र पर तीन हफ्ते में निर्णय लेने को कहा है। न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह ने यह फैसला व आदेश किसान रामचंद्र यादव की याचिका पर दिया। याची ने कृषि यंत्र व खाद बीज खरीदने के लिए बैंक से योजना के तहत कर्ज लेने का आवेदन किया था। फसल ऋ ण योजना 2017 के तहत लाभ पाने का उसका आवेदन तीन वर्ष तक जिला स्तर पर ही अधिकारियों ने लटकाए रखा। इसके खिलाफ उसने कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने कहा कि क्योंकि मामला 2018 से लंबित है और इसकी मंजूरी प्रमुख सचिव कृषि को देनी है। ऐसे में प्रमुख सचिव कृषि संबंधित 6 जनवरी 2020 के पत्र पर गौर कर निर्णय लें। न्यायालय ने मामले में इसका संज्ञान लिया कि समाज के आखिरी व्यक्ति के प्रति अफसर काफी लापरवाह हो गए हैं। फलस्वरूप गरीब किसान का मामला चार साल से ज्यादा लंबित रखा। यद्यपि इसके लिए खास योजना थी फिर भी याची की पात्रता वर्ष 2017 से तय नहीं हो सकी। कोर्ट ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि अधिकारियों के ऐसे कृत्यों को रोका जाना चाहिए था। अदालत ने इसके मद्देनजर प्रमुख सचिव कृषि को इस बात की जांच करने का आदेश दिया कि किसकी वजह से देरी व हीलाहवाली हुई। कोर्ट ने उन्हें इसकी रिपोर्ट 30 दिन में रजिस्ट्रार के जरिए कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के साथ कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया।

लखीमपुर कांड का मुख्य आरोपी आशीष मिश्र 25 को करेगा सरेंडर

लखनऊ। तिकुनिया हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद आशीष मिश्र अब 25 अप्रैल को जिला अदालत में आत्म समर्पण करेगा। सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद प्रमुख आरोपी आशीष मिश्र मोनू को एक सप्ताह की मोहलत मिली थी, जो 25 अप्रैल सोमवार को समाप्त हो रही है। इसी के चलते कयास लगाए जा रहे थे कि 22 अप्रैल को समय पूर्व ही आशीष मिश्र कोर्ट में सरेंडर कर सकता है, लेकिन शुक्रवार की शाम तक भी आशीष मिश्र मोनू हाजिर नहीं हुआ। इसके बाद उनके अधिवक्ताओं ने बताया की 25 अप्रैल को आशीष मिश्र मोनू सिविल कोर्ट मे उपस्थित होकर आत्मसमर्पण करेगा। उसके बाद 26 अप्रैल को जिला अदालत में आशीष मिश्र पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई है। तिकुनिया हिंसा मामले में डिस्चार्ज एप्लीकेशन को लेकर भी तमाम दिक्कतें आ रही हैं। सह आरोपी अंकित दास, लतीफ काले, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट सहित पांच आरोपियों की ओर से डिस्चार्ज एप्लीकेशन की तैयारी में जुटे वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह गौड़ ने बताया कि 164 के अधीन दर्ज किए गए बयानों की नकल आवेदित किए हुए 10 दिन से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अभी तक स्टाफ की कमी के चलते नकल नहीं बनवाई जा सकी हैं। ऐसे में 10 दिनों के भीतर डिस्चार्ज एप्लीकेशन को फाइनल टच दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है। लेकिन उनके स्तर से तैयारी जारी है।

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