आजम खां मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एक में बेल मिली तो दूसरा केस दर्ज ऐसा क्यों हो रहा है

  • जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी

4पीएम न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आजम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। दरअसल आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मामले में जमानत मिल गई, लेकिन इसके बावजूद आजम खान जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में आजम खान पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया, जिसकी सुनवाई होनी बाकी है। आज जब आजम खान मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी और इस दौरान यूपी सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि आजम खान को 88 मामलों में जमानत मिल चुकी है। लेकिन उनके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हो गया है, जिसके कारण वो अभी जेल से जमानत पर बाहर नहीं आ पाएंगे। यूपी सरकार के वकील ने ये भी बताया कि आजम खान के खिलाफ दर्ज हर एक मुकदमा एक-दूसरे से अलग है। यूपी सरकार के जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा कि एक ही आदमी पर 89 मुकदमे कैसे दर्ज हो सकते हैं? ये एक ट्रेंड बन चुका है। जब एक केस में जमानत मिलती है तो दूसरा मुकदमा दर्ज हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल करने की इजाजत दी है और अगले हफ्ते मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई होगी।

रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी पहुंची ईडी की टीम
रामपुर शहर विधायक आजम खां पर ईडी ने भी उन पर शिकंजा कस दिया है। ईडी की टीम जांच पड़ताल के लिए जौहर यूनिवर्सिटी पहुंच गई है। ईडी के संयुक्त निदेशक अमित मिश्रा के नेतृत्व में टीम जौहर यूनिवर्सिटी में रिकॉर्ड खंगाल रही है। तहसीलदार प्रमोद कुमार भी लेखपालों के साथ पहुंच गए हैं। इस मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने ढाई साल पहले शिकायत दर्ज कराई थी कि आजम खां ने विदेश से पैसा लिया है और उसे जौहर यूनिवर्सिटी में लगाया गया है। नियमों का उल्लंघन किया गया है। इसकी जांच कराई जाए। तब ईडी ने मनी लांड्रिंग में केस दर्ज कर लिया था। साथ ही प्रशासन ने ईडी को जांच रिपोर्ट भेजी थी।

बेटे अब्दुल्ला और पत्नी के खिलाफ गैर जमानती वारंट
आजम खां के बाद अब उनकी पत्नी और बेटे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा के खिलाफ अब गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए गए हैं। दरअसल, दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में उनको एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होना था, लेकिन दोनों गैरहाजिर रहे। इसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए। इस मामले में अगली तारीख 16 मई निर्धारित की गई है।

एलयू के प्रो. रविकांत पर जानलेवा हमला, बुद्धिजीवियों ने की निंदा

  • विवि में एबीवीपी का हंगामा, दलित चिंतक रविकांत को दी जान से मारने की धमकी

4पीएम न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। सामाजिक चिंतक और टीवी पैनलिस्ट प्रोफेसर रविकांत चंदन पर जानलेवा हमला हुआ है। लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रो. रविकांत ने लिखित शिकायत दी है कि एबीवीपी के छात्रों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और उनके साथ गाली-गलौच की। हमलावरों में कॉलेज से बाहर के लोग भी शामिल थे, जिन्होंने गद्ïदारों को गोली मारो जैसे नारे लगाए। प्रो. रविकांत के समर्थन में पत्रकार, लेखक और बुद्धिजीवियों ने एक खुला पत्र लिखकर अपना विरोध जताया है। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. रविकांत ने बताया कि वे दलित समुदाय से आते हैं और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। सत्य हिन्दी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर हुई डिबेट में मैंने सीता रमैया की किताब का जिक्र किया था। उसी के हवाले से उनकी बाइट को मनमाने ढंग से काटकर प्रचारित किया गया और उन पर हिन्दू विरोधी होने के आरोप लगाए गए।

रविकांत ने कहा बीते दो दिन पहले सत्य हिंदी की डिबेट में पटाभी सीता रमैया ने जो किताब फेदर्स एंड स्टोन्स में जिस कहानी को लिखा है, उसी का जिक्र मैंने किया। उन्होंने कहा एक शिक्षक का काम पढ़ने-पढ़ाने का माहौल बनाना होता है, जिज्ञासाओं को बढ़ाना होता है और वे यही काम करते रहे हैं। मगर कुछ लोग खास राजनीतिक दल से प्रभावित होकर इस प्रक्रिया को बाधित करने में जुटे हैं। ऐसे लोग कैम्पस का माहौल खराब कर रहे हैं। लखनऊ के हसनगंज में एफआईआर दर्ज कराने का अनुरोध करते हुए प्रो. रविकांत ने जान से मारने की धमकी देने, जान मारने के लिए उकसाने और अपमानजक जातिगत टिप्पणी करने की शिकायत की है। अपनी और अपने परिवार की जानमाल की हिफाजत के लिए भी पुलिस से आग्रह किया है।

एबीवीपी के छात्रों के हंगामे के बाद विवि परिसर में तनाव
टिप्पणी के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रो. रविकांत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्हें विवि परिसर में घेरकर आपत्तिजनक नारेबाजी की। एबीवीपी के छात्रों के हंगामे के बाद से विवि परिसर में तनाव हैं। प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर परिसर में पुलिस बल तैनात है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने प्रॉक्टर ऑफिस में तोड़फोड़ भी की। दरअसल मंगलवार सुबह जब रविकांत अपने विभाग में पढ़ा रहे थे। उसी समय विवि के मुख्य द्वार पर उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। एबीवीपी के सौम्या श्वेतांशु ने कहा कि छात्र मांग करते हैं कि प्रो. रविकांत चन्दन हमसे माफी मांगे। अन्यथा आन्दोलन जारी रहेगा।

मथुरा पहुंचे स्वतंत्र देव, जानी विकास कार्यों की प्रगति

लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आज सुबह वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन कर पूजा की। इसके बाद पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में जनप्रतिनिधियों और भाजपा पदाधिकारियों से बात की। जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास योजनाओं की प्रगति जानी। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह मंगलवार रात को ही मथुरा पहुंच गए। रात में वह अघोर पीठ पहुंचे। उन्होंने महामंडलेश्वर बाल योगेश्वर आनंद से मुलाकात की। इस दौरान बाल योगेश्वर जलशक्ति मंत्री को मथुरा-वृंदावन में यमुना की दयनीय स्थिति से अवगत कराया। स्वतंत्र देव सिंह ने सरकारी गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम किया। कैबिनेट मंत्री बुधवार की सुबह सबसे पहले वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन करने मंदिर पहुंचे। सेवायतों ने उन्हें पूजा कराई। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में जिले के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से मुलाकात की। विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक जिले की विकास योजनाओं की समीक्षा की।

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