चीन और बांग्लादेश से बढ़ते खतरे के बीच भारत की बड़ी तैयारी, असम में हाईवे पर फाइटर जेट्स की लैंडिंग की तैयारी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस तैयारी को लेकर कहा, “राष्ट्रीय राजमार्ग पर फाइटर जेट्स की इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी की जा रही है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत की सीमाओं पर लगातार मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर अब भारतीय सेना और सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी सामरिक स्थिति को और भी अधिक मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।

पाकिस्तान और चीन से मिल रही दोतरफा चुनौती के बीच भारत अब पूर्वोत्तर सीमाओं पर फोकस कर रहा है। बांग्लादेश के साथ हाल के दिनों में बिगड़ते संबंध और चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए भारत ने रणनीति रूप से महत्वपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्रों में रक्षा तैयारियां तेज कर दी हैं। चीन और बांग्लादेश की जुगलबंदी की आशंका को ध्यान में रखते हुए सीमाओं को मजबूत करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में अब असम में एक ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। पहली बार राज्य के एक राष्ट्रीय राजमार्ग को भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स और नागरिक विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। इससे न केवल सैन्य अभियानों में तेजी लाई जा सकेगी, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देना भी संभव होगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की पूर्वोत्तर में सैन्य शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम साबित होगा। आने वाले समय में इसी तर्ज पर अन्य सीमावर्ती राज्यों में भी ऐसी तैयारियाँ की जा सकती हैं।

आकस्मिक हालात से निपटने की खास तैयारी
भारतीय सेना की ओर से यह तैयारी सीधे तौर पर देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने और किसी भी आकस्मिक हालात से निपटने की खास प्लानिंग के तहत देखा जा रहा है. डिब्रूगढ़ के पास मोरान से नुमालीगढ़ तक करीब 4.2 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग के हिस्से को सुखोई-30 और राफेल जैसे फाइटर जेट्स की आपात लैंडिंग के लिए तैयार किया जाएगा. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस तैयारी को लेकर कहा, “राष्ट्रीय राजमार्ग पर फाइटर जेट्स की इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी की जा रही है. हम अक्टूबर तक यह सुविधा चालू करना चाहते हैं. भारतीय वायुसेना के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं और इस सिलसिले में काम तेजी से चल रहा है.”

असम में 2 और जगहों को भी तैयार किया जा रहा
चीन पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगातार सक्रिय बना हुआ है. ऐसे में सीमा के नजदीक पूर्वोत्तर में इस तरह की तैयारी को सामरिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है. अरुणाचल प्रदेश से लगी चीन की लंबी सीमा और लगातार बढ़ती चीनी गतिविधियों को देखते हुए भारत अब इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए अपने स्ट्रैटजिक पॉइंट्स को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है.

तैयारी इस तरह से की जा रही है कि सिर्फ फाइटर जेट्स ही नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर नागरिक विमान भी इस हाईवे पर लैंड कराए जा सकें. इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2 और जगहों लोअर असम और नागांव -लुमडिंग के बीच भी ऐसे ही हाईवे तैयार करने की मंजूरी दी है. इस तैयारी पर राज्य के सीएम सरमा ने कहा, “यह कदम असम की सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई देगा और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को भी मजबूत करेगा. चीन की चुनौती के बीच यह फैसला सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है.”

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