सबसे पहले पकती है ईदगाह की लीची, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए रहस्य

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुजफ्फरपुर की ईदगाह की लीची पक गयी है। इसकी तुड़ाई भी शुरू हो गयी और इसे दिल्ली भेजा जाने लगा। ईदगाह की लीची सबसे पहले पकती है। ये आज भी रहस्य है। इस गुत्थी को कोई नहीं सुलझा पाया है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपने अनूठे स्वाद के लिए मशहूर है। इसे जीआई टैग भी हासिल है। हर साल की तरह इस बार भी वर्ल्ड फेमस मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य लोग चखेंगे। लीची की तुड़ाई होने के बाद इसे दिल्ली भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार सीजन लेट है। लेकिन यह इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। वैज्ञानिक और लीची उत्पादक संघ का कहना है लीची की तुड़ाई 25 मई के बाद होगी। दूसरी ओर गौशाला रोड स्थित ईदगाह के अंदर बने लीची के बगान की फल की तुड़ाई शुरू हो गई है और उसे ट्रेन से दिल्ली भेजा जा रहा है। किसानों का दावा है ईदगाह की लीची सबसे पहले लाल होती है और यहीं सबसे पहले तुड़ाई होती है। इसी को देखते हुए किसान ईदगाह वाले बाग में तुड़ाई कर उसे लकड़ी के बॉक्स में पैक कर उसे दिल्ली भेजने में जुटे हुए हैं। लोकल 18 की टीम ईदगाह के बाग में पहुंची तो वहां किसान सह व्यापारी मोहम्मद निजामुद्दीन ने बताया सबसे पहले यहां लीची तुड़ाई होती है। यहीं से सबसे पहले जाती है इस बार भी यहां की लीची सबसे पहले तैयार हो गई है। इसे पैक कर दिल्ली की आजाद पुर मंडी भेजा जा रहा है। किसान ने बताया हमें इसका ऑर्डर नहीं आता है। हम यहां से माल मंडी भेजते हैं। किसान ने आगे बताया यह हमारी पहली तुड़ाई है। इसकी कीमत कम से कम 125 से 130 तक होगी उससे कम नहीं होनी चाहिए। लीची अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील कुमार के मुताबिक लीची की कई किस्में होती हैं और सभी किस्मों में फूल आने और फल पकने का समय अलग-अलग होता है। शाही लीची की क्रॉप में फूल पहले आ जाते हैं, जबकि, चाइना किस्म में थोड़ी देर से आते हैं। इसलिए उसमें 10 से 15 दिन का तुड़ाई का फर्क रहता है।

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