शिक्षा के मामले में मुसलमानों की हालत एससी से भी नीचे: सिब्बल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्पेशल स्टेट्स पर सुनवाई जारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के स्पेशल स्टेट्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ताबड़तोड़ दलीलें दे रहे हैं। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सिब्बल ने तर्क दिया कि देश में शिक्षा के मामले में मुसलमानों की हालत अनुसूचित जातियों (एससी) से भी नीचे है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को पर्याप्त रूप से सशक्त नहीं बनाया गया है।
हालांकि, सिब्बल के तर्क देने के दौरान सरकार की तरफ से दलील दे रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी पलटवार किया। वैसे जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान अक्सर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के दौरान नोकझोंक होती रहती थी। दोनों के बीच दलील रूपी आरोप-प्रत्यारोप जमकर चले। जब भी ये दोनों वकील आमने-सामने होते हैं, उनकी भिड़ंत रोचक होती है।
मामला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के स्पेशल स्टेट्स को लेकर चल रही सुनवाई का था। सिब्बल ने दलील दी कि अनुच्छेद 30 (अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और चलाने का अधिकार) में तो सिर्फ कुछ आरक्षण की बात है और अब उन्हें भी छीन लिया जाएगा! अगर हमारे प्रशासन में अनुचित दखल दिया गया तो निश्चित रूप से अदालतों का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
सरकार के रुख पर उठाए सवाल
यूपीए सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे सिब्बल ने सबसे पहले सरकार के रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2006 के फैसले का समर्थन करने पर सरकार की आलोचना की, जिसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अधिनियम के कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि केंद्र संसद द्वारा पारित कानून का समर्थन करने के लिए बाध्य है, और मोदी सरकार का रुख चिंताजनक है। सिब्बल 1981 में एएमयू अधिनियम में हुए संशोधन को फिर से लागू करने की दलील दे रहे थे। इस नियम में यह स्पष्ट किया गया था कि एएमयू, जो मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज का नया रूप है, भारत के मुसलमानों द्वारा स्थापित एक विश्वविद्यालय है। इससे पहले, इसी प्रावधान में लिखा था विश्वविद्यालय से अर्थ है अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय।
तो क्या सरकार आपातकाल के कुख्यात 39वें संविधान संशोधन का भी समर्थन करे : मेहता
सिब्बल की दलील के एक खामियों को उजागर करते हुए सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि अगर सरकार को हर संसदीय कानून का समर्थन करना ही है, तो क्या उसे इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लागू किए गए आपातकाल के कुख्यात 39वें संविधान संशोधन का भी समर्थन करना पड़ेगा? उस संशोधन ने तो मूलभूत अधिकारों को ही रोक दिया था। उन्होंने ये जोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने सरकार का काम सिर्फ सही तरीके से कानून पेश करना है, न कि हर परिस्थिति में उसका बचाव करना। मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट ने 1981 के अधिनियम को सही ठहराया है और सरकार हमेशा हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन करती है। मेहता ने तर्क देकर सिब्बल की दलील की धार को कुंद किया।
मणिपुर पावर स्टेशन से भारी ईंधन रिसाव कई जगह आग लगी
सरकार ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर सरकार ने लीमाखोंग पावर स्टेशन से भारी ईंधन के रिसाव की सूचना के बाद सभी संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। ईंधन इंफाल घाटी से गुजरने वाली नदियों में फैल गया है। वीडियो फुटेज में अधिकारियों को रिसाव के बाद ईंधन से भरी धारा में एक छड़ी घुमाते हुए दिखाया गया है। कुछ स्थानों पर धारा में छोटी-मोटी आग लग गई।
सरकार ने एक आदेश में कहा लीमाखोंग पावर स्टेशन से भारी ईंधन के रिसाव की सूचना मिली है, जिसके कारण कांटोसाबल, सेकमाई आदि से गुजरने वाली धाराओं में डिस्चार्ज फैल गया है। यह धारा खुरखुल-लोइतांग-कामेंग-इरोइसेम्बा-नंबुल से होकर बहती हुई इम्फाल नदी से मिलती है। इसमें कहा गया है, सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध है कि वे मशीनरी, जनशक्ति और विशेषज्ञता के संदर्भ में सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके पर्यावरणीय आपदा को रोकने के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई करें।
