सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंडनबर्ग ‘विवाद’, कल होगी सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली एक और याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और वह कल शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा। याचिका में कोर्ट से एसईबीआई, सीबीआई और ईडी समेत अन्य जांच एजेसिंयों को विशेष जांच दल में शामिल कर जांच कराने की मांग की गई है। हिंडनबर्ग को लेकर अब तक 2 याचिकाएं लगाई जा चुकी हैं।
अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दखिल याचिका में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। वकील विशाल तिवारी ने मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ से जल्द सुनवाई की मांग की। विशाल तिवारी ने कोर्ट से कहा, ऐसी ही याचिका 10 फरवरी को सुनवाई के लिए लगी हुई है, उसी के साथ उनकी याचिका पर भी सुनवाई की जाए।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विशाल तिवारी की याचिका को मुख्य याचिका के साथ टैग कर दिया। विशाल की ओर से दाखिल याचिका में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी बना कर जांच की मांग की है।
इस याचिका में कहा गया कि यह जांच देश की गरिमा और संप्रभुता के लिए बेहद जरूरी है। याचिका में 500 करोड़ रुपये से अधिक उच्च शक्ति ऋण के लिए मंजूरी नीति को लेकर एक विशेष समिति का गठन करने की भी मांग की गई।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है। साथ ही कोर्ट से विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश जारी करने की गुजारिश की गई है।
इस याचिका में कहा गया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड , केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय समेत अन्य जांच एजेसिंयों को एसआईटी में शामिल कर जांच कराने की मांग की गई है।
इससे पहले पिछले हफ्ते भी देश की शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें हिंडनबर्ग रिसर्च के नाथन एंडरसन और भारत और अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और अडानी ग्रुप के शेयर मूल्य में कृत्रिम तरीके से गिरावट के लिए केस चलाने की मांग की गई थी।
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। हालांकि इस विवाद पर अडानी ग्रुप ने कहा था कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।