महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी की बड़ी सेंधमारी पकड़ी गई, सियासत में आया भूचाल!
हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हुई धांधली को लेकर विपक्ष लगातार मोदी औऱ चुनाव आयोग पर हमलावर है....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हुई धांधली को लेकर विपक्ष लगातार मोदी औऱ चुनाव आयोग पर हमलावर है…. वहीं विपक्ष लगातार चुनाव आय़ोग पर मोदी-शाह के इशारे पर काम करने का आरोप लगा रहा है…. वहीं इन आरोपों का चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर कोई असर नहीं दिखाई देता है…. और विपक्ष के सवालों का गोल-मोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लते हैं.,…. वहीं बीजेपी की नफरती राजनीति और सरकारी तंत्रों पर गुजरात लॉबी के कब्जे से पूरे देश की जनता परेशान है…. लोगों के पास रोजगार नहीं है…. नौकरी मांगने वाले छात्रों पर लाठियां बरसाई जा रही है…. और सारा घटनाक्रम सरकारल मूक-बधिर बनकर देख रही है…. मोदी और शाह को सिर्फ अपनी सत्ता बचाने की पड़ी हुई है…. बीजेपी ने अपनी नफरती राजनीति से पूरे देश में नफऱत फैलाने का काम कर रही है…. मोदी सरकार का मुख्य पेशा चुनाव में धांधली करवाना, जनता के बीच में नफरत फैलाना, सरकार गिराना, चुने हुए सीएम को जेल भेजना, और जब कोई नेता मोदी के बात न माने तो ईडी को उसके घर भेज देना मोदी सरकार का मुख्य़ एजेंडा है….
आपको बता दें कि चुनाव में धांधली करना मोदी सरकार की फितरत बन गई है…. जमीनी मुद्दो को छोड़कर मोदी सरकार के पास अन्य सभी मुद्दों पर बात करने के लिए समय ही समय है…. अपनी नाकामी को छुपाने के लिए मोदी जी लगातार पिछली सरकारों पर अपना ठीकरा फोड़ते हैं…. लेकिन एक बार भी मोदी ने कही भी य़ह नहीं बताने की जहमत उठाई है कि हमने अपने दस साल के कार्यकाल में क्या किया है…. कितने सार्वजनिक उपक्रम बनवाएं हैं जिनसे देश की जनता को रोजगार मिला है….. आपको बता दें कि मोदी ने अपने पिछले दस साल के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया है… सिर्फ पिछली सरकारों के द्वारा बनवाए गए सार्वजनिक उपक्रमों को बेंचने का काम किया है…. वहीं सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने के लिए बीजेपी को सत्ता में रहने की जरूरत होगी…. वहीं पिछले दस सालो से देश की जनता मोदी के झूठ से भलीभांति परिचित हो चुकी है…. और अब देश की कोई भी जनता बीजेपी को वोट देना नहीं चाहती है.,,, यह बात मोदी को लोकसभा चुनाव के बाद से भलीभांति ज्ञात हो चुका है…. जिसके चलते मोदी और अमित शाह ने चुनाव आय़ोग पर ही कब्जा कर लिया है…. और अपने मन मुताबिक वोटों में हेरा फेरी करवाकर चुनाव जीत रहें है….
आपको बता दें कि जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर हमारा लोकतंत्र चल रहा है….. भारत का चुनाव आयोग लाठी है….. और यह लाठी फिलहाल मोदी-शाह के हाथ में है इसलिए लोकतंत्र की भैंस उनकी ही है…… महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में छिहत्तर लाख वोट बढ़े…… इस बात का क्या रहस्य है कि आखिरी घंटे-डेढ़ घंटे में और खासकर मतदान अवधि खत्म होते-होते छिहत्तर लाख वोट बढ़ जाते हैं…… वोटिंग फीसदी बढ़ जाती है और इस अचानक बढ़े फीसद पर भाजपा…. और उसके दो पिछलग्गू सवा दो सौ सीटें जीतकर महाराष्ट्र में सरकार बनाते हैं….. यह सवाल महाराष्ट्र कांग्रेस ने चुनाव आयोग से पूछा….. लेकिन चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शंकाओं को खारिज कर दिया…. और फैसला सुनाया कि एक घंटे के भीतर छिहत्तर लाख वोट बढ़ना आसानी से संभव है….. हालांकि चुनाव आयोग इस बारे में कोई तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं दे सका कि आखिरी डेढ़ घंटे में यह मतदान कैसे बढ़ गया….. एक घंटे के भीतर छिहत्तर लाख मतदान कैसे बढ़ गया…. और उसमें भी भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा जीती गई सीटों पर भी औसतन पच्चीस हजार से तीस हजार तक मतदान अचानक कैसे बढ़ गया? ये प्रश्न बिल्कुल स्वाभाविक हैं और आम मतदाताओं का भी यही सवाल है….. यही सवाल हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भी उठाया गया…. वहीं अगर तस्वीर कुछ इस तरह होती कि मतदान केंद्रों के बाहर हजारों लोगों की लंबी कतारें हैं…. और मतदान करने के लिए मतदान केंद्र पर भीड़ उमड़ पड़ी है….. तो इस बढ़े हुए छिहत्तर लाख मतदान को वास्तविक माना जा सकता था….. इसी सिलसिले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज मांगी थी…..
