जिगिशा पटेल की एंट्री से मची हलचल, AAP में शामिल होते ही गोंडल की राजनीति में मचा भूचाल
गुजरात की राजनीति में नया धमाका... गोंडल की प्रभावशाली नेता जिगीशा पटेल के आम आदमी पार्टी में शामिल होते ही मचा सियासी तूफान...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात की राजनीति में पाटीदार समुदाय की एक आक्रामक आवाज ने नया रंग भर दिया है.. जिगिशा पटेल अपने फायरब्रांड तेवरों और निर्भीक बयानों के लिए जानी जाती हैं.. उन्होंने अरविंद केजरीवाल के गुजरात दौरे के दौरान आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया… वहीं इस खबर के फैलते ही राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई.. वहीं जब जिगिशा गोंडल पहुंचीं.. और वहां जेल रोड पर सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मनाई.. और इस आयोजन ने सवाल खड़े कर दिए कि क्या यह पाटीदार नेता बाहुबलियों के गढ़ माने जाने वाले गोंडल से ही आने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेंगी..
जिगिशा से जब पत्रकारों ने जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि अगर पार्टी कहेगी.. तो मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं.. यह बयान गुजरात की राजनीति में एक नई बहस छेड़ने वाला है.. गोंडल सीट लंबे समय से क्षत्रिय और पाटीदार समुदायों के बीच तनाव का केंद्र रही है… यहां हिंसा और राजनीतिक हत्याओं का काला इतिहास भी जुड़ा है.. फिलहाल इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है.. लेकिन जिगिशा की एंट्री से AAP को नया बल मिल सकता है..
आपको बता दें कि जिगिशा पटेल गुजरात के पाटीदार समुदाय की एक प्रमुख नेता हैं.. उनका जन्म और पालन-पोषण सौराष्ट्र क्षेत्र में हुआ… जहां पाटीदार समाज की मजबूत पकड़ रही है.. उन्होंने सार्वजनिक जीवन में कदम 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन से रखा.. यह आंदोलन हार्दिक पटेल के नेतृत्व में चला था.. जिसमें पाटीदार समुदाय ने ओबीसी आरक्षण की मांग की थी.. जिगिशा ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई.. और महिलाओं को आगे लाने का काम किया.. गुजरात हाईकोर्ट के रिकॉर्ड्स के अनुसार यह आंदोलन 2015 से 2016 तक चला… जिसमें सैकड़ों गिरफ्तारियां हुईं और कई हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं.. जिगिशा ने तब से कई रैलियों और सभाओं में हिस्सा लिया.. जहां उन्होंने सरकार की नीतियों पर सीधी चोट की..
गुजरात समाचार और संदेश अखबारों की रिपोर्ट्स के मुताबिक.. जिगिशा अपने तेज-तर्रार अंदाज के लिए मशहूर हैं.. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पाटीदार समाज को हाशिए पर धकेलने वालों को जवाब देना ही हमारा धर्म है.. वे गोंडल नागरिक हित रक्षक समिति की सदस्य हैं.. इसके अलावा वे खोडलधाम अहमदाबाद की सह-कन्वीनर भी हैं.. खोडलधाम एक प्रमुख पाटीदार धार्मिक-सामाजिक संगठन है.. जो लाखों सदस्यों के साथ सक्रिय है..
जिगिशा की एंट्री AAP में केजरीवाल के गुजरात दौरे के ठीक समय पर हुई.. AAP की आधिकारिक वेबसाइट और प्रेस रिलीज के अनुसार.. केजरीवाल 30 अक्टूबर को अहमदाबाद पहुंचे थे.. जहां उन्होंने पार्टी की राज्य इकाई को मजबूत करने पर जोर दिया.. जिगिशा ने दौरे के दौरान ही पार्टी जॉइन की.. जो AAP के गुजरात विस्तार की रणनीति का हिस्सा लगता है.. AAP गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनावों में सिर्फ 5 सीटें जीत पाई थी.. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में उसका वोट शेयर 13% तक पहुंच गया.. चुनाव आयोग के डेटा से पता चलता है कि सौराष्ट्र क्षेत्र में AAP को पाटीदार वोटों का अच्छा समर्थन मिला.. जिगिशा की मौजूदगी से यह समर्थन और मजबूत हो सकता है..
वहीं अब बात करते हैं गोंडल विधानसभा सीट की.. जो राजकोट जिले के सौराष्ट्र क्षेत्र में आती है.. यह सीट गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से एक है.. जहां कुल 2.5 लाख से ज्यादा मतदाता हैं.. गोंडल का इतिहास राजसी ठाठ-बाट से भरा है.. पुराने समय में यह जडेजा राजपूतों का राज्य था.. लेकिन आजादी के बाद यह राजनीतिक टकराव का केंद्र बन गया.. यहां पाटीदार (पटेल) और क्षत्रिय (राजपूत) समुदायों के बीच वर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से चल रही है..
