पीछे हटे उपराज्यपाल, वापस लिया शिक्षकों के तबादले का आदेश
- दिल्लीवालों का संघर्ष लाया रंग : आतिशी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर पांच हजार शिक्षकों के तबादले रुकने को शिक्षा मंत्री ने दिल्लीवालों की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि सुबह शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी। इन शिक्षकों की मदद से पिछले 10 सालों में दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हुए हैं। इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे जेईई और नीट की परीक्षा पास कर रहे हैं। यह सभी इन शिक्षकों की कड़ी मेहनत के कारण हुआ है।
उन्होंने कहा कि ऐसा काम भाजपा शासित किसी राज्य में नहीं हो रहा। भाजपा शासित गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश इन सभी राज्यों में सरकारी स्कूल जर्जर अवस्था में हैं, कोई भी इन स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहता। वहीं केजरीवाल सरकार की 10 साल की मेहनत से दिल्ली में सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से बेहतर साबित हो रहे हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार को ठप करने के लिए भाजपा षड्यंत्र रच रही है। 11 जून को शिक्षा निदेशालय द्वारा एक ऑर्डर निकाला जाता है। इसमें कहा जाता है कि जो भी शिक्षक एक ही स्कूल में 10 सालों से पढ़ा रहा है तो उसका अनिवार्य रूप से स्थानांतरण होगा।
बीजेपी ने षड्यंत्र रचा पर सच्चाई जीती : दिलीप
दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी के निर्देशों के खिलाफ जाकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 5006 शिक्षकों का तबादला कर दिया गया था। इस ट्रांसफर आदेश का आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की थी। आज आखिकार सच्चाई की जीत हुई, भाजपा राजनैतिक जलन की वजह से ऐसा कर रही थी। बीजेपी शासित राज्यों में सरकारी स्कूलों की बुरी हालत है। स्कूलों की हालत खस्ता है। सरकारी स्कूलों के भवन नहीं हैं, अध्यापकों की कमी है। इनके राज्यों में सरकारी स्कूल ध्वस्त हो चुके हैं।