अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट कर LIC हुआ मालामाल, बना लिया नया रिकॉर्ड

गौतम अडानी आज के इस दौर के मशहूर उद्योगपतियों में से एक हैं। अडानी ग्रुप आए दिन नया कीर्तिमान छू रहा है। वहीं आज अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट करने के बदौलत LIC भी मालामाल हो गया है। LIC के अडानी ग्रुप में निवेश करने के बदौलत 59प्रतिशत का फायदा हुआ है।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: आज के इस दौर में अरबपतियों की लिस्ट दिन प्रतिदिन लंबी होती जा रही है, जिस तरह से चीजें डिजिटल होती जा रही हैं, लोगों की डिमांड बढ़ती जा रही है, वैसे ही उद्योग भी बढ़ता जा रहा है। और साथ-साथ हर दिन कोई न कोई इस उद्योग के क्षेत्र में आगे बढ़ता जा रहा है। लेकिन इसी फील्ड में एक ऐसा मशहूर नाम है जिसे देश दुनिया में किसी भी पहचान की जरूरत नहीं है। आज उस शख्स का डंका चारों ओर बज रहा है। उद्योग जगत के लगभग हर क्षेत्र में अपनी अलग और बेहतर पहचान बना चुके हैं। जी हाँ हम किसी और की नहीं बल्कि बात कर रहे हैं मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी की। आज उनका व्यवसाय देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में फैल चुका है। आज गौतम अडानी भारत के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी हैं. फोर्ब्स की लिस्ट में वह 17वें स्थान पर है. उनकी नेट वर्थ की अगर हम बात करें तो लगभग 84 बिलियन डॉलर है. आलम ये है अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट करने के बाद आज हर बड़ी-बड़ी कंपनियां न सिर्फ दिवालिया होने से बच रही हैं बल्कि तरक्की की सीढ़ियां भी चढ़ रही हैं। ऐसा ही कुछ हुआ LIC के साथ।

LIC ने अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट करके मोटा फायदा उठाया है। दरअसल LIC के अडानी समूह की कंपनियों में निवेश की खबरों को लेकर कुछ समय पहले काफी चर्चा हुई थी. लकिन अब ऐसे समय में LIC और अडानी ग्रुप से जुडी एक ऐसी खबर सामने आई है जो की इसके निवेशकों को खुश करने और आलोचकों का मुंह बंद करने का काम कर सकती है. ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं, LIC को अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट करना काफी फायदेमंद साबित हुआ है। एलआईसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में अडानी समूह की कंपनियों में किए गए अपने इंवेस्टमेंट वैल्यू में 59 फीसदी का मुनाफा दर्ज किया है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के शेयरों पर निगेटिव असर से उन्होंने जोरदार वापसी कर ली है. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, अडानी समूह की सात कंपनियों में एलआईसी का कुल निवेश 31 मार्च, 2023 को (अड़तीस हजार चार सौ इकहत्तर करोड़ रुपये) से बढ़कर 31 मार्च, 2024 को (इकसठ हजार दो सौ दस करोड़ रुपये) हो गया. इसमें (बाईस हजार तीन सौ अठहत्तर करोड़ रुपये) की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस तरह देखा जाए तो शेयर बाजार के आंकड़ों में एलआईसी को वित्त वर्ष 2023-24 में अडानी समूह में निवेश घटाने के बावजूद अपने किए गए निवेश पर 59 फीसदी का मुनाफा हुआ.

वित्त वर्ष 2023-24 में अडानी की इन दो कंपनियों (अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड और अडानी एंटरप्राइजेज) के शेयरों में एलआईसी के इंवेस्टमेंट पर पर रिटर्न में क्रमशः 83 फीसदी और 68.4 फीसदी की बढ़त देखी गई. वहीं आपको बता दें कि इसी नफा नुकशान के बीच अडानी समूह की कंपनियों में कई विदेशी निवेशकों – कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, अबू धाबी स्थित आईएचसी, फ्रांसीसी दिग्गज टोटल एनर्जी और अमेरिका स्थित जीक्यूजी इन्वेस्टमेंट ने लगभग (पैंतालीस हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया. जब पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आई थी और इसके बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आई तो एलआईसी के निवेश को लेकर भी कई बार निंदा हुई जिसके बाद एलआईसी ने अपनी निवेश घटाया था लेकिन एक साल में ही इस इंवेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न एलआईसी ने हासिल कर लिया है।

हालांकि इससे पहले का साल अडानी के लिए कुछ खास बेहतर नहीं रहा था। 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी। रिसर्च फर्म ने 88 सवाल पूछे थे। इस रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के ज्यादातर शेयरों में लोअर सर्किट लग गया था। जिसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई। गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी काफी असर पड़ा। इस रिपोर्ट के आने के बाद गौतम अडानी को काफी नुकसान हुआ। वह दुनिया के अमीरों की सूची में टॉप 20 से भी बाहर भी हो गए थे। यहां तक कि इस मामले में कंपनी में निवेश करने वाली कंपनियों की मुश्किलें भी शुरू हो गई। वहीं LIC यानी जीवन बीमा निगम देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने भी अडानी समूह में बड़ा निवेश किया था। अडानी समूह में एलआईसी के निवेश को लेकर सवाल भी उठे। बता दें कि LIC ने अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में निवेश किया है। इसमें से सबसे ज्यादा निवेश अडानी टोटल गैस, अडानी पोर्ट्स और अडानी एंटरप्राइजेज में है।