बता दें कि गोंडल की राजनीति में हिंसा का सिलसिला रुका नहीं.. 2010 में एक क्षत्रिय नेता की हत्या हुई..जिसके बाद गुजरात पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की.. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की 2015 रिपोर्ट के मुताबिक.. यहां 20 से ज्यादा राजनीतिक हत्याएं दर्ज हैं.. पाटीदार समाज का एक समय दबदबा था.. जब सोरठिया जैसे नेता सक्रिय थे.. लेकिन आरक्षण आंदोलन के बाद पाटीदार वोट बंट गए.. 2017 के चुनावों में हार्दिक पटेल के आंदोलन ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया.. लेकिन गोंडल में क्षत्रिय वोटों ने बाजी मार ली..
जिगिशा पटेल की AAP जॉइनिंग ऐसे समय पर हुई है.. जब गुजरात में पाटीदार असंतोष चरम पर है.. पाटीदार आंदोलन से निकली एक अन्य नेता रेश्मा पटेल पहले से ही बीजेपी पर हमलावर हैं.. रेशमा गुजरात कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष हैं.. हाल ही में एक रैली में उन्होंने कहा कि गुजरात में किसानों और युवाओं की हालत खराब है.. क्योंकि आप हर बार कमल की खेती करते हो.. रेशमा भी 2015 आंदोलन की सक्रिय सदस्य रहीं..
AAP की रणनीति साफ है.. पार्टी गुजरात में पाटीदार और दलित वोटों पर नजर रखे हुए है.. 2023 में AAP ने गुजरात में अपनी पहली जीत हासिल की.. जब वे विसनगर उपचुनाव जीते.. लेकिन सौराष्ट्र में अभी कमजोरी है.. जिगिशा की मौजूदगी से AAP को गोंडल जैसे इलाकों में पैठ मिल सकती है.. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर जिगिशा गोंडल से लड़ती हैं.. तो यह पाटीदार vs क्षत्रिय की पुरानी लड़ाई को नया रूप देगी.. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के अनुसार.. AAP के गुजरात संयोजक गोपाल राय ने कहा कि जिगिशा जैसे नेता पार्टी को मजबूत बनाएंगे..
लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं है.. गीताबा जडेजा का दबदबा है.. वे स्थानीय विकास कार्यों जैसे गोंडल में नई सड़कें.. और स्कूल के लिए जानी जाती हैं.. जिला कलेक्टर के आंकड़ों से पता चलता है कि 2020-25 के बीच गोंडल में 500 करोड़ का विकास खर्च हुआ.. अनिरुद्ध सिंह जडेजा भी मैदान में हैं.. और वे कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.. जिगिशा को न सिर्फ बीजेपी.. बल्कि स्थानीय गुटों से भी सामना करना पड़ेगा..
पाटीदार आंदोलन को समझे बिना जिगिशा की कहानी अधूरी है.. गुजरात में पाटीदार समुदाय 15-20% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है.. वे मुख्य रूप से किसान और व्यापारी हैं.. 1980 के दशक तक वे आर्थिक रूप से मजबूत थे.. लेकिन आरक्षण की मांग ने राजनीति बदल दी.. 2015 का आंदोलन सबसे बड़ा था.. हार्दिक पटेल ने इसे लीड किया.. जिसमें जिगिशा जैसी महिलाओं ने आगे बढ़कर हिस्सा लिया.. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में पाटीदारों को 10% ईडब्ल्यूएस कोटा दिया.. लेकिन ओबीसी की मांग अधर में लटकी है..
जिगिशा ने आंदोलन के दौरान कई जेल यात्राएं कीं.. गुजरात पुलिस के रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज है.. आंदोलन के बाद वे सामाजिक कार्यों में लगीं.. गोंडल नागरिक हित रक्षक समिति के तहत उन्होंने जल संकट.. और बेरोजगारी पर अभियान चलाए.. खोडलधाम के साथ उनका जुड़ाव धार्मिक है.. लेकिन राजनीतिक भी.. यह संगठन पाटीदार वोटों को प्रभावित करता है.. 2022 चुनावों में खोडलधाम ने बीजेपी का समर्थन किया था.. लेकिन अब असंतोष बढ़ रहा है..
गोंडल आज भी विकास और विवादों के बीच झूल रही है.. यहां की अर्थव्यवस्था कृषि पर टिकी है.. कपास, मूंगफली और दूध उत्पादन प्रमुख हैं.. लेकिन बाहुबली संस्कृति ने निवेश को रोका.. 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोंडल का जीडीपी ग्रोथ रेट 5% है.. जो राज्य औसत से कम है.. राजनीतिक हत्याओं के कारण युवा पलायन बढ़ा है..
जिगिशा की एंट्री से AAP को फायदा हो सकता है.. पार्टी का फोकस भ्रष्टाचार मुक्त शासन और मुफ्त बिजली-जल पर है.. जो पाटीदारों को आकर्षित कर सकता है.. लेकिन बीजेपी का संगठन मजबूत है.. अमित शाह का सौराष्ट्र में प्रभाव है.. 2027 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं.. और गोंडल हॉटसीट बनेगी.. अगर जिगिशा लड़ती हैं, तो वोट शेयर 20-25% तक AAP को मिल सकता है..



