चारा घोटाले के एक और केस में लालू यादव दोषी
139 करोड़ से अधिक की हुई थी अवैध निकासी सजा का ऐलान 21 को
- 36 अन्य दोषियों को तीन-तीन साल की सजा सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी मामले में ट्रायल का सामना कर रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए हैं। सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा। विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने इस मामले में 24 अभियुक्तों बरी कर दिया है जबकि 36 अन्य को दोषी ठहराया है। अन्य दोषियों को तीन-तीन साल की सजा सुनायी है। चारा घोटाले का यह मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है। इसमें 139.35 करोड़ की अवैध निकासी की बात सामने आई थी। चारा घोटाले के सबसे बड़े आरसी 47 ए/96 के ये मामले दरअसल 1990 से 1995 के बीच के हैं। इस पर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। पूर्व में चारा घोटाले के अलग-अलग मामले में फिलहाल लालू यादव को हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है। डोरंडा कोषागार से जुड़े घोटाले में शुरुआत में 170 आरोपी थे। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया। वहीं सुशील झा और पीके जायसवाल ने कोर्ट के फैसले से पहले ही खुद को दोषी मान लिया था। वहीं मामले में छह नामजद आरोपी फरार हैं। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक केएम प्रसाद सहित 99 लोग शामिल थे। वहीं लोअर कोर्ट का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो चारा घोटाले से जुड़े पिछले मामलों में लालू यादव को तीन-तीन साल से ज्यादा की ही सजा सुनाई गई है।
चार मामलों में पहले ही सुनायी जा चुकी है सजा
इससे पहले लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में करीब 14 साल की सजा सुनाई गई थी। ये मामले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े थे। सजा के साथ उनको 60 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा था। फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं।
भाजपा सरकार ने दिया अपराधियों को संरक्षण : अखिलेश
- कानून व्यवस्था हो चुकी ध्वस्त, महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित
किसानों की आय नहीं हुई दोगुनी, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रायबरेली। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रायबरेली में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पहले चरण से ही सपा को समर्थन मिलने लगा है। इस बार भाजपा का खाता नहीं खुलेगा। गर्मी निकालने वाले भाजपा नेताओं के समर्थक ठंडे पड़ गए। दूसरे चरण का मतदान देखकर सुन्न पड़ गए हैं और जब रायबरेली के लोग वोट डालेंगे तो शून्य हो जाएंगे। गर्मी निकालने वाले की भांप निकल गयी है।
उन्होंने कहा कि जिनकी सरकार में देश में सबसे ज्यादा हिरासत में मौत हुई हैं वे कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं। इनके लोगों ने वसूली के लिए गोरखपुर में व्यापारी की जान ले ली। इनकी सरकार में एक आईपीएस फरार है। ये पच्चीस हजार के इनामी माफिया के लिए पिच बनवाकर क्रिकेट खिलवा रहे हैं। आज सबसे ज्यादा महिलाएं असुरक्षित है। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। जनता को सताया जा रहा है। कितने लोगों पर झूठे मुकदमें लगाये। ये पहले मुख्यमंत्री हैं जिन पर इतनी धाराएं थीं। सबसे ज्यादा अपराधियों को भाजपा सरकार ने संरक्षण दिया है। सपा तो सुधार ला रही थी। सौ नंबर वाली व्यवस्था सपा ने लागू की। किसी भी घटना पर पुलिस तुरंत पहुंचती थी। सौ नंबर को 112 कर पुलिस का कबाड़ा कर दिया गया। डबल इंजन सरकार में केवल भ्रष्टïाचार डबल हुआ है। यहां के जनसैलाब को देखकर लगता है कि अब केवल साइकिल की रफ्तार बढ़ेगी। सपा सरकार बनने पर तीन सौ यूनिट बिजली फ्री होगी किसी को बिल नहीं देना होगा। किसानों को सिंचाई फ्री दी जाएगी। सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करेंगे। बाबा मुख्यमंत्री ने लाखों स्मार्ट फोन और लैपटॉप बांटे लेकिन रायबरेली के लोगों को कुछ नहीं मिला। बाबाजी खुद लैपटॉप नहीं चला पाते हैं। गौशाला के नाम पर आया पैसा कहां गया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे लेकिन किसी किसान की आय दोगुनी नहीं हुई। खाद नहीं मिली। डीजल-पेट्रोल की कीमत बढ़ गयी। सपा सरकार आई तो हर महीने एक लीटर पेट्रोल फ्री देंगे। नौजवानों को रोजगार देने का काम करेंगे।
मेरी हत्या कराना चाहते हैं योगी: राजभर
- खुद पर हुए हमले के बाद सुभासपा प्रमुख ने लगाया गंभीर आरोप
- अपने हक के लिए आगे भी लड़ते रहेंगे हम, चुनाव आयोग से मांगी सुरक्षा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। वाराणसी में नामांकन के दौरान हुए विरोध के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि योगी मेरी हत्या कराना चाहते हैं इसलिए उन्होंने नामांकन के दौरान काले कोट वाले गुंडे भेजे। राजभर ने कहा कि भाजपा हमारी पिछड़ों की लड़ाई से डर गई है और हमें नुकसान पहुंचाना चाहती है। हम अपने हक के लिए आगे लड़ते रहेंगे। मेरी हत्या भी हो जाए तब भी यह लड़ाई जारी रहेगी। इस घटना पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। ओमप्रकाश राजभर ने नामांकन के दौरान हुए विरोध को हमला करार देते कहा कि ये हमला डीएम और प्रशासन की मिलीभगत से हुआ है। ओपी राजभर ने उनके और उनके बेटे अरविंद राजभर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
राजभर ने वाराणसी के प्रशासन पर सीएम योगी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नामांकन वाली जगह पर जब चुनाव आयोग ने तीन लोगों के आने की इजाजत दी थी तो वहां पर सैकड़ों गुंडे कैसे इकट्ठा हो गए। उन्होंने भाजपा के अब्बास अंसारी पर सवाल उठाने पर भी निशाना साधा। राजभर ने कहा कि अब्बास को मैंने प्रत्याशी बनाया है। सवाल उठाने वालों को ब्रजेश सिंह और सुरेश राणा पर भी जवाब देना चाहिए। ओम प्रकाश राजभर अपने जीते जी योगी को सत्ता में नहीं पहुंचने देंगे। शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ उस पर मैंने बोला वह योगी को अच्छा नहीं लगा। कमिश्नर और डीएम के रहते निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता, इनको हटाया जाए।
बेटे के नामांकन के दौरान हुआ था विरोध
ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर वाराणसी की शिवपुर विधान सभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी हैं। ओमप्रकाश राजभर जब अरविंद को लेकर नामांकन कराने पहुंचे तो भाजपा समर्थकों और अधिवक्ताओं ने उनका विरोध किया था।