यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में लखनऊ से लखीमपुर तक 59 सीटों पर होगा मतदान
Voting will be held in 59 seats from Lucknow to Lakhimpur in the fourth phase of the UP assembly elections
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को होगा और इसके लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है। अंतिम दिन सभी प्रमुख दलों ने मतदाताओं को लुभाने में पूरी ताकत झोंक दी। इस चरण में 59 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराया जाएगा जिनमें से 16 सीटें आरक्षित हैं।
पीलीभीत, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, लखनऊ, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिलों में मतदान कराया जाएगा। इन जिलों की 59 सीटों के लिए 624 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और सबसे अधिक उम्मीदवार हरदोई जिले में सवायाजपुर सीट पर हैं। लखीमपुर की पालिया और सीतापुर की सेवाता सीट पर छह-छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। चौथे चरण में रोहिलखंड, तराई क्षेत्र, अवध और बुंदेलखंड में मतदान कराया जाएगा।
बीजेपी ने वर्ष 2017 में हुए चुनाव में 59 में से 51 सीटों पर जीत हासिल की थी। एक सीट उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती थी। चार सीटों पर सपा ने जीत हासिल की थी, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर बीएसपी ने जीत हासिल की थी। इस चरण में राजधानी लखनऊ में भी मतदान हो रहा है, जिसमें नौ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से आठ बीजेपी के पास हैं।
चौथे चरण में लखीमपुर खीरी में भी मतदान होना है, जो तीन अक्टूबर की घटना के बाद किसान आंदोलन का केंद्र बिंदु बन गया है जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की एसयूवी की चपेट में आकर चार किसानों की मौत हो गई थी। आशीष मिश्रा पिछले हफ्ते जेल से जमानत पर छूटे थे। इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर निशाना साधता रहा है और आशीष की रिहाई ने इस मामले को और तेज कर दिया है।
यह चरण बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी 51 सीटों को बरकरार रखने की चुनौती का सामना कर रही है। पार्टी को तराई क्षेत्र में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है जहां बीजेपी सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुद्दों पर बोल रहे हैं। वरुण किसान बहुल निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत से सांसद हैं। केसरिया पार्टी को लखीमपुर में लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ रहा है जहां विपक्ष अक्टूबर की घटना को लेकर जनता को एकजुट कर रहा है । इसके अलावा सीतापुर में बीजेपी का मुकाबला बागी उम्मीदवारों से है।
कांग्रेस के लिए इन चुनावों में सबसे बड़ी चुनौती रायबरेली से है जहां से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह दोनों बागी होकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है और अगर पार्टी यहां से सीटें जीतने में विफल रहती है तो यह कांग्रेस के लिए जोरदार झटके की तरह होगा।