भगवंत मान के खोखले दावे ! लोग तरसते हैं पानी के लिए #pathankot

भगवंत मान के खोखले दावे ! लोग तरसते हैं पानी के लिए #pathankot

पठानकोट के अर्ध पहाड़ी क्षेत्र धार ब्लॉक के लोगों के लिए पीने का पानी एक बड़ी समस्या, झील के किनारे बसे हैं कई गांव फिर भी नहीं बुझ रही लोगों की प्यास क्योंकि थोड़ी सी हवा चलने के बाद बिजली सप्लाई हो जाती है ठप्प जनरेटर है नहीं कई गांव 2 किलोमीटर दूर स्कूल से लाते हैं पानी , जब बिजली कट लगते हैं तो लिफ्टिंग प्लांट नहीं चलते हैं पठानकोट के अर्थ पर्वतीय क्षेत्र धार ब्लॉक की खूबसूरती के तो सभी दीवाने हैं की सरकार इस क्षेत्र को टूरिज्म स्थल के तौर पर डेवलप कर रही है परंतु झील के किनारे बसे गांव की सच्चाई देखने हम निकले तो पाया कि गांव में तो पीने के पानी की ही किल्लत है धार के लोगों की प्यास बुझाने को सरकारी योजनाएं नाकाफी है घरों में पीने के पानी की सप्लाई केवल डेढ़ घंटा आती है जो झील से लिफ्ट करके और फिल्टर करके लोगों को दिया जाता है अब रोजाना तूफान चलने का सीजन है और तूफान चलने के बाद बिजली सप्लाई ठप हो जाती है जो कई घंटे तक नहीं आती लोगो के मुताबिक कई बार तो दो-दो दिन भी बिजली नहीं आती और जब बिजली नहीं आती है तो पानी भी नहीं मिलता है क्योंकि फिल्ट्रेशन प्लांट बिना बिजली के काम नहीं करते हैं तो कई कई दिन तक लोग गांव में पुराने बने कुएं और बोलियां पर निर्भर रहते हैं ज्यादातर गांव झील के किनारे हैं लेकिन फिर भी प्यासे हैं गांव के लोगों से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पानी कैसे आएगा जब कई कई दिन बिजली ही नहीं आती है और कोई सुनने वाला नहीं है पीने के पानी के लिए लोग गांव में बने कुओ पर निर्भर हैं झील के किनारे बसे गांव की समस्या के बारे में डिप्टी कमिश्नर पठानकोट से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि जो भी समाधान हुआ इस समस्या का जरुर निकाला जाए

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