महुआ को हाईकोर्ट से झटका
संसद में सवाल के बदले रिश्वत मामले में आवेदन खारिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने महुआ की उस अर्जी को खारिज किया है, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को ऐसी कोई भी सामग्री पोस्ट करने, प्रकाशित करने, अपलोड करन से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने संसद में प्रश्न पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी। तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने दावा किया था कि ये सबूत वकील जय अनंत देहादराई द्वारा प्रदान किए गए थे। लोकसभा स्पीकर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने कहा था कि उन्हें वकील और महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत का एक पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने मोइत्रा और जाने-माने बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच सवाल पूछने के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत साझा किए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जय ने एक विस्तृत शोध किया है जिसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि हाल ही में, मोइत्रा ने संसद में उनके द्वारा पूछे गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए थे।
फेमा उल्लंघन मामले में ईडी ने 11 मार्च को किया तलब
प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में पूछताछ के लिए टीएमसी नेता और निष्कासित लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को 11 मार्च को नया समन जारी किया है। मोइत्रा को फेमा के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए 19 फरवरी को दिल्ली में एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहीं और तीन सप्ताह का समय मांगा। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि मोइत्रा के खिलाफ फेमा के तहत मामला दर्ज किया गया है क्योंकि उसके पास अज्ञात सहित कुछ विदेशी लेनदेन के बारे में जानकारी है जिसकी अधिनियम के तहत जांच की जा रही है।