कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व, जानिए विस्तार से

हिंदु पंचाग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दीपदान और दान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः हिंदु पंचाग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दीपदान और दान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। भक्तिगण सुबह-सुबह पवित्र नदियों में स्नानकर दीपदान करते हैं और दान-पुण्य के कार्यों में भाग लेते हैं। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया दान सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना फलदायी होता है।

सनातन धर्म में कार्तिक माह का जितना महत्व है उतना ही इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का भी महत्व है. यह तिथि कार्तिक माह की अंतिम तिथि होती है. इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा या देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान किया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है. मोक्ष की प्राप्ति होती है. घर में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान के साथ-साथ दान करने की परंपरा भी है. इस दिन दान करना बहुत शुभ माना गया है. इस दिन किए गए दान से कई गुना फल मिलता है. ये बात शास्त्रों में बताई गई है. आइए जानते हैं कि इस दिन राशिनुसार क्या चीजें दान करें?

मेष राशि के स्वमी मंगल हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन मेष वाले लाल वस्त्र, मसूर दाल, शहद या लाल फल का दान करें. इससे ऊर्जा, साहस, संपत्ति बढ़ती है. कर्ज से छुटकारा मिलता है.

वृषभ राशि के स्वमी शुक्र हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन वृषभ वाले कंबल, सफेद मिठाई, चावल, घी, दही और सफेद तिल का दान करें. इससे भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ती हैं.

मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन मिथुन वाले हरी मूंग दाल, हरी सब्जियां, आंवला, हरे वस्त्र और स्टेशनरी का दान. इससे कारोबार और करियर में तरक्की मिलती है.

कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन कर्क वाले दूध, सफेद मिठाई, चावल, चांदी, चीनी, मिश्री या जल का दान करें. इससे मानसिक शांति मिलती है. साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिंह वाले गेहूं, तांबा, गुड़, नारंगी वस्त्र, लाल फूल या माणिक्य का दान करें. इससे मान-सम्मान बढ़ता है.

कन्या राशि के स्वामी बुध हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन कन्या वाले हरे वस्त्र, हरी मूंग दाल, हरी सब्जियां और घी का दान करें. इससे स्वास्थय लाभ मिलता है.

तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुला वाले सफेद वस्त्र, इत्र, सुगंधित वस्तुएं, चावल और घी का दान करें. इससे धन, वैभव और ऐश्वर्य बढ़ता है.

वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन वृश्चिक वाले गुड़, लाल वस्त्र, मसूर दाल, लाल फल या निर्धन को धन का दान करें. इससे रुके हुए कार्य पूरे होते हैं.

धनु राशि के स्वामी बृहस्पति कार्तिक पूर्णिमा के दिन धनु वाले चना दाल, केला, पीला वस्त्र, केसर, हल्दी और मक्का का दान करें. इससे संतान की उन्नति होती है.

मकर राशि के स्वमी शनि देव हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन मकर वाले काले तिल, सरसों का तेल, उड़द दाल और कंबल का दान करें. इससे शनि दोष कम होता है. कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.

कुंभ राशि के स्वामी भी शनि देव हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुंभ वाले काला कंबल, तिल, उड़द दाल, जूते-चप्पल या धन का दान करें. इससे आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है.

मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं. कार्तिक पूर्णिमा के मीन वाले . चने की दाल, पीला वस्त्र, बेसन के लड्डू, हल्दी और खाने-पीने की वस्तुओं का दान करें. इससे धन हानि नहीं होती.

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