खरगे ने किया कांग्रेस व गठबंधन की रणनीति का खुलासा

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने बताया कि आखिर क्यों कांग्रेस ने कम सीटों पर चुनाव लडऩे का फैसला लिया। खरगे ने कहा कि इंडिया ब्लॉक को एकजुट रखने और भाजपा को हराने की रणनीति के तहत कांग्रेस ने जानबूझकर इस लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव लड़ा है।
उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह कदम पार्टी के कम आत्मविश्वास को नहीं दिखाता है। यह समझौता एकजुट विपक्ष की जीत सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। इसलिए उन दलों को जगह दी गई, जिनकी विभिन्न हिस्सों में ताकत है।
खरगे ने प्रियंका गांधी वाड्रा को एक स्टार प्रचारक बताया और चुनाव नहीं लडऩे के उनके फैसले को सही ठहराया। यह पूछे जाने पर कि वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने की स्थिति में राहुल गांधी को कौन सी सीट छोडऩी चाहिए, उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी पसंद है।
उन्होंने कहा, हमने कम सीटों पर चुनाव लडऩे का सोच समझकर फैसला किया है। यह गठबंधन के सहयोगियों को एक साथ रखने के लिए किया जा रहा है और इसलिए हमने यह समझौता किया है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले अन्य दलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद हर राज्य में गठबंधन बनाने के लिए एक समिति गठित की थी। उन्होंने कहा कि इस रणनीति को पार्टी आलाकमान ने मंजूरी दी। हमने हर राज्य में विचार-विमर्श किया है।
बता दें, कांग्रेस 328 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जो अब तक की सबसे कम है। वहीं, इंडिया ब्लॉक में अन्य विपक्षी दलों के लिए 200 से अधिक सीटें छोड़ दी हैं।
केरल, बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में गठबंधन के कई सहयोगियों के एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लडऩे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार के खिलाफ लडऩे में कोई फूट नहीं है। हम राज्यों में इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि इंडिया की दोनों पार्टियां कुछ जगहों पर महत्वपूर्ण हैं, अन्यथा इससे भाजपा को फायदा होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हर राज्य का अलग गठबंधन है, लेकिन हम सभी भाजपा और मोदीजी की विचारधारा के खिलाफ लड़ रहे हैं। पार्टियों ने सोच-समझकर फैसला लिया है, जो राष्ट्र हित में है। यह पूछे जाने पर कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेता एनडीए संख्या के अनुमान लगाने में एकजुट नहीं हैं, इस पर उन्होंने कहा कि हर नेता का आकलन अलग होता है।
उन्होंने कहा, मैं कर्नाटक में उचित आकलन कर सकता हूं क्योंकि मैं राज्य को अच्छी तरह जानता हूं और सब कुछ जानता हूं। अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग फीडबैक आता है। लेकिन जैसा कि मैंने कहा है कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए जो संख्या जरूरी है, हमारे पास है। हम भाजपा को सत्ता में आने से रोकेंगे।
खरगे ने सपा के अखिलेश यादव के उस बयान पर भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईडी, सीबीआई की कोई जरूरत नहीं है और उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर हमारी सरकार आती है तो हम सभी कानूनों की समीक्षा करेंगे। लोगों को परेशान करने के लिए जो कुछ भी किया जा रहा है, हम उसका विरोध करेंगे। किसी ने भी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग की ऐसी प्रक्रिया नहीं अपनाई है जैसा कि भाजपा ने अपनाई है। जांच और उचित जांच होनी चाहिए लेकिन भाजपा खुद सबूत और मामले बना रही है और लोगों को सलाखों के पीछे डाल रही है।
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने सवाल किया कि विपक्षी नेताओं को चुनाव से पहले सलाखों के पीछे क्यों डाला जा रहा है? उन्होंने कहा, ‘जब वे पिछले 10 साल से सत्ता में थे तो उन्हें पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया? चुनाव चल रहे हैं और यहां नेताओं को धमकाया जा रहा है और परेशान किया जा रहा है और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जा रहा है, उन्हें प्रचार करने के लिए भी नहीं छोड़ा जा रहा है।’
उन्होंने कहा, भाजपा ने कोई समान अवसर नहीं रखा जा रहा है, क्योंकि विपक्षी नेताओं को धमकाया जा रहा है। ये चीजें लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं हैं और एक अधिनायकवादी शासन लागू किया जा रहा है।’ राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने प्रियंका गांधी के चुनाव नहीं लडऩे को सही ठहराते हुए कहा कि यह फैसला सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके द्वारा लिया गया था।

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