जन विश्वास यात्रा रैली में बोले कानून मंत्री- अब यूपी माफिया और गुंडा मुक्त

यात्रा को पूरे प्रदेश में मिल रहा अपार जनसमर्थन

लखनऊ। बीजेपी की जन विश्वास यात्रा को पूरे प्रदेश में अपार जनसमर्थन मिल रहा है। गोंडा व अयोध्या में यात्रा में लाखों लोग शामिल हुए। यात्रा का नेतृत्व कर रहे कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा यूपी अब गुंडा व माफिया मुक्त है। यूपी अब निवेशकों की पसंद बन गया है। सरकार भी उद्यमियों को सुविधाएं दे रही है। यहां निवेश होने से रोजगार सृजन होगा। कोविडकाल में सरकार ने हर जरुरतमंद का ख्याल रखा। पाठक ने कहा बिना भेदभाव के सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को दिया गया है।

गरीबों, किसानों का उत्थान सरकार की प्राथमिकता रही है। इसको ध्यान में रखकर योजनाओं बनी हैं। गरीबों को नि:शुल्क आवास, शौचालय गैस व विद्युत कनेक्शन दिया गया। पाठक ने कहा अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। यह काम पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प के चलते ही पूरा हो सकेगा। इस दौरान यात्रा का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया। रथ पर कानून मंत्री बृजेश पाठक, प्रदेश सरकार में मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, सांसद लल्लू सिंह, यात्रा के प्रभारी विजय बहादुर पाठक सहित कई लोग मौजूद थे।

मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि, वहां बनना चाहिए कॉरिडोर : हेमामालिनी

लखनऊ। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर मथुरा में भी कॉरिडोर बनाए जाने की वकालत की है। प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद हेमा मालिनी ने कहा कि काशी विश्वनाथ में बहुत सुंदर कॉरिडोर बना है। अयोध्या में भी भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। इसलिए सबको लगता है कि मथुरा में भी कॉरिडोर होना चाहिए। उन्होंने कहा सरकार के समक्ष यह मांग मैंने उठाई हैं।

राज्यसभा सदस्य जया बच्चन द्वारा भाजपा को श्राप दिए जाने के सवाल पर हेमामालिनी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री के मंच से उतरते हुए परेड मैदान में भगदड़ की स्थिति बन गई। कुछ ही पल में पूरा मैदान खाली हो गया। खास यह कि व्यवस्था में लगे अफसर भी गायब हो गए। इसका नतीजा रहा कि धक्का-मुक्की की शिकार सांसद हेमा मालिनी रो पड़ीं।

प्रधानमंत्री के जाने के बाद हेमा मालिनी भी निकलने लगीं, लेकिन गेट पर खड़े लोगों ने उन्हें घेर लिया। इस दौरान उन्हें धक्के भी लगे। वहां मौजूद सिविल डिफेंस के सदस्य के सुरक्षा कर्मियों की मदद से हेमा मालिनी को भीतर ले गए। इसके कुछ देर बाद वाराणसी की नंबर प्लेट वाले वाहन से उन्हें निकाला गया ताकि, कोई पहचान न सके। सिविल डिफेंस के सदस्यों ने भीड़ नियंत्रण तथा ट्रैफिक व्यवस्था में भी प्रशासन की मदद की।

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