सीबीआई स्पेशल कोर्ट से मिली लालू, राबड़ी और मीसा को जमानत

नई दिल्ली। बिहार में जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को जमानत दे दी है। आज तीनों लोग कोर्ट पहुंचे थे। वहीं, ष्टक्चढ्ढ के अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि वह आज जमानत का विरोध नहीं कर रही है। कोर्ट ने सभी को 50 हज़ार के निजी मुचलके पर ज़मानत दी है। अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी।
दरअसल, इससे पहले राजद प्रमुख से सीबीआई ने पूछताछ की थी। वहीं, सीबीआई के इस कदम का आरजेडी सहित विपक्ष के नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। बता दें कि, इस मामले में सीबीआई ने बीते अक्टूबर 2022 में लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी सहित 14 अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में सूबे के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तीसरी बार भी सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए है। जहां पर सीबीआई ने उन्हें मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो सीबीआई दफ्तर नहीं गए। उनका कहना है कि उनकी पत्नी की तबियत ठीक नहीं है। गौरतलब है कि, तेजस्वी की पत्नी राजश्री अभी प्रेग्नेंट हैं। हालांकि, इससे पहले भी तेजस्वी सीबीआई की पूछताछ में शामिल नहीं हुए है।
जानकारी के अनुसार, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई ने बीते 4 मार्च और 11 मार्च को पेश नहीं होने पर मंगलवार को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था। सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी मंगलवार को तीसरे नोटिस पर भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए।
बता दें कि, पिछले कुछ दिनों पहले सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से दिल्ली और पटना में पूछताछ की थी। जहां सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और अन्य 14 के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। इस दौरान सीबीआई ने सभी आरोपियों को स्पेशल कोर्ट ने 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा था।
क्या है मामला?
दरअसल, ये मामला आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ था। जहां पर उनके परिवार को गिफ्ट में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में हुई नियुक्तियों से जुड़ा था। इस दौरान सीबीआई ने अपने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के तय मानकों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं थीं।
इसमें आरोप लगाया गया है कि नौकरी के बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के जरिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को मार्केट रेट से काफी कम कीमत पर जमीन बेच दी थी। इस मामले में स्पेशल कोर्ट की जज गीतांजलि गोयल ने 27 फरवरी को प्रसाद की बेटी मीसा भारती समेत सभी आरोपियों को समन जारी किया था। जहां पर उन्हें 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था।

 

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