कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा राजस्थान का गढ़ जीतना

4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी कलह के चलते दो साल बाद एक बार फिर राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। यह स्थिति ऐसे समय बनी है जब कांग्रेस के राष्टï्रीय अध्यक्ष के चुनाव की नामांकन प्रकिया शुरू हो चुकी है। इसी चुनाव के चलते सचिन पायलट के लिए अगला मुख्यमंत्री बनने का दरवाजा खुला था लेकिन पार्टी के शीर्ष पद के दावेदार अशोक गहलोत की नाराजगी के कारण वह बंद होता दिख रहा है। सवाल ये उठता हैं कि राजस्थान में रायता किसने फैलाया? अशोक गहलोत ने या गांधी परिवार ने? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, डॉ. राकेश पाठक, डॉ. सुनीलम, राजेश बादल और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
राजेश बादल ने कहा कि जो राजस्थान में अपनी अनुपस्थिति से राज्य को मजबूत नहीं कर सकता, वह शीर्ष स्तर पर क्या करेगा। इस किरकिरी के बाद कांग्रेस को राजस्थान का गढ़ जीतना आसान नहीं होगा। डॉ. सुनीलम ने कहा कि हम खुद षडय़ंत्र का शिकार हुए हैं और पार्टी के अंदर षडय़ंत्र चलते रहते हैं। ये जो षडय़ंत्र है वे गहलोत के खिलाफ ही है। कांग्रेस खुद गहलोत को अध्यक्ष पद सौंप रही थी। हालात बिगड़ गए हैं। आगे क्या होगा देखना लायक होगा।
डॉ. राकेश पाठक ने कहा कि राजस्थान की उठापठक राहुल गांधी को नुकसान पहुंचा सकती है। भारत जोड़ो यात्रा पर भी इसका असर दिख सकता है। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अपने अतीत से सीख नहीं ले रही। मध्यप्रदेश, महाराष्ट से भी नहीं जबकि गहलोत साबित करते रहे हैं। लीडरशिप में दो लोगों में अगर झंझट है तो अलग-अलग बैठकर बात करें कि हम आपको अध्यक्ष बनाना चाहते हैं और आपको सीएम वरना बात बिगड़ जाएगी। अशोक वानखेड़े भी परिचर्चा में शामिल हुए।

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