अफसरों को होश नहीं, लखनऊ में बिखरे पड़े गायों के शव 4PM के विडियो से मचा हडक़ंप
राजधानी के अफसरों को पैसे कमाने से मिले फुरसत तो देखें गौशाला को
- सीएम योगी के निर्देशों को हवा में उड़ा रहे हैं लखनऊ के अफसर, हुआ बुरा हाल
- चीफ सेक्रेटरी ने भी कई बार गौशाला को लेकर दिये निर्देश पर लखनऊ में आदेश ताक पर
- 4PM के यूट्यूब चैनल पर खबर चलते ही अफसर दौड़े सरोजनीनगर
- 4PM ने कैमरे पर दिखाया था कैसे दूर-दूर तक फैले हैं गौवंश के टुकड़े, दिल दहल जायेगा इस विडियो को देखकर
क्षितिज कान्त
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर विधान सभा क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा गांव मजरा परवर पश्चिम का जंगल। चारों ओर बिखरे पड़े गायों के अवशेष और शव। कहीं धड़ पड़ा है कहीं सिर। कहीं हड्डियों का अंबार। हर ओर दुर्गंध ही दुर्गंध। गऊ माता की ऐसी हालत देख कोई भी सिहर जाए। पूरे जंगल में बिखरे गायों के शव और अवशेष खुद अपनी दर्दनाक कहानी बयां कर रहे हैं। ये कंकाल अपने साथ हुई बर्बरता की गवाही दे रहे हैं। हालात बता रहे हैं कि गायों के नाम पर, गौशालाओं के नाम पर आया बजट अफसर डकार रहे हैं। इन बेजुबानों के साथ हो रही बर्बरता का सच उस समय उजागर हुआ जब 4PM की टीम यहां पहुंची। जैसे ही 4PM के यूट्यूब चैनल पर यह खबर प्रसारित हुई हडक़ंप मच गया। अफसर सरोजनीनगर की ओर दौड़ पड़े।
प्रदेश की भाजपा सरकार ने अन्ना गायों को रखने के लिए गौशालाओं का निर्माण कराया है। यहां गायों को पालने से लेकर उनके मृत्यु के बाद तक के बंदोबस्त के दावे किए गए। इसके लिए सरकार हर साल भारी भरकम रकम खर्च करती है लेकिन प्रदेश की अधिकांश गौशालाओं की हालात बद से बदतर है। ताजा मामला सरोजनीनगर स्थित गौशाला का है। यहां पलने वाली गायों की मौत होने पर उन्हें बलसिंह खेड़ा गांव मजरा परवर पश्चिम के जंगल में खुले में फेंका जा रहा है। यहां गायों के अधजले शव भी मिले हैं। जंगल में बिखरे कंकाल और हड्डियों के अंबार बता रहे हैं कि इन बेजुबानों के साथ कितनी बर्बरता की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ चीफ सेक्रेटरी के गौशालाओं को लेकर दिए गए तमाम दिशा-निर्देशों को लखनऊ में अफसरों ने ताक पर रख दिया है। अब जब 4PM यूट्यूब चैनल ने सरोजनीनगर के बलसिंह खेड़ा गांव की गौशाला से सटे जंगल में गायों के शवों का सच ग्राउंड जीरो से उजागर किया है तो अफसरों में हडक़ंप मच गया। बड़ा सवाल यह है कि भारी भरकम बजट के बाद भी इन बेजुबान गायों के शवों के साथ इतनी बर्बरता क्यों की गयी? आखिर भारी-भरकम बजट कहां जा रहा है? इस दयनीय हालत के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या प्रदेश सरकार जिम्मेदारों की जवाबदेही तय करेगी?
(विस्तृत खबर 4PM यूट्यूब पर)
क्या कहना है अधिकारी का
बीडीओ नीति श्रीवास्तव ने कहा कि जांच में कुछ जानवरों के शव बिखरे मिले हैं। यहां कई गौशालाएं और पशुपालक हैं इसलिए यह बताना मुश्किल है कि ये शव कहां से आए हैं। इस मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पशुओं के शवों के निस्तारण का शासनादेश
शासनदेश में गौशाला में मरने वाले पशुओं के शवों को गौशाला के अंदर या आसपास के निर्जन स्थल पर गड्ढा खोदकर चूना-नमक के साथ दफनाने का निर्देश है। इसके अलावा गड्ढे में मिट्टी भरने के बाद इसके ऊपर फिनायल डालने के भी निर्देश हैं।
गौशाला के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। गाय के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार में गाय भूखी-प्यासी तड़प कर मर रही है। आखिर जंगलों में इनके शवों को कौन फेंक रहा है। इसमें सरकार के लोग शामिल हैं। इस मामले की जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सुनील सिंह साजन, सपा नेतागाय के नाम पर वोट लेने वाले फर्जी गौभक्तों के कुकृत्य सामने आ रहे हैं। समाज और धार्मिक लोगों को इसके विरोध में आगे आना चाहिए। भाजपा सरकार में गऊ माता की इतनी बेकदरी क्यों, सीएम इसका जवाब दें।
सुरेंद्र राजपूत, प्रवक्ता, कांग्रेसभाजपा का गाय प्रेम ढोंग है। उनके लिए यह चुनावी फायदे से ज्यादा कुछ नहीं। असल में भूख-प्यास से तड़पती-मरती गायों से इन्हें कोई वास्ता नहीं। गायों की बदहाली की जांच हो जाए तो सामने आ जाएगा कि भाजपा सरकार गाय पालने के नाम का सारा पैसा भी खा जाती है ।
वैभव माहेश्वरी, प्रवक्ता, आपभाजपा के लिए गाय केवल राजनीति का विषय है। गौशालाओं के नाम पर पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सरकार ने जितने वादे गाय को लेकर किए हैं अगर उसका दस फीसदी भी पूरा कर देती तो यह हालत न होती।
अनुपम मिश्रा, राष्ट्रीय संयोजक टीम आरएलडी