इन सब के बावजूद सरकार के स्वामित्व वाली एलआईसी ने गौतम अडानी की कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई. मार्च तिमाही में अडानी एंटरप्राइजेज बीमा दिग्गज ने तीन लाख सत्तावन हजार पांच सौ शेयरों की खरीदारी की है. खास बात ये है कि ये खरीदारी ऐसे समय में की गई है, कंपनी के स्टॉक की कीमत करीब आधी से भी ज्यादा गिर चुकी थी. इस खरीदारी के बाद Adani Enterprises में LIC की हिस्सेदारी बढ़कर 4.26 फीसदी हो गई है, जो दिसंबर 2022 में 4.23 फीसदी थी. LIC ने मार्च तिमाही में Adani Enterprises ही नहीं, बल्कि अडानी ग्रुप की तीन और कंपनियों में भी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इनमें Adani Transmission, Adani Green और Adani Total Gas शामिल हैं. हालांकि, इस बीच कुछ कंपनियों में बीमा कंपनी की हिस्सेदारी कम भी हुई है. एलआईसी ने Adani Ports के अलावा गौतम अडानी की सीमेंट कंपनियों ACC और Ambuja Cement में स्टेक कम किया। यह आकड़ा निरंतर बढ़ता घटता रहा। लेकिन LIC ने अपना पूरा भरोसा अडानी ग्रुप पर जता के रखा। हालांकि इस बीच LIC और अडानी की आलोचना भी हुई।

वहीं हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से दो कारोबारी सत्रों में अडानी समूह काफी नुकसान उठाना पड़ा। एलआईसी के निवेश पर सवाल भी उठने लगे थे। लोग चर्चा कर रहे हैं कि अडानी की कंपनियों में एलआईसी ने इतना भारी निवेश किस रणनीति के कारण किया है, जबकि बाकी बीमा कंपनियां अडानी समूह में निवेश करने से बचती रही हैं। वहीं कुछ रिपोर्टस की माने तो LIC को छोड़कर दूसरी बीमा कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। बीमा कंपनियों के अडानी समूह में कुल निवेश का 98 फ़ीसदी से ज्यादा हिस्सा सरकारी नियंत्रण वाली LIC का ही है। लेकिन उस वक़्त भले ही भले ही LIC द्वारा किये गए अडानी ग्रुप में किये गए निवेश को लेरक LIC की आलोचना हुई थी। लेकिन अब जब LIC को अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट करने की बदौलत इतना बड़ा फायदा हुआ है कि कंपनी न सिर्फ डूबते हुए बची है बल्कि बीमा कंपनी ने इतना बड़ा मुनाफा कमा कर एक बड़ा मुकाम भी हासिल कर लिया है। जिसका पूरा का पूरा क्रेडिट अडानी ग्रुप और उद्योगपति गौतम अडानी को जाता है।

ऐसा नहीं है कि अडानी ग्रुप में इंवेस्टव करने से सिर्फ LIC को फायदा हुआ है बल्कि कई ऐसी कंपनियां हैं जिन्हे अडानी ग्रुप ने दिवालिया होने से बचा लिया है। आज के इस समय में अडानी ग्रुप लगभग हर क्षेत्र में अपनी बढ़त बनाए हुए है। वहीं अभी हाल ही में अडानी समूह महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक डेटा सेंटर बनाने जा रहा है. इसके लिए अडानी समूह ने जमीन की खरीदारी कर ली है. अडानी समूह ने डेटा सेंटर बनाने के लिए फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज से 25 एकड़ भूखंड की खरीद की है। बता दें कि खरीदा गया भूखंड 25 एकड़ से बड़ा है और पुणे के हवेली इलाके में पिम्परी इंडस्ट्रियल जोन में स्थित है. रिपोर्ट के अनुसार, जमीन का यह सौदा करीब 471 करोड़ रुपये में हुआ है. बताया जा रहा है कि अडानी समूह यहां डेटा सेंटर बनाने वाला है।

डेटा सेंटर की अगर हम बात करें तो इसे उभरता हुआ बिजनेस माना जा रहा है. अडानी समूह ने इस बिजनेस के लिए बड़ी योजना तैयार की है. इसके लिए अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने एजकॉनेक्स के साथ मिलकर एक जॉइंट वेंचर बनाया है. जेवी अडानी कॉनेक्स में दोनों की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी है. यह कंपनी चेन्नई, नवी मुंबई, नोएडा, विशाखापत्तनम और हैदराबाद जैसे शहरों में पहले ही डेटा सेंटर बनाने पर काम कर रही है. जेवी की योजना अगले दशक तक 1 गीगावाट क्षमता वाले डेटा सेंटर का नेटवर्क तैयार करने की है. अब ये माना जा रहा है कि अडानी इसमें भी जल्द ही नया कीर्तिमान बनाएंगे। ऐसे में गौतम अडानी के अडानी ग्रुप में निवेश करके आज जिस तरह से LIC ने नया मुकाम हासिल किया है ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। अडानी ग्रुप में निवेश करके न सिर्फ LIC बल्कि ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं जो की आज दिवालिया होने से बच गई हैं। और अडानी ग्रुप भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

Related Articles

Back to top button