प्रशासनिक हत्या है महाकुंभ हादसा: राउत
- राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की गयी
- गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के चलते हुआ हादसा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने प्रयागराज में महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। संजय राउत ने कहा है कि वीवीआईपी पहुंचते हैं, तो पूरे घाट को बंद कर दिया जाता है। रक्षा मंत्री और गृह मंत्री गए थे, तो पूरे घाट को बंद कर दिया गया। इससे व्यवस्था के ऊपर दबाव बढ़ा, जिसके कारण यह भगदड़ मची। उन्होंने कहा,इस भगदड़ में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। यह प्रशासन द्वारा की गई हत्या है। उन्होंने कहा कि कुंभ के आयोजन में 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा पैसा खर्च हुआ है। आखिर कहां गया पैसा? अगर व्यवस्था अच्छी होती, तो आज इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं हुई होती।
आज इस घटना में सैकड़ों लोग जख्मी हो गए। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि भाजपा इस महाकुंभ के माध्यम से प्रचार करने में लगी हुई थी। भाजपा कुंभ के माध्यम से राजनीतिक लाभ अर्जित करने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने कहा कि जब वीवीआईपी वहां जाते हैं, तो पूरा घाट बंद कर दिया जाता है। इसी वजह से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई है। वीवीआईपी के लिए एक ही दिन निर्धारित किया जाना चाहिए जिसके तहत यह साफ निर्देश हो कि इसी दिन सभी वीवीआईपी आएंगे और किसी अन्य व्यक्ति को इस दिन आने की इजाजत नहीं होगी।
राजस्व मंत्री गौड़ा ने की यूपी सरकार की आलोचना
कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने भगदड़ में हताहतों के बारे में जानकारी छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की।बेलगावी में रहने वाले परिवार के सदस्य सुबह से ही उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे थे। हालांकि उनका फोन बज रहा था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे रिश्तेदारों में चिंता फैल गई। ज्योति के पति दीपक हत्तरवाथ ने बताया कि तीर्थयात्रियों के समूह में शामिल चिदंबर पाटिल नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि भगदड़ में उनकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई।
फडणवीस के दिल्ली दौरे पर उठाये सवाल
इसके अलावा, संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली दौरे को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें दिली जाने की जरूरत क्या है। सभी जानते हैं कि इन लोगों ने महाराष्ट्र में कैसे जीत हासिल की। अगर यही फार्मूला ये लोग दिल्ली में भी अपनाएंगे, तो निश्चित तौर पर इन्हें जीत मिल ही जाएगी।
आम श्रद्धालुओं को भी मिलनी चाहिए वीवीआईपी व्यवस्था : आदित्य ठाकरे
प्रयागराज के महाकुंभ में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर आदित्य ठाकरे ने कहा, महाकुंभ में जो घटना हुई वह बहुत दुखद है। भगदड़ में जिन भी श्रद्धालुओं मौत हुई है, उन्हें हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। जो घायल है वह जल्द ठीक हो जाए ऐसी हम कामना करते हैं, लेकिन यह घटना व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, जितना खर्चा सरकार ने विज्ञापन और वीवीआईपी पर किया। जैसी सुविधाएं वीवीआईपी को दी जाती हैं वैसी सुविधाएं आम श्रद्धालुओं को भी मिलनी चाहिए। वहीं अगर मंदिर या किसी अन्य धार्मिक स्थल के लिए सभ्य ड्रेस कोड है तो ठीक है। दुनिया भर में कहीं भी आप जाइए, वहां धार्मिकस्थल के लिए ड्रेस कोड होता है। आदित्य ठाकरे ने मुंबई में बढ़ रहे प्रदूषण पर सवाल उठाते हुए कहा, मुंबई का एक्यूआई बहुत ही खराब होता जा रहा है. सरकार की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, न कोई जवाब आ रहा है, न कोई बात सुनने के लिए सामने आ रहा है. एनवायरमेंट डिपार्टमेंट क्या कर रहा कुछ पता नहीं है. मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. मुंबई का एक्यूआई क्यों खराब हो रहा है कोई पूछने को तैयार नहीं।
महाकुंभ हादसे के लिए योगी सरकार जिम्मेदार : सौगत राय
कोलकाता। मौनी अमावस्या के दिन बुधवार तडक़े उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने व्यवस्था में कमी का आरोप लगाते हुए घटना की निंदा की है। तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने महाकुंभ हादसे पर दुख जाहिर करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले कह रही थी कि उन्होंने सारा इंतजाम किया है। आज मौनी अमावस्या है इस दिन तो वैसे ही ज्यादा भीड़ होती है। उत्तर प्रदेश सरकार को इस आयोजन की बेहतरीन व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मैं इसकी निंदा करता हूं।तृणमूल नेता कुणाल घोष ने महाकुंभ हादसे पर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, कि महाकुंभ में शासन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल रही। पश्चिम बंगाल में गंगा सागर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो इंतजाम करती हैं, प्रयागराज में वैसा कुछ नहीं किया गया। उन्होंने बेहतर इन्फ्रांस्टचर नहीं तैयार किया था। भाजपा सरकार को घेरते हुए उन्होंने आरोप लगाया, कुंभ में जो कुछ भी हुआ, उसको रोकने के लिए कोई योजना, कोई मॉनिटरिंग, कोई इंफ्रास्ट्रक्चर और कोइ क्राइसिस मैनेजमेंट नहीं थी।