सनातन धर्म में जितेंद्र आव्हाड के बयान से सियासी घमासान, संजय निरूपम का पलटवार

निरुपम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि यदि सनातन धर्म नहीं होता तो आज जितेंद्र ‘जित्तुद्दीन’ हो गए होते. निरुपम ने सनातन को भारत की सभ्यता और संस्कृति का रक्षक बताया.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: NCP नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन धर्म पर दिए बयान पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कड़ा पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सनातन नहीं होता तो देश कब का सऊदी अरब बन गया होता.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है. शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने अब इस पर पलटवार किया है. निरुपम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि यदि सनातन धर्म नहीं होता तो आज जितेंद्र ‘जित्तुद्दीन’ हो गए होते. निरुपम ने सनातन को भारत की सभ्यता और संस्कृति का रक्षक बताया.

क्या बोले संजय निरुपम?
संजय निरुपम ने अपने पोस्ट में लिखा, “सनातन धर्म ने भारत की सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं को हज़ारों वर्षों से जीवित रखा है. अगर सनातनी नहीं होते तो यह देश कब का सऊदी अरब बन गया होता. ऐसे धर्म को ‘आतंकवादी’ कहना सरासर एहसान फरामोशी है.” उन्होंने आगे लिखा, “जितेंद्र आव्हाड को यह याद रखना चाहिए कि उन्हीं के पूर्वजों ने सनातन की छांव में पनाह पाई थी.”

क्या था जितेंद्र आव्हाड का विवादास्पद बयान?
दरअसल शनिवार (2 अगस्त) को एक कार्यक्रम में बोलते हुए आव्हाड ने कहा कि “सनातन धर्म जैसी कोई चीज कभी अस्तित्व में नहीं थी. यह एक विचारधारा है जिसने भारत को बर्बाद किया.” उन्होंने इसे भारत के पतन की एक बड़ी वजह बताया.

आव्हाड ने कहा, “हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं, न कि किसी तथाकथित सनातन धर्म के.” उन्होंने दावा किया कि “सनातन धर्म ने छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक में बाधा डाली थी और संभाजी महाराज को बदनाम किया था.” जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा, “ज्योतिराव फुले की हत्या की कोशिश हुई थी. सावित्रीबाई फुले पर गोबर और गंदगी फेंकी गई थी. यह सनातन धर्म ही था जो शाहू महाराज की हत्या की साजिश रच रहा था.”

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