गृह मंत्रालय ने रचा लाल डायरी का षडय़ंत्र: गहलोत
भाजपा नेताओं ने हमारे मंत्री को मिलाया साथ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि कथित लाल डायरी का षडय़ंत्र भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राजस्थान के एक तत्कालीन मंत्री के साथ मिलकर रचा था। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि उन्हें इसकी चिंता नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य राज्य में कांग्रेस की सरकार दोबारा बनवाना है। अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा आरोप लगाते हैं कि इस (लाल) डायरी में गहलोत व अन्य नेताओं के अवैध लेनदेन का ब्यौरा दर्ज है। डायरी के कुछ पन्नों की कथित तस्वीर हाल ही में सोशल मीडिया पर आई थी।
इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वैसे तो पता नहीं कि लाल डायरी और काली डायरी कौन सी है, पर मुझे ऐसा लगता है कि यह सब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंदर रचे गए षडय़ंत्र के तहत हुआ। वहां पर डायरी को ‘लाल डायरी नाम दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री चार दिन बाद सीकर आने वाले थे, उससे पहले उस व्यक्ति का दुरुपयोग किया गया जो हमारा मंत्री था। उससे बात करके, यह सब भाजपा के नेताओं ने किया, मंत्री (राजेंद्र गुढ़ा) के साथ में। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘इसलिए अगर लाल डायरी की बात करें, या कहें कि पन्ने आ रहे हैं जा रहे हैं… तो हम लोगों को उसकी चिंता नहीं है, हमारा एक ही उद्देश्य है कि कांग्रेस की सरकार दोबारा बने। हमने अच्छा काम किया है, अच्छा प्रशासन दिया है जिससे हमें यकीन है कि आम जनता हमारे कामों पर ठप्पा लगाएगी। गहलोत ने मणिपुर के हालात को लेकर भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि देश का एक राज्य जल रहा है, लेकिन इसकी गंभीरता प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह समझ नहीं पा रहे हैं, प्रधानमंत्री एक बार भी वहां नहीं गए, वहां के लिए एक टिप्पणी तक नहीं की। जो टिप्पणी उन्होंने की वह यह थी कि मणिपुर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को चाहिए कि शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना को तवज्जो न देने के लिए ऐसा किया गया।
केजरीवाल और प्रियंका को चुनाव आयोग का नोटिस
चुनाव आयोग ने आप के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया है। भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि आप पार्टी के आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किए गए दो ट्वीट में पीएम मोदी को अपमानजनक तरीके से दर्शाया गया है। चुनाव आयोग का कहना है, प्रथम दृष्टया में पोस्ट में आदर्श आचार संहिता के साथ-साथ कानून का उल्लंघन पाया गया है। उनसे 16 नवंबर तक स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। जिसमें पूछा गया है कि आचार संहिता के साथ-साथ चुनाव और कानूनों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ मध्यप्रदेश की रैली में असत्यापित बयान देने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को भी नोटिस भेजकर बृहस्पतिवार रात आठ बजे तक स्पष्टीकरण मांगा है। प्रियंका ने कहा था कि मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर दिया है।
कैलाश मेघवाल को बीजेपी ने किया निष्कासित
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बागियों पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पार्टी ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को बीजेपी ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बीजेपी के उतारे हुए उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लडऩे को लेकर पार्टी ने उन पर ये एक्शन लिया है। भीलवाड़ा से टिकट देने के बाद बीजेपी ने निर्दलीय उम्मीदवारों से नामांकन वापस लेने की बात कही। लेकिन कई नेताओं ने नामांकन वापस नहीं लिया, जिसके बाद पार्टी ने ये एक्शन लिया है। राजस्थान बीजेपी के स्टेट डिसीप्लेनेरी कमेटी प्रमुख ओंकार सिंह लखावत ने इसको लेकर आदेश जारी किए हैं। अपने आदेश में लखावत ने लिखा कि कैलाश मेघवाल ने बीजेपी के प्राथमिक सदस्य रहते हुए भीलवाड़ा के शाहपुरा से निर्दलीय नामांकन भरा। कैलाश चंद्र मेघवाल राजस्थान राज्य विधानसभा में सबसे उम्रदराज सदस्य हैं। जब उन्होंने चुनाव लड़ा तब उनकी उम्र 84 साल थी। भारतीय जनता पार्टी के कैलाश मेघवाल पूर्व में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इन्होंने भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। यहां उन्होंने जीत दर्ज कर सभी को हैरान कर दिया। मेघवाल ने इस चुनाव में कांग्रेस के महावीर प्रसाद के खिलाफ 74,082 वोटों से जीत दर्ज की थी। 22 मार्च 1934 को जन्मे मेघवाल एमए तक पढ़े हुए हैं, इन्होंने अपने करियर में कई चुनाव जीते हैं और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी पद संभाला है।