राज्य सरकार ने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए प्रतिक्रिया तंत्र और मानक संचालन प्रक्रियाओं को तुरंत सक्रिय किया जाना चाहिए। आदेश में कहा गया है, उपायुक्त (इंफाल पश्चिम) अगले निर्देश तक क्षेत्र में समन्वय करेंगे। मणिपुर के सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) मंत्री लीशांगथेम सुसींद्रो मेइतेई और वन मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह ने कल देर रात घटनास्थल का दौरा किया। यह घटना तब हुई है जब पिछले साल 3 मई को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़प के बाद मणिपुर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं जारी हैं। हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
अहमदाबाद और अयोध्या के बीच उड़ान शुरू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अहमदाबाद और अयोध्या को जोडऩे वाली पहली त्रि-साप्ताहिक उड़ान गुरुवार को शुरू की गई, जो राम मंदिर के बहुप्रतीक्षित अभिषेक समारोह से पहले नदी के किनारे स्थित यूपी शहर के विमानन बुनियादी ढांचे के विस्तार का प्रतीक है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वस्तुत: उड़ान को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को चौथा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा देने के लिए मैं पीएम मोदी का आभारी हूं।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पलटी बस
40 लोग थे सवार बाल-बाल बची जान, 10 घायल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
आगरा। उत्तर प्रदेश में इस समय भीषण सर्दी के साथ-साथ घना कोहरा पड़ रहा है। कोहरे के कारण हर रोज सडक़ हादसे हो रहे हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं। अब बीती देर रात आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बड़ा सडक़ हादसा हुआ है।
यहां एक डबल डेकर बस खड़े ट्रक से टकराकर खाई में पलट गई, इस हादसे में बस में सवार 10 सवार लोग घायल हुए हैं, बताया जा रहा है कि दिल्ली से सवारियां लेकर बस लखनऊ की ओर जा रही थी। बस में करीब 40 सवारियां थीं। आशंका जताई जा रही है कि कोहरे के चलते बस हादसे का शिकार हुई है। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने तत्काल राहत बचाव कार्य शुरू किया और घायल सवारियों को अस्पताल में भर्ती कराया।
मौके पर पहुंची पुलिस
पुलिस ने बताया कि आगरा के थाना डौकी क्षेत्र में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के माइलस्टोन 14 पर खड़े ट्रक से दिल्ली से लखनऊ की ओर जा रही डबल डेकर बस टकराकर एक्सप्रेसवे से नीचे खाई में पलट गइ। ये हादसा तब हुआ जब एक डबल डेकर बस खराब दृश्यता के कारण नियंत्रण खो बैठी और डिवाइडर से टकरा गई। इसके बाद कम से कम छह वाहन एक-दूसरे से टकराए।
गलन ने बढ़ा दी हाड़ कंपाने वाली ठंड
कोहरे की आगोश में प्रदेश, अभी और नीचे लुढक़ेगा पारा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ गुरुवार की सुबह की शुरुआत घने कोहरे के साथ हुई। लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में घना कोहरा रहा। सडक़ों पर वाहन रेंगते नजर आए। कोहरे के साथ गलन लोगों को परेशान करती रही। इसके पहले बुधवार को हल्की धूप जरुर निकली लेकिन हवाओं की वजह से गलन लोगों को ठिठुराती रही। पारे में उतार-चढ़ाव और हवा की चाल ठिठुरन बढ़ा रही है। बुधवार को 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली पछुआ हवा ने गलन बढ़ा दी। इसके चलते धूप बेअसर रही।
हालांकि तापमान में विशेष बदलाव नहीं आया। अधिकतम तापमान 17 तो न्यूनतम 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, अगले दो-तीन दिन में अधिकतम तापमान दो डिग्री तक बढऩे और न्यूनतम तापमान के लुढक़ने के आसार हैं।
फिलहाल गलन से राहत नहीं मिलेगी। ठंड को देखते हुए कक्षा आठ तक के सभी सरकारी, गैर सरकारी व निजी स्कूलों में 13 जनवरी तक छुट्टी बढ़ा दी गई है। इससे पहले यह अवकाश 6 से 10 जनवरी तक बढ़ाया गया था। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार की ओर से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि नौवीं से 12वीं तक के सभी विद्यालय सुबह 10 से दोपहर तीन बजे तक चलेंगे। आदेश के मुताबिक विद्यालय प्रबंधक, प्रधानाचार्य की ये जिम्मेदारी होगी कि कक्षा में ठंड से बचाव की व्यवस्थाएं कराएं। संभव हो तो कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन माध्यम से कराया जाए।