आतंकी हमले से गरमाई कश्मीर की सियासत

  • सुरक्षा बलों पर भरोसा रखना चाहिए
  • नेकां व कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा
  • आतंकवादियों के सामने न झुकें पीएम मोदी, चुनाव कराएं : उमर अब्दुल्ला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आंतकी हमले व आपरेशन को लेकर सियासी संग्राम मचा हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव टालने की अटकलों का जवाब देते हुए इस बात पर जोर दिया कि सरकार को आतंकवादियों के दबाव में नहीं आना चाहिए और जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से प्रतीक्षित विधानसभा चुनावों में और देरी नहीं करनी चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने कहा, मौजूदा स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जितनी 1996 में थी।
हमारे सुरक्षा बल, पुलिस और अन्य एजेंसियां आतंकवादी हमलों से निपटने और जवाब देने में सक्षम हैं, जैसा कि कठुआ में देखा गया। हालांकि स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं है। यह इतना अस्थिर नहीं है कि हम इस साल के अंत में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं करा सकें। उमर ने कहा, हमें अपने सुरक्षा बलों पर भरोसा रखना चाहिए और अगर हम आतंकवादियों को सर्वोच्चता देना चाहते हैं तो चुनाव न कराएं। कश्मीर ने बदतर हालात का सामना किया है, लेकिन इससे जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर कभी असर नहीं पड़ा। पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 मामले पर अपने फैसले के दौरान, केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को सितंबर 2024 तक या उससे पहले जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद, प्रधान मंत्री और दोनों गृह मंत्री ने शीर्ष अदालत के आदेशानुसार इन चुनावों को समय पर कराने की पुष्टि करते हुए कई बयान जारी किये।

आतंकवाद को खत्म करने में विफल एनडीए सरकार : रसूल

जम्मू संभाग में बढ़ते आतंकी हमलों के खिलाफ कांग्रेस ने गुरुवार को जम्मू शहर में प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष विकार रसूल वानी के नेतृत्व में कांग्रेस ने एनडीए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान रसूल ने केंद्र सरकार पर आतंकवाद को रोकने में नाकाम होने का आरोप लगाया। रसूल ने कहा, पिछले तीन सालों में जम्मू संभाग में लगातार आतंकी हमलों में बढ़ोत्तरी हुई है। इसमें 42 के करीब जवानों ने अपना बलिदान दिया है। मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू कश्मीर को यूटी बना कर आतंकवाद को खत्म करने के कई दावे किए। चुनाव को दौरान भी देशभर में इसका ढिंढोरा पीटा गया, लेकिन वास्तविकता में मोदी सरकार आतंकवाद को खत्म करने में नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि हाल ही कठुआ के पहाड़ी क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में पांच सैनिक बलिदान हो गए और पांच घायल हुए। इससे पहले भी कठुआ, रियासी, डोडा, भद्रवाह जैसे इलाकों में आतंकी हमला कर चुके हैं। ये वे इलाके हैं जिनमें आतंकवाद का अबतक प्रभाव नहीं नजर आता था, लेकिन अब आए दिन इन जगहों पर भी हमले हो रहे हैं। ऐसे में सरकार के आतंकवाद को खत्म करने के सभी दावे खोखले नजर आते हैं।

उमर और फारूक भारत में पाक के राजदूत हैं : चुघ

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने जम्मू-कश्मीर में उल्लेखनीय विकास और शांति को स्वीकार नहीं करने एवं ‘पाकिस्तान से जुड़ी भावनाएं व्यक्त करने’’ के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला एवं उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा और कहा कि वे भारत में उस देश के राजदूत हैं। जम्मू-कश्मीर के लिए पार्टी के प्रभारी चुघ ने कहा, ‘‘फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला दोनों पर भारत में पाकिस्तान के राजदूत का ठप्पा लगा दिया जाना चाहिए। वे जम्मू-कश्मीर में हुए उल्लेखनीय विकास और शांति को स्वीकार किए बिना पाकिस्तान की ‘आईएसआई’ से जुड़ी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया है जो आईएसआई के एजेंडे को विफल करने के लिए अथक परिश्रम करते हैं। जब भी आईएसआई समर्थित आतंकवादी हमला करते हैं, अब्दुल्ला परिवार मोदी सरकार की आलोचना करने के लिए दौड़ पड़ता है।

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