भाजपा की चौथी सूची में वही जो भ्रष्टाचारी हैं: कमलनाथ 

बोले- लड़ाई से पहले भाजपा ने हार मान ली, विश्वास व विश्वासघात के बीच चुनावी लड़़ाई : वीडी शर्मा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी की तारीखों के एलान के साथ ही सियासी बयानबाजी से पारा चढ़ता जा रहा है। सोमवार को भाजपा ने अपनी चौथी सूची में 57 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत 25 मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इस पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने तंज कसा।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा की चौथी सूची में एकबार फिर वही चेहरे मैदान में हैं जिन्हें मध्यप्रदेश की जनता भ्रष्टाचार का प्रतीक मानती है। इन थके हारे चेहरों से जनता बोर हो चुकी और अपना पिंड छुड़ाना चाहती है। भाजपा ने इन्हें आगे करके लड़ाई से पहले हार मान ली है। यह चुनाव की तैयारी नहीं, विदाई की तैयारी है। यह चुनाव जनता का विश्वास जीतने वाली भाजपा बनाम विश्वासघात करने वाली कांग्रेस के बीच है।
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार ने प्रदेश को बीमारू मध्य प्रदेश से विकसित राज्य बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की डबल इंजन वाली सरकार लोगों का जीवन बदलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत है, जो प्रत्येक बूथ पर सजग प्रहरी की तरह तैनात है। विकास और गरीब कयाण के जो काम हमारी सरकारों ने किए हैं, उसके आधार पर प्रदेश की जनता हमें आशीर्वाद देगी और अब तक की सर्वाधिक सीटें जीतकर भाजपा इतिहास रचेगी। इस बार प्रदेश में कमल दीवाली मनेगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव जनता का विश्वास हासिल करने वाली भाजपा बाम विश्वासघात करने वाली कांग्रेस के बीच है।

कांग्रेस की गारंटी झूठी और सपने हकीकत से दूर : भूपेंद्र

भोपाल। पूरा देश इस बात को जानता है कि जनगणना करने का कार्य केंद्र सरकार का है। जनगणना से राज्य सरकारों का कोई लेना देना नहीं है। यह हकीकत उन दलों और नेताओं को भी पता है जो जातिगत जनगणना को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस झूठ और भ्रम फैलाने की राजनीति से बाज नहीं आ रही है। कांग्रेस का रिकॉर्ड खराब है, उसकी गारंटी झूठी है और सपने हकीकत से दूर हैं। यह बात केंद्रीय मंत्री एवं मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने आज मीडिया से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के बारे में कांग्रेस का बयान उसका एक और झूठ ही है। पूरा देश जानता है कि देश में जब मंडल आयोग की बात संसद में आई थी तो स्व. राजीव गांधी ने उसका विरोध किया था। यह बात पॉर्लियामेंट के रिकॉर्ड में दर्ज है। 50 के दशक में जब काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट आई और 80 के दशक में मंडल आयोग की रिपोर्ट आई तो कांग्रेस की सरकारों ने उन्हें भी दबा दिया और लागू नहीं होने दिया। देश इस बात को भी जानता है कि जिस समय राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद थे और देश में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब ओबीसी समाज के द्वारा जो संवैधानिक आयोग बनाने की मांग की गई थी, उसे भी कांग्रेस की सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। यादव ने कहा कि मैं राहुल गांधी से यह पूछना चाहूंगा कि अगर उनको ओबीसी से इतना प्रेम है तो वह यह बताएं कि 1950 से लेकर 1992 तक इस देश के नौजवानों को ओबीसी का रिजर्वेशन क्यों नहीं मिला?

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