राजधानी के कई बिल्डरों के यहां आयकर के छापे

नोएडा और दिल्ली समेत कई ठिकानों पर पड़ी रेड

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। इनकम टैक्स विभाग ने बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। बुधवार को सुबह-सुबह आयकर की टीम शहर के बड़े बिल्डर और कारोबारियों के यहां पहुंच गई। इसमें अमरावती बिल्डर, पांडेय ब्रदर्श और तलवार ब्रदर्श जैसे बड़े नाम शाम शामिल हैं। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली दरबार ऐसे लोगों की सूची बना रहा था जिन्होंने पिछले कुछ सालों में बेशुमार दौलत बनायी है। इनमें कई नौकरशाह और राजनेता भी शामिल हैं।
इस कंपनी से जुड़े लोगों के यहॉ लखनऊ, नोएडा और दिल्ली समेत कई ठिकानों पर आज आयकर विभाग की रेड हो गयी । इस छापे से यूपी में हडक़ंप मचा हुआ है ।अब बारी कुछ नौकरशाहों की है। बताया जा रहा है कि विभाग के पास ऐसे कई दस्तावेज लगे हैं, जिसमें इनके यहां करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी होने की आशंका है। इनकम टैक्स विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि इनके खिलाफ विभाग पिछले छह महीने से कागज एकत्र कर रहा था। राजनीतिक रसूख होने की वजह से बिना पुख्ता कागजों के सर्वे करना भी ठीक नहीं था। ऐसे में सीधे छापा मारा गया है। गोमती नगर स्थित अमरावती बिल्डर का आलीशान मकान है। घर और कार्यालय दोनों जगह पर यह छापा चल रहा है। इसके अलावा बिल्डर पांडेय ब्रदर्श के घर पर भी छापा चल रहा है।

 

50 से ज्यादा लोग टीम में शामिल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांडेय ब्रदर्श और अमरावती बिल्डर को मिलाकर आयकर के करीब 50 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी इस रेड में शामिल है। यह एक बड़ा छापा माना जा रहा है। पांडेय ब्रदर्श के आवास के अलावा उनके कई कार्यालय पर भी छापा है। बताया जा रहा है कि बहुत से काम दूसरे के नाम से कराया जा रहा था। ऐसे में उन ठिकानों पर भी विभाग ने छापा मारा है, हालांकि अभी उसको सार्वजनिक नहीं किया गया है।

सीहोर में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची

तीन साल की मासूम को बचाने की कोशिश जारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
सीहोर। सीहोर में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की बच्ची का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसा मुंगावली में मंगलवार दोपहर करीब एक बजे हुआ। बच्ची 29 फीट नीचे फंसी हुई थी। दोपहर दो बजे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लोकल पुलिस प्रशासन के साथ रेस्क्यू में जुट गई। उसे निकालने के लिए 10 से ज्यादा जेसीबी और पोकलेन मशीनों की मदद से 5 फीट दूरी पर समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है।
टीम बुधवार सुबह 11.30 बजे तक बोर के पैरलल 32 फीट ही खुदाई कर सकी और बच्ची खिसककर 50 फीट पर जा पहुंची। एसडीएम अमन मिश्रा ने बताया कि बोर में हुक डालकर निकालने का प्रयास किया गया था, जो सफल नहीं हो सका है। बोर में हल्का पानी रिस रहा है।
जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने बताया कि बच्ची के मूवमेंट नहीं आ रहे हैं। खुदाई में नीचे मिले पत्थर बहुत ही हार्ड हैं। पत्थरों के कारण खुदाई में दिक्कत आ रही है। उन्हें तोडऩे के लिए पोकलेन मशीन के पंजे से बड़ी ड्रिल मशीन को बांधा हुआ है। उसी की मदद से पत्थर को तोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि रेस्क्यू में तेजी नहीं आ पा रही है।

मौत की होर्डिंग: नगर निगम अधिकारी ही लगा रहे पलीता

टैक्स चोरी कराकर अपनी जेबें भर रहे हैं अफसर-कर्मचारी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। शहीदपथ के इकाना स्टेडियम के पास होर्डिंग गिरने से मां-बेटी के साथ हुए दर्दनाक हादसे के बाद नगर निगम नींद से जागा है। महापौर सुषमा खर्कवाल ने सारे होर्डिंगो को जांच करवाने की बात कही।
पर जब इन होर्डिंगों के मामले में 4 पीएम ने जानकारी हासिल की तो चौंकाने वाली जानकारी हासिल हुई। जिस ओरिजिंस कंपनी को होर्डिंग व यूनीपोल लगाने को काम दिया गया है उसके पास नगर निगम को 20 लाख से ज्यादा बकाया बाकी है। तह में जाने पर पता चला कि लखनऊ नगर निगम के खजाने को उसी के अफसर चपत लगा रहे हैं।

