कांशीराम जयंती: मायावती बोलीं – केंद्र व राज्यों की सत्ता अपने हाथ में लेने को प्रयासरत रहे बहुजन समाज
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी के संस्थापक कांशीराम के 90वें जन्मदिन पर शुक्रवार को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद अपने संदेश में कहा कि जातिवादी शक्तियों के साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेकों षडय़ंत्र से बचते-बचाते बहुजन समाज को केंद्र व राज्यों की सत्ता अपने हाथ मे लेने का चुनावी प्रयास जारी रखना है। तभी यहां सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति आंदोलन की सफलता संभव है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव को सफल बनाने के लिए जी-जान से जुटने की अपील करते हुए कहा कि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए तन, मन, धन की कुर्बानी देना जरूरी है। बहुजन समाज को जातिवादी व धन्नासेठ समर्थक विरोधी पार्टियों की साजिश, दावों और वादों से बचकर चुनाव में सक्रिय रहना जरूरी है, क्योंकि अब इनके भरोसे रहना आत्मघाती होगा।
उन्होंने कहा क एससी, एसटी के बाद अब ओबीसी समाज के हित के बारे में भी सरकार द्वारा बातें बहुत होती हैं, लेकिन इनके आरक्षण के बैकलॉग को भी वर्षों से नहीं भरा जा रहा हैं। इससे नीति निर्धारण में बहुजन समाज के लोगों की भूमिका गौण है। इसको बदलने का चिंतन व चुनावी प्रयास दोनों बहुत जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि कांशीराम के सम्मान में बसपा सरकार ने अनेकों स्मारक, स्थल, पार्क, विश्वविद्यालय, कालेज, अस्पताल के साथ नये जिले भी बनाए, जो उनके विरोधियों को कभी अच्छा नहीं लगा। उनकी सरकार बनते ही कई के नाम ही बदल डाले। कांशीराम नगर जिले का नाम बदला गया।
लखनऊ में आईआईएम के पास स्थापित मान्यवर श्री कांशीराम जी उर्दू, अरबी, फारसी यूनिवर्सिटी का नाम पहले सपा सरकार ने बदला और फिर भाजपा सरकार ने उसे भाषा विश्वविद्यालय बना दिया।
ऐसे जातिवादी, सांप्रदायिक व संकीर्ण सोच वाली पार्टियों व इनके नेताओं से बहुजन समाज का हित व कल्याण की आशा करना रेगिस्तान में पानी तलाशने से कम नहीं है। इसीलिए सावधानी बरतनी जरूरी है।
जन्मदिन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि दलितों, वंचितों एवं शोषितों को अधिकार दिलाने के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष करने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी की जयंती पर शत शत नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि।
इस मौके पर राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के संस्थापक स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम जी, जो इस देश के करोड़ों-करोड़ों दलितों, वंचितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यको, महिलाओं तथा पिछड़े वर्गों के मान-स्वाभिमान के प्रतीक रहे हैं, ऐसे मसीहा के जन्मदिन के अवसर पर केंद्र सरकार व महामहिम राष्ट्रपति जी से भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग करता हूं।