न्यायिक स्वतंत्रता को भाजपा से सबसे अधिक खतरा: जयराम रमेश

नई दिल्ली। चुनावी माहौल में राजनीतिक दलों व नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप व सियासी बयानवाजी का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर एक बार फिर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भाजपा के निशाने पर है। न्यायिक स्वतंत्रता को भाजपा से सबसे बड़ा खतरा है। दरअसल, शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा।

पत्र में न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जताई गई थी। इसी मामले में रमेश ने कहा कि यह पत्र न्यायपालिका को धमकाने और डराने के प्रधानमंत्री के प्रयासों का हिस्सा है। बता दें, पत्र में कुछ गुटों की ओर से सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने के बढ़ते प्रयासों का जिक्र किया गया है।

न्यायपालिका को डराने का प्रयास: रमेश

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रमेश ने कहा कि यह पत्र हाल के महीनों में अपनी ताकत दिखाने वाली न्यायपालिका को डराने का प्रयास है। न्यायपालिका जिसने भारत के सबसे बड़े भ्रष्टाचार चुनावी बांड को उजागर किया है। यह उस सर्वोच्च न्यायालय को डराने का प्रयास है, जिसने कहा कि मणिपुर में संवैधानिक तंत्र ध्वस्त हो गया है।

रमेश ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट निशाने पर है, क्योंकि अदालत की एक महिला जज ने हाल ही में नोटबंदी की काफी आलोचना की थी। न्यायिक स्वतंत्रता को सबसे बड़ा खतरा कांग्रेस पार्टी से नहीं, बल्कि भाजपा से है, प्रधानमंत्री मोदी से है, गृहमंत्री अमित शाह से है। इसके अलावा, एक्स पर पत्र को साझा करते हुए रमेश ने कहा कि जी21 बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है। सूची में चौथे नंबर वाले न्यायाधीश एमआर शाह तो एक उपहार की तरह हैं।

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