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के पद पर बरसों से जमे हैं अशोक सिंह

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के पद पर तैनात अशोक सिंह 23 साल की नौकरी में साढ़े पांच साल छोड़ लखनऊ नगर निगम में डटे हैं। भवन स्वामियों पर कर के जरिए होने वाली वास्तविक आय कुछ हिस्सा ही खजाने में पहुंच रहा है, शेष अफसरों की जेब में जा रहा है। जीआईएस सर्वे में लापरवाही उजागर होने के बाद अशोक सिंह से शासन स्तर पर स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है। इसमें लम्बे अर्से से हो रही टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था।

नगर आयुक्त को गुमराह करते हैं उन्हीं के अफसर

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी की फौज जानबूझकर सर्वे में लापरवाही बरत रही है, नगर निगम को आय भवनों से कर, होटल-रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लगने वाले लाइसेंस शुल्क, रोड कटिंग, अवस्थापना शुल्क व विज्ञापन पटों के जरिए होती है। सूत्रों की माने तो अशोक सिंह के कार्यकाल में करोड़ों की हेराफेरी की गई है। सही जांच हो तो सिर्फ शहर भर में विज्ञापन यानि होर्डिंग्स, यूनीपोल व अन्य माध्यमों में जमकर खेल हो रहा है। टैक्स के मामले में पहले मनमाने ढंग से भवन स्वामियों पर टैक्स थोपते और बाद में संशोधन के नाम पर अपनी स्वार्थ सिद्धि कर राजस्व की हानि करते हैं। यह खेल कई बार पकड़ में आ चुका है।

मानवाधिकार ने दर्ज किया जगदीश गाँधी की पत्नी भारती गाँधी के खिलाफ केस

सीएमएस स्कूल थप्पड़ कांड
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह के संस्थापक जगदीश गाँधी की पत्नी भारती गाँधी द्वारा बीती 15 मई को सीएमएस की महानगर शाखा के छात्र अरफान हसन खान को गोमती नगर विस्तार शाखा में कई बार थप्पड़ मारने और पुलिस के नाम पर धमकाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बीते कल भारती गाँधी के खिलाफ केस नंबर 12662/24/48/2023 दर्ज कर लिया है।

बेटे को लाशों के नीचे से निकाला, बच गई जान

बालासोर रेल हादसा : एक पिता ने सुनाई दर्द की दास्तां

विश्वजीत की कई हड्डियों में चोट लगी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। ओडिशा ट्रेन हादसे में अब तक 280 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। कई लोग अब भी अपनों की तलाश कर रहे हैं। हावड़ा जिले में रहने वाले हेलाराम मलिक के 253 किलोमीटर सफर करने के बाद ओडिशा के बालासोर जिले पहुंचे और मुर्दाघर में पड़े अपने बेटे को मौत के मुंह से निकालकर नई जिंदगी बख्श दी। मलिक ने अपने 24 साल के बेटे विश्वजीत को बाहानगा हाई स्कूल में बने अस्थायी मुर्दाघर से निकाला और बालासोर अस्पताल ले गए, इसके बाद वह उसे कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल ले आए।
विश्वजीत की कई हड्डियों में चोट लगी थी और यहां एसएसकेएम अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर में उसकी दो सर्जरी की गईं। हावड़ा में किराना की दुकान चलाने वाले हेलाराम ने कहा, मैंने टीवी पर खबर देखी, तो मुझे लगा कि विश्वजीत को फोन करके पूछना चाहिए कि वह सही है या नहीं, शुरुआत में तो उसने फोन नहीं उठाया, लेकिन जब उठाया तो, मुझे दूसरी ओर से मुरझाई हुई-सी आवाज सुनाई दी। दुर्घटना वाली रात (दो जून) को ही हेलाराम और उनके बहनोई दीपक दास एक एम्बुलेंस में बालासोर के लिए रवाना हो गए, हेलाराम ने कहा,कि हम उसका पता नहीं लगा पाए, क्योंकि उसके मोबाइल फोन पर की जा रहीं कॉल का कोई जवाब नहीं मिल रहा था, हम कई अस्पताल गए, लेकिन विश्वजीत का कोई पता नहीं चल पाया। इसके बाद हम बाहानगा हाईस्कूल में बने अस्थायी मुर्दाघर पहुंचे, लेकिन शुरुआत में हमें उसमें जाने नहीं दिया गया। देखते ही देखते कुछ लोगों में कहासुनी हो गई और फिर हंगामा खड़ा हो गया। अचानक मुझे एक हाथ दिखा और मुझे पता था कि यह मेरे बेटे का हाथ है, वह जिंदा था।
हेलाराम बिना वक्त गंवाए अपने लगभग बेसुध बेटे को बालासोर अस्पताल ले गए, जहां उसे कुछ इंजेक्शन लगाने के बाद कटक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया गया।

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