यूपी में कानून व्यवस्था बेहाल विपक्ष ने उठाया योगी पर सवाल
इंदिरानगर में नाबालिग की हत्या से सहमी राजधानी
- न्यायालय परिसर में ताबड़तोड़ गोलीबारी कांड
- योगी सरकार के दावे हवा-हवाई
- कोर्ट रूम में हुई ताबड़तोड़ फायरिंग की जांच करेगी एसआईटी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ के एसी-एसटी न्यायालय परिसर में हुई ताबड़तोड़ गोलबारी कांड का मामला अभी शांत नही हुआ था कि इंदिरानगर में एक नाबालिग से दुष्कर्म के बाद हत्या से राजधानी में सनसनी फैल गई। इसके बाद प्रदेश की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई। सपा ने सुरक्षा वाले विशेष स्थानों पर इस तरह की वारदातों पर सवाल उठा दिया है। वहीं बसपा व कांग्रेस ने कहा है राज्य सरकार अपराध को नियंत्रित नहीं कर पा रही है। विपक्ष ने कहा कि कानून व्यवस्था ध्वस्त है। ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है। जो चाहे, जिसे चाहे, जहां मार दे। पुलिस हिरासत में हत्याएं हो रही हैं। कचहरी, थाने, कोर्ट में हत्याएं हो रही है। प्रदेश में लोग कहीं भी सुरक्षित नहीं है।
एससीएसटी कोर्ट रूम में बुधवार दोपहर वकील के भेष में आए हमलावर ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। मजिस्ट्रेट के सामने ही हमलावर ने कुख्यात अपराधी और माफिया मुख्तार का बेहद करीबी गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा(50) को ढेर कर दिया। दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। वकीलों ने दौडक़र हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है। वारदात से आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया। जिसमें एसीपी चौक का सिर फट गया। आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तब हालात पर काबू पा पाए। मुख्यमंत्री योगी ने घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। मोहित अग्रवाल, नीलब्ज़ा चौधरी और प्रवीण कुमार एक सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट देंगे। वहीं पुलिस ने जिला अदालतों में सुरक्षा बढ़ाने की बात कही है।
हर स्तर पर साजिश करते हैं भाजपाई : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोग हर स्तर पर साजिश करते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह भी संभव है कि वे हत्यारोपी के संबंध में सपा से जोड़ दें, लेकिन उनकी हर कारगुजारी जनता समझती है। प्रदेश में बेटियां, महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। लखनऊ, नोएडा, कानपुर में हर दिन दुष्कर्म और अन्य अपराधिक घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी क्यों बना रही है? एक बार नहीं बल्कि तीन बार से कार्यवाहक डीजीपी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कार्यवाहक डीजीपी इसलिए बना रही है, जिससे उनके लोगों और गुंडों को खुली छूट मिली रहे। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग 10 साल पहले के किस्से सुनाते हैं।
अपराध नियंत्रण सरकार के लिए बड़ी चुनौती : मायावती
लखनऊ कोर्ट परिसर में हुई संजीव जीवा की हत्या के मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि लखनऊ कोर्ट परिसर में सनसनीखेज गोलीकांड हुआ है। खुलेआम हुई हत्या यूपी में कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के मामले में सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसी घटनाओं से आम जनता में काफी दहशत है। सरकार सख्त कदम उठाए, बसपा की यही मांग है।
ट्रॉमा सेंटर में बच्ची से मिले मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे जहां उन्होंने फायरिंग के दौरान घायल हुई बच्ची से मुलाकात की।। डेढ़ साल की बच्ची एससी-एसटी कोर्ट रूम में हुए हत्याकांड के दौरान घायल हो गई थी। हमले में पुलिसकर्मी कमलेश व लाल मोहम्मद भी घायल हो गए थे। दोनों के पैर में गोली लगी थी। मुख्यमंत्री उनसे भी मुलाकात करेंगे।
अपराधियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही सरकार : खाबरी
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि अपराध पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली प्रदेश सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल साबित हुई है। राजधानी के कोर्ट परिसर में कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली कांड में एक बच्ची और सिपाही भी घायल हुआ। इससे साफ हो गया है कि सरकार अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है।
जीवा की पत्नी सुप्रीम कोर्ट पहुंची
लखनऊ कोर्ट में मारे गए गैंगस्टर संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने पति की हत्या के बाद आज सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। पायल ने पति के अंतिम संस्कार की रस्मों में शामिल होने की अनुमति और गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए अंतरिम राहत की मांग की है। जीवा की पत्नी पायल ने कहा कि पति की तरह मेरी भी हत्या कराई जा सकती है, इसलिए मुझे गिरफ्तार न किया जाए और सुरक्षा दी जाए। पायल ने गिरफ्तारी से राहत की भी मांग की। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगर जीवा की पत्नी अंतिम संस्कार में शामिल होती हैं तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। वहीं यूपी की योगी सरकार ने पायल को जीवा के अंतिम संस्कार में शामिल होने पर आपत्ति नहीं जताई, लेकिन सरकार ने कोर्ट से कहा कि इसे और कोई राहत न दी जाए। इसके बाद कोर्ट ने पायल को अपनी याचिका की कॉपी यूपी सरकार को देने को कहा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई : जीवा को लगीं छह गोलियां
डॉक्टरों के पैनल ने देर रात जीवा का पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट के मुताबितक उसके शरीर में छह गोलियां लगीं। सभी गोलियां पीठ पर बाईं तरफ से मारी गईं। सभी आसपास ही लगीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है है कि विजय खतरनाक शार्प शूटर है। आशंका यह भी है कि जब गोलियां मारी गई तो जीवा ने अपना दायां हाथ पीठ की तरफ कर दिया था। इसलिए उस हाथ की अंगुलियों को गोली छूते हुए निकली। इसके अलावा जो गोलियां बच्ची, उसकी मां व दो पुलिसकर्मियों को लगी, आशंका है कि जीवा को आरपास होने के बाद लगीं।
न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करें : प्रशांत
पेशी पर आए कुख्यात संजीव जीवा की हत्या के बाद विशेष पुलिस महानिदेशक, कानून एव व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सभी पुलिस आयुक्तों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा है। कहा है कि न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ करें। पेशी पर आने वाले अभियुक्तों की सुरक्षा के संबंध में अभिसूचना संकलन करें। जनपद न्यायधीशों, जिला मजिस्ट्रेट एवं बार के अधिकारियों के साथ समन्वय करें।