जानकारी के मुताबिक, आयोग को इसे कोर्ट में जमा करना चाहिए था….. लेकिन पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के हरियाणा विधानसभा चुनाव मामले में ऐसे सीसीटीवी फुटेज मांगते ही सरकार के तोते उड़ गए….. और आदेश जारी कर दिया कि ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नागरिकों को नहीं दिया जा सकता….. यही संदेहास्पद है….. महाराष्ट्र में आखिरी घंटे में ‘पौन करोड़’ मतदान ब़ढ़ा यही अहम मसला है…. और चुनाव आयोग केवल इतना कहता है….‘ऐसा हो सकता है….’ ये छिहत्तर लाख वोटर जमीन से निकले या हवा से उतरे….. तो फिर मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज सामने क्यों नहीं लाए जा रहे हैं….. साफ मुद्दा यह है…. चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर साठ पेज का जवाब दिया…. और कहा कि छिहत्तर लाख वोट की बढ़ोतरी सही है….. तो फिर मतदान केंद्रों के साक्ष्यों और फुटेज को क्यों नकारा जा रहा है….. परली जैसे मतदान केंद्रों पर धनुभाऊ के गुंडे लोगों को मतदान केंद्रों पर फटकने नहीं दे रहे थे….. इस गुंडागर्दी का चित्रण किया गया…. यह आतंक कई विधानसभा क्षेत्रों में हुआ…. अगर चुनाव आयोग को यह सब नहीं दिखा तो उनकी आंखों का मोतियाबिंद बढ़ गया है…. और उन्हें अपनी पुतलियों की सफाई करानी चाहिए….
बता दें कि चुनाव आयोग का कहना है कि महाराष्ट्र में चुनाव पारदर्शी तरीके से कराए गए….. उनका कहना है कि वोटिंग प्रतिशत में बदलाव नामुमकिन है….. चुनाव आयोग का यह दावा महज सरकार की चमचागीरी है….. जो लोग शरद पवार की पार्टी को अजीत पवार को और शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को ऐरे-गैरे एकनाथ शिंदे को सौंप सकते हैं….. वे मोदी-शाह की जी-हुजूरी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं….. मौजूदा चुनाव आयोग को यह भान ही नहीं है…. कि वह एक संवैधानिक संस्था है…. और देश में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराना उसकी जिम्मेदारी है…..
लेकिन मोदी शाह की सहूलियत के अनुसार काम कर और नियमों को तोड़कर या बदलकर अपने को धन्य मानने वाले चुनाव आयोग से उम्मीद रखना बेमानी है, गलत है….. मतदाता सूची से हजारों नाम हटाए जाते हैं…. और हजारों नाम घुसा दिए जाते हैं…. हमारे चुनाव आयोग को नहीं लगता कि इसमें कुछ भी असाधारण है….. कई झोपड़पट्टियों में भाजपा स्वयंसेवक चुनाव से एक दिन पहले मतदाताओं की उंगलियों पर स्याही लगाकर एक हजार और पंद्रह सौ में मतदान न करने का सौदा कर रहे थे….. यह बात चुनाव आयोग की जानकारी में लाने के बावजूद आंखें मूंदने वाला चुनाव आयोग पारदर्शक चुनाव प्रक्रिया की बातें करता है….. और दूसरी तरफ चुनाव के नियमों में फटाफट बदलाव कर देता है….. ये सब लोकतंत्र के लिए घातक है…..
वहीं चुनाव आयोग इस तरीके से नियमों में बदलाव कर देश की आजादी…. और लोकतंत्र का गला घोंटने का काम कर रहा है…… जिससे चुनाव पर से विश्वास उठ जाए….. इसलिए महाराष्ट्र में मतदान केंद्रों पर शाम पांच बजने के बाद कोई कतार नहीं होने के बावजूद छिहत्तर लाख मत बढ़ गए यह चमत्कार खरा है….. इस तरह का दावा करने वाले भारतीय चुनाव आयोग की जय हो….. ऐसा ही कहना होगा….. मूलत: लोगों की चुनाव आयोग से एक ही मांग है….. वह यह कि महाशय जरा शाम को लगी कतारों और छिहत्तर लाख वोट बढ़े उनकी सीसीटीवी फुटेज दिखा दीजिए….. लेकिन चुनाव आयोग सवाल को एक वाक्य में खत्म कर देता है….. ‘मोदी है तो मुमकिन है….. छिहत्तर लाख वोट आसमान से बरसे हैं इसे मान लो…. धन्य है चुनाव आयोग….
आपको बता दें कि लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठता रहा है…. लेकिन गुजरात लाबी का भरपूर समर्थन मिलने की वजह से चुनाव आयुक्त को कोई फर्क नहीं पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है…. और विपक्ष के आरोपों का गोल-मोल जवाब देकर मामले को टरकाने का काम बड़ी आसानी से किया जा रहा है…. जिसके चलते विपक्ष के साथ-साथ आम जनता का भरोसा भी चुनाव आय़ोग से हटता जा रहा है…. बता दें कि जब देश की निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया ही सत्ता के इशारे पर काम करने लगेगी तो फिर देश का विकास कैसे संभव है….. वहीं लगातार दस सालों से देश का विकास कितना हुआ है… य़ह किसी से भी छिपा हुआ नहीं है…. आपको बता दें कि पिछले दस सालों में अपराध सबसे ज्यादा बढ़ा है…. बेरोजगारी ने रिकार्ड तोड़ दिय़ा है…. महंगाई से आम जनता की हालत खस्ता है….. रोज जीएसटी बढ़ाकर सरकार अपना जेब भर रही है…. आम जनता खून के आंसू रो रही है….