मनीष सिसोदिया ने अदालत में लगाई अर्जी, चुनाव प्रचार के लिए मांगी अंतरिम जमानत
नई दिल्ली। कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए आप नेता मनीष सिसोदिया ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए शुक्रवार को अदालत का रुख किया। सीबीआई और ईडी के लिए विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा दिन में बाद में सुनवाई के लिए आवेदन पर विचार कर सकती हैं। सीबीआई के साथ-साथ ईडी ने भी आरोप लगाया है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस बढ़ा दिए गए।
जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि लाभार्थियों ने कथित तौर पर अवैध लाभ को आरोपी अधिकारियों तक पहुंचाया और जांच से बचने के लिए अपने खाते की किताबों में गलत प्रविष्टियां कीं। पूर्व उपमुख्यमंत्री को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी, 2023 को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया। 28 फरवरी, 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को यहां एक अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में अभियोजन में देरी करा रहे हैं। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एजेंसी ने यह भी दावा किया कि सिसोदिया नीति का मसौदा तैयार करने के लिए जिम्मेदार थे और उन्हें तथा आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य सदस्यों को 100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत मिली थी। आप नेता ने राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया और मुकदमा शुरू होने में देरी का हवाला दिया।