भारतीय सेना की वायु रक्षा को मिलेगा QRSAM का बल, इतने करोड़ की परियोजना को मिल सकती है हरी झंडी
भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमता को जल्द ही एक बड़ी मजबूती मिलने जा रही है। रक्षा मंत्रालय लगभग 30,000 करोड़ रूपए की लागत से विकसित स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम की खरीद को मंजूरी देने की तैयारी में है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमता को जल्द ही एक बड़ी मजबूती मिलने जा रही है। रक्षा मंत्रालय लगभग 30,000 करोड़ रूपए की लागत से विकसित स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम की खरीद को मंजूरी देने की तैयारी में है। डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, इस महत्वाकांक्षी रक्षा परियोजना पर अंतिम फैसला रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence AcquisitionCouncil – DAC) की इस माह के चौथे सप्ताह में प्रस्तावित बैठक में लिया जा सकता है।
QRSAM मिसाइल सिस्टम को तेज प्रतिक्रिया और बहु-लक्ष्य भेदन क्षमता के लिए जाना जाता है। इसे खासतौर पर पाकिस्तान और चीन सीमा जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात किए जाने की योजना है, जहाँ दुश्मन के हवाई हमलों का तुरंत और सटीक जवाब देना जरूरी होता है। यह स्वदेशी सिस्टम भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है और इसे मोबाइल प्लेटफॉर्म्स पर तैनात किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता, ट्रैकिंग सिस्टम और ऑटोमैटिक टारगेट एक्विज़िशन जैसी खूबियाँ इसे आधुनिक युद्ध की ज़रूरतों के अनुकूल बनाती हैं।
अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो यह रक्षा आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा। साथ ही, भारतीय सेना की तात्कालिक प्रतिक्रिया क्षमता और आकाश सुरक्षा को नई ऊँचाई मिलेगी। हाल ही में हुए फील्ड ट्रायल्स के दौरान QRSAM सिस्टम ने दिन और रात दोनों परिस्थितियों में अपनी सटीकता, गति और बहु-लक्ष्य भेदन क्षमता को साबित किया है. यह सिस्टम कुछ ही सेकंड में लक्ष्य की पहचान कर उसे मार गिराने में सक्षम है.
QRSAM की खासियतें
एक्टिव एरे बैटरी सर्विलांस रडार, जिससे दुश्मन की गतिविधियों पर दूर से ही नजर रखी जा सकती है. लेजर प्रॉक्सिमिटी फ्यूज, जो मिसाइल को सही समय पर फटने में मदद करता है. मल्टी टारगेट एंगेजमेंट क्षमता, जिससे एक समय में कई दुश्मन हवाई लक्ष्यों को नष्ट किया जा सकता है. मोबाइल ऑपरेशन क्षमता, जिससे यह सिस्टम चलती यूनिट्स से भी लॉन्च किया जा सकता है. यह फॉरवर्ड लोकेशन में बड़ी बढ़त साबित होगी.
QRSAM की 30 किलोमीटर तक की मारक क्षमता इसे सेना के दूसरे सिस्टम्स जैसे कि MRSAM और आकाश मिसाइल के साथ मिलकर एक मजबूत वायु रक्षा कवच तैयार करने में सक्षम बनाती है. इससे भारतीय सेना के शॉर्ट-टू-मीडियम रेंज एयर डिफेंस नेटवर्क को नई धार मिलेगी. यह परियोजना स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, QRSAM मिसाइल सिस्टम की तैनाती भारत के वायु सुरक्षा तंत्र को आधुनिक, तेज और दुश्मन के लिए और भी अधिक घातक बनाएगी.



