बेहूदा टिप्पणियों से देश की छवि खराब होती है: भागवत

बिना नाम लिए राहुल गांधी पर साधा निशाना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नागपुर। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिना नाम लिए राहुल गांधी की कड़ी आलोचना की है। राहुल गांधी के विदेश में मोदी सरकार की खिलाफत को लेकर भागवत ने तंज कसा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस तरह की बेहूदा टिप्पणियों को आम लोग करीब से देख रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त अमेरिका में हैं, जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में भारत के लोकतंत्र पर कहा कि वहां पूरा विपक्ष संघर्ष कर रहा है। दरअसल राहुल ने कहा था कि भारत में अगर कोई विपक्ष सरकार के खिलाफ बोलने की कोशिश करता है तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है। इसके साथ ही राहुल ने विशेष धर्म के लोगों के हक को लेकर भी सवाल खड़े किए थे।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी ताकतें भारत देश की छवि को खराब करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, हमें ऐसा मौका किसी को नहीं देना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस तरह का काम एक व्यक्ति के अहंकार का परिणाम है। भागवत यहां राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष के अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (ओटीसी) के समापन समारोह में बोल रहे थे।

राजनीति की होनी चाहिए एक सीमा

भागवत ने कहा, यह एक लोकतंत्र है, राजनीतिक दलों के बीच हमेशा सत्ता की होड़ लगी रहती है, लेकिन राजनीति की एक सीमा होती ह, वे एक-दूसरे की जितनी चाहें उतनी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन उनके पास विवेक होना चाहिए कि वे उस प्रशंसक को न जाने दें। मराठा सम्राट शिवाजी के हिंदवी स्वराज को याद करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि शिवाजी और संभाजी समेत सैकड़ों आम लोगों ने आत्म-शासन के लिए बलिदान दिया। उन्होंने अपना पूरा जीवन संघर्ष में लगा दिया, हमारे प्राचीन मूल्यों को फिर से जीवंत करना महत्वपूर्ण ह, हिंदवी राज की उनकी दृष्टि को हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं।

एकता और अखंडता को नहीं पहुंचना चाहिए नुकसान

मोहन भागवत ने किसी दल या व्यक्ति का नाम लिए बगैर कहा कि वे आपस में लडऩे में इतने व्यस्त हैं कि वास्तव में देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता की प्रशंसा करते हुए भागवत ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रवाद पर कोई समझौता नहीं हो सकता और उन्होंने भावनात्मक अखंडता का आह्वान किया। उन्होंने भारत सदियों से मुसलमानों की परंपराओं और इबादत के तरीकों का संरक्षण करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे अतीत का बोझ कुछ के अहंकार के साथ मिलकर हिंदू-मुस्लिम समुदायों को अपनी एकता दिखाने से रोक रहा था। ऐसे मामलों में बातचीत ही एकमात्र रास्ता था। सभी के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि अलग पहचान पर जोर न दें, राष्ट्रीय पहचान को एकीकृत तौर पर स्वीकार करें।

सभी भारतीयों के पूर्वज एक ही हैं

मोहन भागवत ने कहा, जिस देश के लोगों ने संतुलन और राष्ट्रवाद की भावना खो दी है, जो कयामत से मिला है। उन्होंने कहा कि इस्लाम भारत में उन आक्रमणकारियों द्वारा लाया गया, जिन्होंने कुछ समय के लिए शासन किया और फिर छोड़ दिया। जो लोग इस विश्वास का पालन करते हैं, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि सभी भारतीयों के पूर्वज एक ही हैं।

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