सीएम योगी को हटाने के चक्कर में खुद फंसे मोदी- शाह, RSS ने निकाल दी सारी हेकड़ी!

यूपी की सियासत में कुर्सी को लेकर जंग छिड़ी हुई है.... गुजरात लॉबी योगी आदित्यनाथ को हटाने का प्लान सेट कर रही थी....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश की सियासत में इस समय हलचल मची हुई है…. योगी बाबा सभी को पूरी छूट दे रखे हैं…. जिसने गुजरात लॉबी की मुश्किलों को बढ़ा दिया है…. जिससे बीजेपी और मोदी शाह की जमकर फजीहत हो रही है…. बता दें कि देश की सियासत में आने वाले दिनों में बड़ा फेरबदल होने वाला है….. मोदी कार्यकाल खत्म होने वाला है…… क्योंकि वो रिटायर होने वाले है जिसको लेकर आरएसएस ने अल्टीमेटम दे दिया है…. अभी हाल ही में हुए आरएसएस के कार्यक्रम में मोदी अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार सिरकत की थी…. जिसमें आरएसएस ने साफ बता दिया कि अब आपका समय पूरा हो रहा है…. अब कुर्सी छोड़ने का समय आ गया है…. जिसपर मोदी मे हामी भर दी और कहा है कि जब आपकी तरफ से कहा जाएगा हम कुर्सी छोड़ देंगे….. वहीं पीएम के रियाटर होने के बाद शाह की नजर पीएम की कुर्सी पर है….. और देश की सत्ता में गुजरात लॉबी अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है…… लेकिन गुजरात लॉबी के लिए योगी आदित्यनाथ सबसे बड़ा खतरा हैं….

जिसको देखते हुए गुजरात लॉबी ने योगी को हटाने के लिए तमाम कोशिशें की….. लेकिन मोदी-शाह का कोई प्लान काम नहीं किया…… और गुजरात लॉबी का सारा प्लान योगी को समझ आ गया और वे फ्रंटफुट पर खेलने लग गए है…… और योगी ने ऐसा प्लान सेट किया है….. जिससे मोदी- शाह की कुर्सी ही खतरे में आ गई है…… वहीं मोदी के रिटायर होने के बाद पीएम की कुर्सी कौन संभालेगा….. सारा प्लान सेट हो चुका है….. और शाह का मनसूबा कभी पूरा नहीं होगा…. यह भी बिल्कुल तय माना जा रहा है….. जिससे गुजरात लॉबी में हड़कंप मचा हुआ है….. उधर योगी बाबा ने ऐसा खेल खेला है….. जिससे मोदी और शाह की जमीन खिसकती हुई दिख रही है….. प्रदेश में आए दिन नये- नए विवाद सामने आ रहे हैं…. लेकिन योगी बाबा किसी भी मुद्दे पर बोलने से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं….. और इस समय चुप्पी साधे हुए है….. और गुजरात लॉबी की कोई बात नहीं सुन रहे है…..

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के गलियारों में इन दिनों हलचल मची हुई है……. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की कथित साजिश ने न केवल पार्टी के भीतर बल्कि देश की सियासत में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है…….. सूत्रों की मानें तो योगी को साइडलाइन करने की कोशिश करने वालों के लिए अब बुरे दिन शुरू हो चुके हैं……. इस बीच, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की विदाई की चर्चा जोरों पर है……. गृहमंत्री अमित शाह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं……. और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे घटनाक्रम में एक मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में हैं…… योगी आदित्यनाथ जो अब तक बैकफुट पर दिख रहे थे…….. अचानक फ्रंटफुट पर आ गए हैं……. और उनकी आक्रामक रणनीति ने विरोधियों को सकते में डाल दिया है…….

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के बाद योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया गया……. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय नेतृत्व के एक धड़े ने माना कि योगी की कट्टर हिंदुत्ववादी छवि……. और सख्त प्रशासनिक शैली ने कुछ वर्गों को नाराज किया…… जिसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ा…….. इसके बाद योगी को हटाने या उनकी भूमिका को सीमित करने की बातें शुरू हुईं…….. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई……. लेकिन योगी हिंदुत्व के एक बड़े चेहरे हैं…… इतनी आसानी से हार मानने वालों में से नहीं हैं…..

वहीं पिछले कुछ महीनों में योगी ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है……… जहां एक तरफ उन्होंने उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों को और तेज किया……… वहीं दूसरी तरफ हिंदुत्व के मुद्दों पर और आक्रामक रुख अपनाया…….. संभल में हरि विष्णु मंदिर के पुनरुद्धार से लेकर मथुरा…… और काशी में धार्मिक स्थलों को लेकर उनके बयान बीजेपी के कोर वोटरों को एकजुट करने की कोशिश के तौर पर देखे जा रहे हैं…….. योगी ने हाल ही में एक सभा में कहा कि जो हमारी आस्था पर चोट करते हैं…….. उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा…….. यह बयान न केवल विपक्ष के लिए बल्कि पार्टी के भीतर उनके विरोधियों के लिए भी एक साफ संदेश था…….

जेपी नड्डा का कार्यकाल पहले ही विवादों……. और आलोचनाओं से घिरा रहा है….. अब और दबाव में हैं……. 2024 के चुनावों में बीजेपी की सीटें कम होने के बाद नड्डा की संगठनात्मक क्षमता पर सवाल उठे……. पार्टी के एक धड़े का मानना है कि नड्डा केंद्र……. और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने में नाकाम रहे……. सूत्रों के मुताबिक नड्डा का कार्यकाल जल्द खत्म हो सकता है……… और उनकी जगह किसी ऐसे चेहरे को लाने की तैयारी है……. जो योगी जैसे मजबूत नेताओं को संतुलित कर सके…….. लेकिन योगी की बढ़ती ताकत ने इस गणित को और जटिल कर दिया है……..

वहीं गृहमंत्री अमित शाह  बीजेपी के चाणक्य के तौर पर जाने जाते हैं……. इस बार खुद मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं…….. योगी को हटाने की कथित योजना में शाह का नाम बार-बार सामने आया है…… हालांकि शाह ने सार्वजनिक तौर पर योगी के पक्ष में बयान दिए…….. लेकिन पार्टी के भीतर यह बात किसी से छिपी नहीं है कि दोनों नेताओं के बीच तनाव है…….. संसद में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान शाह ने योगी के रिपीट होने की बात कही…….. लेकिन अखिलेश यादव के तंज मुंह से निकला रिपीट, मन में था डिलीट……. ने इस मुद्दे को और हवा दे दी…… शाह की मुश्किलें तब और बढ़ गईं……. जब योगी ने अपनी रैलियों और बयानों से साफ कर दिया कि वह किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं……

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे घटनाक्रम को चुपचाप देख रहे हैं……. सूत्रों का कहना है कि मोदी न तो योगी को पूरी तरह नजरअंदाज करना चाहते हैं……. और न ही शाह को कमजोर करना…… लेकिन योगी की लोकप्रियता और हिंदुत्व की राजनीति में उनकी पकड़ को देखते हुए मोदी जानते हैं कि उन्हें साइडलाइन करना पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है…….. दूसरी तरफ शाह की रणनीतिक कुशलता और संगठन पर उनकी पकड़ भी मोदी के लिए अहम है…….. ऐसे में मोदी एक बार फिर अपने मास्टरस्ट्रोक से इस संकट को अवसर में बदल सकते हैं…….

 

 

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